
# कौन हैं राज किरण?
राज किरण का जन्म 19 जून, 1949 को बंबई में हुआ था. 26 साल की उम्र में इन्होंने अपना एक्टिंग डेब्यू किया. बी.आर. इशारा की फिल्म 'कागज़ की नांव' से. इस फिल्म में राज के साथ सारिका भी नज़र आईं. पहली फिल्म के बाद काम की कमी न रही. दनादन मौके मिलते रहे. साल 1980 में राज किरण की 'कर्ज़' समेत कुल 8 फिल्में रिलीज़ हुईं. इसमें से कुछ फिल्मों के लीड एक्टर थे, तो कुछ में सेकंड लीड. दरअसल राज किरण का फेस कट ऐसा था कि वो बॉलीवुड के बने बनाए खांचे में फिट नहीं हो पा रहे थे. इस चक्कर में उन्होंने हर ओर फिल्म साइन कर ली, जो उन्हें ऑफर हुईं. पता ही नहीं चला कि राज कब फिल्मों की सेंचुरी मार गए. हालांकि इस दौरान उन्हें महेश भट्ट की 'अर्थ' और सुभाष घई की कल्ट फिल्म 'कर्ज़' में भी देखा गया. 'अर्थ' फिल्म में राज और शबाना आज़मी पर फिल्माया गाना 'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो' बहुत पसंद किया गया. वो गाना आप यहां क्लिक करके सुन सकते हैं-
सुभाष घई ने अपनी फिल्म 'कर्ज़' में उनका सबसे सही इस्तेमाल किया. 'कर्ज़' में राज का रोल फिल्म के हीरो रवि वर्मा का था. मगर रवि की मौत हो जाती है. और वो मॉन्टी ओबेरॉय के रूप में दोबारा जन्म लेता है. फिल्म में रवि का रोल राज ने निभाया और मॉन्टी का ऋषि कपूर ने. यानी दो एक्टर्स ने मिलकर एक ही किरदार को निभाया. ऐसा इसलिए पॉसिबल हो पाया क्योंकि राज किरण और ऋषि कपूर की शक्ल आपस में थोड़ी मिलती-जुलती थी. इसलिए पब्लिक को रवि और मॉन्टी को एक ही आदमी मानने में मुश्किल नहीं हुई. साथ ही फिल्म को ज़रूरी ऑथेटिसिटी भी मिल गई. इसलिए सुभाष घई को अपने समय के जीनियस फिल्ममेकर में गिना जाता था.

फिल्म 'कर्ज' के एक सीन राज किरण. इस फिल्म में उनका रोल नायक रवि वर्मा का था. जिसका नए चेहरे के साथ पुनर्जन्म हुआ था.
# फिल्मों से दूर क्यों हो गए राज किरण?
राज किरण ने अपने करियर में काम तो खूब किया. मगर उनकी फिल्मोग्राफी में क्वॉलिटी काम की भारी कमी दिखती है. उन्होंने लगातार एक जैसे किरदार निभाए. उन किरदारों के लुक्स भी कमोबेश एक से ही होते थे. राज किरण के रोल हमेशा पॉज़िटिव हुआ करते थे. कुछ फिल्मों में उनका कैरेक्टर नेगेटिव था. मगर फिल्म के क्लाइमैक्स में पता चलता कि उस किरदार को किसी मजबूरी में विलन वाली हरकत करनी पड़ी. इसी पॉज़िटिव झोल का नेगेटिव असर उनके करियर पर पड़ा. कहने का मतलब राज किरण ने कभी अपने काम में एक्सपेरिमेंट नहीं किया. इसलिए जब 90 के दशक में सिनेमा बदलने लगा. नए लोग आने लगे, तो राज को काम मिलना कम हो गया. इस चीज़ ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया. वो डिप्रेशन में चले गए. काम की कमी की वजह से पारिवारिक कलह शुरू हो गया. उनका परिवार टूट गया. पत्नी रूपा, बिटिया ऋषिका को लेकर अलग रहने लगीं. इस चीज़ का उन गहरा प्रभाव पड़ा.
मगर फिर भी वो अपने काम पर फोकस करने में लगे हुए थे. 1996 में राज को दिलीप कुमार के डायरेक्शन में बन रही फिल्म 'कलिंग' में कास्ट किया गया. मानसिक परेशानियों से घिरे राज ने ये फिल्म बीच में ही छोड़ दी. ये उनके करियर की आखिरी फिल्म साबित हुई.

