सर, क्या दीपिका पादुकोण का क्लीवेज पर हंगामा सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट था?
मुद्दा दीपिका की क्लीवेज नहीं, आपकी कम अकल है.

नहीं, दीपिका पादुकोण को प्रचार के लिए अपने वक्ष के बीच के हिस्से पर राष्ट्रव्यापी विमर्श और वाद विवाद संवाद की जरूरत नहीं. उनके पास बात करने के लिए ख्याल हैं. दिखाने के लिए एक्टिंग हैं. क्लीवेज कंट्रोवर्सी से पहले किसी एक्ट्रेस ने किसी मेनस्ट्रीम मीडिया पर इस तरह से सवाल नहीं उठाए. इसलिए सबको कुछ अटपटा लगा. पर मुद्दा दीपिका की क्लीवेज नहीं, आपकी कम अकल है. इन जैसियों के लिए से आपका क्या मतलब. इन्हीं जैसियों को आप स्कूल कॉलेज में अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहते हैं. इन्हीं जैसियों के साथ आप रेस्तरां में, पार्क में और फिर रूम में जाना चाहते हैं. इन्हीं जैसियों से आप शादी करना चाहते हैं. इन्हीं जैसियों को ट्रॉफी की तरह सजाना चाहते हैं. गैलेंट्री मैडल की तरह साथ ले पार्टियों में जाना चाहते हैं. अपने बच्चों की मां बनाना चाहते हैं. और आज जब इन्हीं जैसियों ने आपकी अश्लील आंखों की तरफ इशारा कर दिया, तो मिर्ची लग रही है. इन्हीं जैसी, मतलब कैसी. एक सफल लड़की. एक आजाद ख्याल लड़की. जिसने पहले बैटमिंटन, फिर मॉडलिंग और अब एक्टिंग में अपना नाम बनाने के लिए जमकर मेहनत की. वो सिर्फ मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण की बेटी बनकर नहीं रही. वह सिर्फ किंगफिशर कैलेंडर पर आकर संतुष्ट नहीं हुई. वह सिर्फ शाहरुख के साथ डेब्यू पर नहीं इतराई. और इसीलिए वह पिछले दो साल की सबसे सफल एक्ट्रेस बनीं. ठीक है कि वे सिनेमा से हैं, सेलिब्रिटी हैं. तो लोगों को उनकी ड्रेस, उनके फिगर, उनकी सुंदरता, उनके अफेयर्स पर बात करने का मौका मिल जाता है. मगर इसका मतलब ये तो नहीं कि वह मांस का एक लोथड़ा भर हैं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आप किसी इन जैसियों के फेर में न पड़ें. हुसड़ के कंटाप मारेगी और बुद्धि के कपाट खुल जाएंगे.