पुरानी वाली फ़िल्म में जादू था. नयी वाली में जादू ही गायब था. हम गए जादू ही देखने थे. वापस आ गए. बिना जादू देखे. फिल्म में जितना भी जादू है वो सिर्फ़ बातों में है. सिर्फ़ पुरानी कहानियां सुनाई गयी हैं. जादू के नाम पर.
हॉर्समेन वापस आ गए हैं. और उनके साथ आये हैं बेहतरीन ऐक्टर वुडी हैरेलसन. अंग्रेजी फिल्मों में इनसे बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग कम ही लोगों की है. मज़ा दोगुना तब हो जाता है जब फिल्म में इन्हीं का एक जुड़वां भाई भी मिल जाता है. एक अच्छा एक बुरा. एकदम ब्रिटैनिया के 50-50 बिस्कुट जैसा. साथ ही आई हैं लिजी कैप्लन. लिज़ी को इस फ़िल्म में देखकर तमाम वेबसाइटों पर 'देखें हॉट तस्वीरें' वाले पोस्ट्स बहुत ही जल्द आने वाले हैं. ये कहीं लिख के रख लिया जाए.

Woody Harrelson and Lizzy Caplan
डेनिएल रैडक्लिफ़ भी फ़िल्म में हैं. मगर पूरे वक़्त दिमाग में चलता रहता था कि ये क्यूं हैं. अगर हैं भी तो इनकी आवाज़ ऐसी क्यूं हैं? दरअसल हम हिन्दुस्तानी लोग हैं और हमें किसी और के पहले से बने हुए रूप से पार पाने में दिक्कत होती है. राहुल द्रविड़ टी-20 में एक के बाद एक तीन छक्के मार देता है तो उसके नाम के पेज बन जाते हैं फेसबुक पर - "I was alive when Rahul Dravid hit three sixes'. मज़ाक नहीं है ये, ऐसा सच में है. मुकेश खन्ना को हम आज भी शक्तिमान के रूप में देखते हैं. मिलिंद सोमन को कैप्टन व्योम, इमरान हाशमी को चूमने वाला हीरो. ऐसे ही डेनिएल अभी भी हैरी पॉटर है. उसे और किसी भी रूप में हम स्वीकार नहीं कर सकते. यहां ये बता दूं कि मैं खुद हैरी पॉटर फैन हूं. वो वाला फैन जो आज भी स्कूल के दोस्तों को हैरी पॉटर के पोस्ट्स में टैग करता फिरता है और जिसने ये हैरी पॉटर वाला क्विज़
बनाया था.

Daniel Radcliff
फिल्म के दो बड़े निराश करने वाले चेहरे - मॉर्गन फ्रीमैन और माइकल केन. ये दो बड़े नाम हैं. मैं जब इन्हें देखता हूं तो ये एक्स्पेक्ट करता हूं कि छाप तो ये छोड़ेंगे. आप बैटमैन को याद कीजिये. माइकल केन और मॉर्गन फ्रीमैन ही वो थे जो बैटमैन को ज़िन्दा रक्खे हुए थे. एक उसके हथियार बनाता था और दूसरा उसकी बैसाखी था. इस फिल्म में दोनों ही बस नाम को हैं. मन चाहता है कि हॉर्समेन को छोड़ ये दोनों लीड बन जायें पर ऐसा हो नहीं पाता. मार्क रफालो हमेशा की तरह अपनी ओर खींचते हैं. उनके चेहरे में कुछ तो है. उन्हें स्क्रीन पर देखते रहने का मन करता है.

Michael Caine, Morgan Freeman, Mark Ruffalo
डायरेक्टर जॉन एम चू ने ख्याल हर चीज का रक्खा लेकिन स्टोरी बहुत ही हल्की है. कैरेक्टर्स को कूल दिखाने के चक्कर में कहानी की कूलनेस कम कर दी. जादूगरों पर बनी फिल्म से जादू ही छूमंतर हो गया. बाकी जो चीज ट्रेलर से ही साफ़ थी वो ये कि फिल्म चीन में पहुंच जाती है. सभी अंट-शंट हरकतों वाली कहानियां चीन में ही पहुंच जाती हैं. न जाने क्यूं. और हां, एक बात और. इस फिल्म के डायरेक्टर ने फिल्म इस बात को ध्यान में रखकर बनाई है कि फिल्म पूरी तरह से उसकी ही है. उसके मन में जो आया है, उसने किया है. उसे कोई फ़र्क नहीं कि लॉजिक है या नहीं. मतलब वो बनाते टाइम ये सोच रहा होगा कि 'देखना है तो देखो, वरना घर जाओ. मैं तो यही दिखाऊंगा.'
एक अच्छी फिल्म का बकवास सीक्वेल. शायद सिर्फ़ इसलिए बना क्यूंकि पहला पार्ट अच्छा था. इसने कबाड़ा कर दिया. आगे न बढ़े कहानी तो अच्छा है. इतिश्री!