अपने जवानी के दिनों में एक फोटोशूट के दौरान राज किरण.
# जब दीवार फांदकर साईं बाबा को मारने पहुंच गए राज किरण?
फिल्मों से दूर होने के बाद राज किरण अपने भाई गोविंद महतानी के साथ न्यू यॉर्क चले गए. वो वहां टैक्सी चलाकर गुज़ारा कर रहे थे. मगर फिर वो इंडिया आए. वो साई बाबा से मिलना चाहते थे. इसी मुलाकात के लिए वो बैंगलोर गए हुए थे. मगर भीड़-भाड़ के बीच वो साई बाबा से नहीं मिल पाए. इवेंट खत्म होने के बाद उन्हें साई बाबा के चैंबर की दीवार फांदते हुए पकड़ा गया. जब लोग उन्हें नीचे उतारने की कोशिश कर रहे थे, तब वो बड़े हिंसक हो गए. मीडिया ने खबर छाप दी कि राज किरण साई बाबा के चैंबर में घुसकर उन्हें मारना चाहते थे. इस घटना के बाद उन्हें लोकल पुलिस ने जेल में बंद कर दिया. इस सब के बीच उनकी मानसिक स्थिति बिल्कुल खराब हो चुकी थी. उन्हें मुंबई लाकर भायखला के मसीना मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया.
अस्पताल में महेश भट्ट, शबाना आज़मी समेत कई एक्टर्स उनसे मिलने पहुंचे. महेश भट्ट अपने एक इंटरव्यू में इस मुलाकात के बारे में बताते हैं. महेश कहते हैं कि फिल्म 'अर्थ' की शूटिंग के दौरान उन दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई थी. क्योंकि राज किरण बड़े खुशमिजाज़ टाइप के इंसान थे. साथ ही बढ़िया एक्टर भी थे. राज किरण ने जब अपन फिएट खरीदी तब उसे दिखाने महेश भट्ट के घर आए. साथ उन्होंने ये भी बताया कि अब उनका करियर बढ़िया चल रहा है. मगर जब महेश उनसे मिलने पहुंचे, तो वो हैरान हो गए. पुराना राज किरण कहीं गायब हो गया था. भायखला के उस अस्पताल में एक उदास आंखों वाला आदमी था, जिसने परिस्थितियों से हार मान ली थी.
महेश भट्ट बताते हैं कि मेंटल असाइलम से निकलने के बाद राज ने उन्हें फोन किया था. वो फिल्मों में काम चाहते थे. बकौल महेश उन्होंने कोशिश की. मगर इंडस्ट्री में एक बार किसी व्यक्ति के हिंसक या मानसिक रूप से बीमार होने की खबर फैल गई, तो उसे कोई काम नहीं देना चाहता. राज किरण को इंडस्ट्री से कोई सहारा नहीं मिला.

राज ने अपनी कुछ फिल्मों में नेगेटिव रोल्स किए. मगर उन्होंने अपने काम के साथ कभी एक्सपेरिमेंट नहीं किया. इसी वजह से बीतते वक्त के साथ वो अप्रासंगिक होते चले गए.
# अचानक कहां गायब हो गए राज किरण?
इंडस्ट्री से किसी तरह की मदद न मिलते देख राज किरण फिर से अपने भाई गोविंद के साथ न्यू यॉर्क चले गए. इसके बाद अगले 10 सालों तक राज के बारे में कोई खबर नहीं मिली. लोगों को ये भी पता नहीं था कि राज किरण जिंदा भी हैं या नहीं. ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री से उनके दोस्तों ने राज किरण को ढूंढना चालू किया. एक्ट्रेस दीप्ती नवल ने उन्हें ढूंढने के लिए एक फेसबुक पोस्ट लिखा. अपने इस पोस्ट में वो लिखती हैं-
''मैं फिल्मी दुनिया का हिस्सा रहे अपने एक दोस्त को ढूंढ रही हूं, जिसका नाम राज किरण है. हमारे पास उनकी कोई खोज-खबर नहीं है. आखिरी बार उन्हें न्यू यॉर्क सिटी में कैब चलाते देखा गया था. अगर किसी को इस मामले में कोई खबर मिले, तो प्लीज़ हमें बताइए.''प्रकाश झा के करियर की पहली फिल्म 'हिप हिप हुर्रे' में दीप्ती नवल ने राज किरण के साथ काम किया था. पहले इस फिल्म में अनिल कपूर काम करने वाले थे. मगर पैसों की वजह से उन्होंने ये फिल्म छोड़ दी. इसके बाद 'हिप हिप हुर्रे' में राज किरण को कास्ट कर लिया गया. तभी से दीप्ती और राज किरण दोस्त थे.
2011 में ऋषि कपूर अमेरिका गए हुए थे. वहां जाने पर उन्हें राज किरण की याद आई. क्योंकि दोनों ने फिल्म 'कर्ज़' में साथ काम किया था. ऋषि चाहते थे कि राज को ढूंढकर निकाला जाए और उन्हें वापस फिल्मों में लाया जाए. ऋषि को पता था कि राज के भाई गोविंद न्यू यॉर्क में रहते हैं. उन्होंने गोविंद को फोनकर राज के बारे में पूछा. इससे उन्हें जो पता चला, वो जानकर ऋषि कपूर सन्नाटे में चले गए. ऋषि अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं-
''जब गोविंद ने मुझे बताया कि राज ज़िंदा है, तब मेरी सांस में सांस आई. मुझे ये भी पता चला है कि राज एटलांटा सिटी के मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है. वो उसी संस्थान में काम करके अपने इलाज का खर्च निकालते हैं. जोशख्स एक दौर में स्टार हुआ करता था, उसे ऐसी हालत में देखना बहुत दिल दुखाने वाला है.''

