यूं ही अकड़ती है लड़की कड़क है तू जून की गरमी में ठंडी सड़क है तू जान से प्यारी है जान-ए-जिगर है तू मेरी मोहब्बत का पहला असर है तूलेकिन इस फ़िल्म में तो "आजा आज राजा, मेरे स्वैगर वाले राजा" सुनाई देता है. ये असहनीय है. बाल नोचने का मन करता है. इस फ़िल्म की सारी किरकिरी इसी स्वैग ने की है जो ठूंस ठूंस कर डालने की कोशिश की गई है.
फ़िल्म रिव्यू : जुड़वां 2
"यूं ही अकड़ती है लड़की कड़क है तू, जून की गरमी में ठंडी सड़क है तू" पिछली जुड़वां की फेवरिट लाइन.
Advertisement

फोटो - thelallantop
जुड़वां 2. पिक्चर रिलीज़ हुई. पहला शो देखने जा नहीं पाए. देर में सो के उठे. दूसरे में गए. अभी तक अफ़सोस है कि उठे ही क्यूं अपन? सोते रहते तो कितना अच्छा रहता. पुरानी जुड़वां में एक लय थी. उसमें मज़ा था. उसमें शक्ति कपूर था. तोतला. इसमें राजपाल यादव है. बकवास तोतला. उस फ़िल्म में गाने थे. सुनने में भयानक मज़ा आता था और अब भी आता है. एक एक लाइन याद है.
फ़िल्म देखते-देखते परेशानियां होने लगती हैं. समझ में नहीं आता कि दायें पैर पर बायां पैर चढ़ा के बैठा जाए या बायें पर दायां चढ़ा लिया जाए. बार बार दिमाग जाता है कि कल इंडिया मैच हार गया. 9 मैच लगतार जीते थे. 10 हो जाते. नहीं हो पाए. कोहली बढ़िया कप्तानी कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया की टीम भी कमज़ोर है थोड़ी. 2019 वर्ल्ड कप भी आने को है. धोनी खेलेगा या नहीं. तब तक मोबाइल पे नोटिफिकेशन आता है. फेसबुक चेक करने लगते हैं. एक-दो स्टेटस अपडेट कर लिए गए. वनलाइनर टाइप. क्यूंकि इस फ़िल्म में कॉमेडी भी वन-लाइनर के ही ज़रिये डालने की कोशिश की है. फिल्मों में वन-लाइनर्स के ज़रिये कॉमेडी जेनरेट की जाती रही है लेकिन उनमें कोई सेन्स होता है. यहां तो लाइन शुरू हुई और खतम. कुछ भी, कहीं से भी कहा जा रहा था. इसलिए क्यूंकि किसी ने लिख दिया था. फ़िल्म बकवास है. कमलेस ताऊ कह रहे थे कि किसी की फ़िल्म को बेकार मत कहा करो, बहुत मेहनत लगती हैं. हम तबसे यही सोच रहे हैं कि इतनी मेहनत लगा के इतना बेकार काम कोई क्यूं करेगा? फ़िल्म के अंत में सलमान खान आते हैं. दो दो सलमान. दो दो वरुण धवन के साथ. ये इस फ़िल्म का सबसे घटिया पॉइंट होता है. यहां आप कुर्सी के पीछे छुप जाना चाहते हैं. आप चाहते हैं कि आपकी आंखों में तेजाब की दो-चार बूंदें टपका दी जायें.
Advertisement
Advertisement
Advertisement