The Lallantop

यूं पैदा हुआ था 'शोले' का ये आइकॉनिक डायलॉग, जो आगे चलकर धर्मेंद्र की पहचान बना

अमजद खान ने सिर्फ अपना डायलॉग बोला और धर्मेंद्र उन पर भड़क गए. फिर 'शोले' का सबसे धारधार डायलॉग, जिसकी नकल आज भी लोग करते हैं.

post-main-image
'शोले' लिखने वाले सलीम-जावेद को ये शिकायत रही कि फिल्म के सबसे आम डायलॉग सबसे ज़्यादा पॉपुलर हुए.

धर्मेंद्र का जब भी ज़िक्र छिड़ता है, बात होती है उनके गुस्से वाले अवतार की. कुत्तों के खून के लिए वहशियत रखने वाले किरदार की. हम में से अधिकांश अभी भी ‘सत्यकाम’ पर बातचीत करने में सहज नहीं हैं. लेकिन 'शोले' पर सब बतिया लेंगे. खैर, उनकी शराबी, गुस्सैल आदमी वाली इमेज पुख्ता करने में बड़ा हाथ था ‘शोले’ का. वो फिल्म जिसके आम से डायलॉग भी क्लासिक बन गए. ये एक ऐसा फैक्ट है, जिस पर ‘शोले’ लिखने वाले सलीम-जावेद को अब तक अचंभा होता है. गब्बर ने पूछा ‘होली कब है’ और लोग तालियां पीटने लगे. फिल्म का एक महा-पॉपुलर डायलॉग है, उसके पीछे भी इसी गब्बर का हाथ था. 

‘शोले’ की शूटिंग हो रही थी. सीन था जब वीरू (धर्मेंद्र) को गब्बर बांधकर रखता है. सामने बसंती है, जो थोड़ी देर बाद ही कांच के टुकड़ों पर कदम थिरकाने वाली है. गब्बर अपना डायलॉग बोलता है,

अरे ओ सांभा... उठा तो ज़रा बंदूक और लगा निशाना इस कुत्ते पर. 

ये डायलॉग वो कहता है वीरू के लिए. धर्मेंद्र का किरदार तो इस पर बाद में रिएक्ट करता, उससे पहले ही धर्मेंद्र बिगड़ गए. डायरेक्टर रमेश सिप्पी के सामने अपने हिस्से की नाराज़गी दर्ज करवाई. कहा कि ये नया एक्टर मुझे ऐसा कैसे बोल सकता है? धर्मेंद्र की तुलना में उस वक्त अमजद खान नए एक्टर ही थे. रमेश सिप्पी ने उन्हें समझाया कि वो तुम्हें कुत्ता नहीं बोल रहा. ये तो किरदार का डायलॉग है. धर्मेंद्र अपनी बात पर अड़े रहे. उनका कहना था कि ये डायलॉग ऑडियंस को बिल्कुल भी पसंद नहीं आने वाला. सब ने धर्मेंद्र को समझाने की कोशिश की. 

इस किस्से का सेटलमेंट किया खुद धर्मेंद्र ने. रमेश सिप्पी को पास बुलाया. कहा कि अगर ये मुझे कुत्ता बोलेगा, तो मुझे भी इसे कुत्ता कहना होगा. गब्बर के डायलॉग के बाद वीरू को कहना था, ‘बसंती तुम नहीं नाचना’. ये स्क्रिप्ट में लिखा हुआ डायलॉग था. मगर हमने ये नहीं सुना. हमने सुना, ‘बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना’. धर्मेंद्र ने खुद से ये डायलॉग बदल डाला. फिल्म में काम करने वाले सचिन पिलगांवकर ने मराठी में अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखी थी, ‘हाच माझा मार्ग’. उस किताब में ‘शोले’ के इस किस्से का ज़िक्र मिलता है.                

तो इस तरह जन्म हुआ 'शोले' के इस आइकॉनिक डायलॉग का. जो आगे चलकर धर्मेंद्र की पहचान बन गया और लोगों की बोलचाल का हिस्सा बन गया.

वीडियो: कांति शाह, बी ग्रेड फिल्मों का वो डायरेक्टर जिसने धोखे से धर्मेन्द्र से सेक्स सीन करवा लिया था