प्रकाश झा के करियर की पहली फिल्म 'हिप हिप हुर्रे' के पोस्टर पर दीप्ति नवल के साथ राज किरण.
# जब चोरी-छिपे राज के घर में घुस गई मीडिया
राज किरण के गायब होने के बाद उनकी फैमिली से उनके बारे में पूछा जाता था. मगर फैमिली ने हमेशा यही कहा कि उन्हें राज के बारे में कुछ नहीं पता. मीडिया को कुछ सनसनीखेज़ मिल नहीं पा रहा था. एक दिन कुछ मीडियाकर्मी ऑफिसर बनकर उनके घर में घुस गए. उन सब ने स्पाय कैमरा लगाया हुआ था. वेष-भूसा देखकर राज की बिटिया ऋषिका को शक नहीं हुआ. सवाल-जवाब और घर के तमाम हिस्सो में घूमने के बाद वो मीडियाकर्मी उनके घर से निकल गए. जब अपने घर का फुटेज लोकल न्यूज़ चैनल पर चलते देखा, तब ऋषिका को रियलाइज़ हुआ कि वो लोग मीडिया से थे.
ऋषिका ने मीडिया की हरकत पर नाराज़गी जताया. उन्होंने कहा कि ये उनकी प्राइवेसी का हनन है. राज की फैमिली से अलगाव से जुड़ा एक और वर्ज़न मीडिया में चलता है. राज की मानसिक स्थिति खराब थी. उन्हें बहुत मूड स्विंग होते थे, जो उनका परिवार हैंडल नहीं कर पा रहा था. भाइयों ने इस वक्त राज किरण पर ध्यान नहीं दिया. राज की बीमार का इलाज काफी खर्चीला था, इसलिए फैमिली के किसी सदस्य ने ये जहमत नहीं उठाई. इसी दौरान पत्नी रूपा अपनी बिटिया को लेकर राज से अलग हो गईं.

राज किरण की बिटिया ऋषिका ने सबको उनके पिता के मामले से दूर रहने को कह दिया.
# आज कल कहां हैं राज किरण?
राज किरण आखिरी बार 1996 में 'कलिंग' फिल्म की शूटिंग के दौरान दिखे थे. उसके बाद वो अमेरिका चले गए. जहां से उन्हें ऋषि कपूर ने ढूंढ निकाला. मगर ऋषि कपूर को थैंक यू बोलने के बजाय राज का परिवार इस बात से नाराज़ हो गया. राज की बेटी ऋषिका ने कहा कि वो पहले ही काफी परेशान हैं. उन्हें और परेशान न किया जाए. साथ ही उन्होंने राज किरण को ढूंढ रहे तमाम लोगों से भी इस मामले से दूर रहने के लिए बोल दिया.
जब उनसे ऋषि कपूर की खोज के बारे में पूछा गया, तो ऋषिका ने कहा उन्हें इस मामले में कुछ नहीं पता. वो पिछले 10 सालों से खुद अपने पिता को ढूंढ रही है. न्यू यॉर्क सिटी पुलिस इसमें उनकी मदद कर रही है. साथ ही उन्होंने अपने पिता को ढूंढने के लिए एक प्राइवेट डिटेक्टिव भी रखा है. 2011 के बाद राज किरण फिर कभी चर्चा में नहीं आए. एटलांटा हॉस्पिटल वाली बात भी 10 साल पुरानी हो चली है. पक्के तौर पर अब भी किसी को नहीं पता कि राज किरण कहां हैं. हैं भी की नहीं!

राज किरण के निभाए अलग-अलग किरदारों की झलकी.