
# बेटे का नाम जॉन अब्राहम, पापा का नाम अब्राहम जॉन! जॉन अब्राहम का जन्म 17 दिसंबर, 1972 को बंबई में हुआ था. उनके पिता का नाम है अब्राहम जॉन. मलयालम से आने वाले अब्राहम पेशे से आर्किटेक्ट थे. जॉन और उनके पिता का नाम तकरीबन सेम है. ऐसा यूं है कि मलयालम में पिता का नाम, बच्चों को सरनेम के तौर पर दिया जाता है. जॉन जब पैदा हुए, तो उनका नाम फरहान था. मगर बैप्टाइजेशन के दौरान उनका नाम बदलकर जॉन कर दिया गया. जो कि उनके दादा जी का नाम था. तो इस तरह से फरहान बन गए, जॉन अब्राहम. जॉन की मां फिरोज़ा ईरानी हाउसवाइफ हैं. जॉन की शुरुआती पढ़ाई बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से हुई. उन्होंने मुंबई के ही जय हिंद कॉलेज से इकॉनमिक्स में बैचलर्स डिग्री हासिल की. जॉन आगे भी पढ़ना चाहते थे, इसलिए उन्होंने नारसी मोनजी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजसमेंट स्टडीज़ से MBA की पढ़ाई की.
कॉलेज खत्म करने के बाद उन्होंने मीडिया प्लैनर के तौर पर फर्म्स में काम करना शुरू कर दिया. इसी नौकरी के दौरान उनके बॉस ने उन्हें एक सलाह दी, जिससे उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गई. उन्होंने जॉन की कद-काठी को देखते हुए, उन्हें मॉडलिंग में हाथ आज़माने को कहा. इसी बातचीत के दौरान उन्होंने एक मॉडलिंग कंपटीशन का नाम भी बताया. जॉन को आइडिया ठीक लगा. उन्होंने तत्काल प्रभाव से उस कंपटीशन का फॉर्म भरा और उसमें हिस्सा लेने निकल पड़े. ये इवेंट था ग्लैडरैग्स मैनहंट कॉन्टेस्ट. जो कि मॉडलिंग के लिहाज़ से इंडिया का सबसे चर्चित कॉन्टेस्ट हुआ करता था. कमाल की बात ये कि जॉन वो कंपटीशन जीतकर ग्लैडरैग्स सुपरमॉडल ऑफ द ईयर बन गए. इसके बाद उन्हें इस इवेंट के इंटरनेशनल एडिशन में हिस्सा लेने का मौका मिला, जो कि फिलिपीन्स में हो रहा था. दुनियाभर के मॉडल्स से भरे इस इवेंट में जॉन अब्राहम फर्स्ट रनर अप रहे.

अपनी बॉस की सलाह पर जॉन कंपटीशन जीतकर ग्लैडरैग्स सुपरमॉडल ऑफ द ईयर बन गए. बाकी कंटेस्टेंट्स के साथ फोटोशूट के दौरान जॉन (लाल घेरे में).
# फिल्मों में कैसे आए जॉन अब्राहम? मॉडलिंग कॉन्टेस्ट जीतने के बाद जॉन को लगातार मॉडलिंग असाइनमेंट मिलने लगे. उन्होंने सिंगापोर, हॉन्गकॉन्ग, लंदन और न्यू यॉर्क समेत दुनियाभर के कई शहरों में मॉडलिंग की. मगर एक समय के बाद उन्हें लगने लगा कि वो चाहें कितने बड़े तोप बन जाएं, इंडिया में उन्हें कोई नहीं जानता. वो इंडिया में अपना नाम बनाने के ख्याल से अपने देश वापस लौटे. कुछ ही समय बाद वो इंडिया के हाइएस्ट पेड मेल मॉडल बन गए. इस फील्ड में उनकी सफलता को देखते हुए पंजाबी सिंगर जैज़ी-बी ने उन्हें अपने गाने 'सूरमा' के म्यूज़िक वीडियो में कास्ट किया. ये ऑडियो-विज़ुअल फील्ड में ये उनका पहला काम था. इसके बाद वो पंकज उधास के गाने 'चुपके चुपके' में नज़र आए. इस गाने ने उनका इंडिया में पॉपुलर होने के सपना पूरा कर दिया. इस गाने का वीडियो आप यहां देख सकते हैं:
'चुपके चुपके' में जॉन को देखने के बाद उन्हें फिल्मों के ऑफर आने शुरू हो गए. करण जौहर उन्हें अपनी फिल्म 'कभी खुशी कभी ग़म' से लॉन्च करना चाहते थे. मगर जॉन ने उस फिल्म में काम करने से इन्कार कर दिया. अगर आपको लग रहा है कि जॉन को ऋतिक वाले रोल में कास्ट करने की बात थी, तो आप गलत हैं. करण, जॉन को एक ब्लिंक एंड मिस रोल में कास्ट करना चाहते थे. ये किरदार था करीना के दोस्त रॉबी का. रॉबी, बमुश्किल फिल्म के तीन-चार सीन्स में नज़र आता है. सिर्फ उन सीन्स में जिसमें पू, रोहन को जलाना चाहती है. जॉन के इन्कार करने के बाद ये किरदार विकास सेठी ने निभाया.
खैर, जब ये सब चल रहा था तब जॉन ने किशोर नमित कपूर के यहां एक्टिंग क्लासेज़ लेनी शुरू कर दी थीं. मॉडल्स को फिल्मों में काम पाने के लिए ज़्यादा स्ट्रगल नहीं करना पड़ता है. जॉन से कुछ ही समय पहले अर्जुन रामपाल और डीनो मोरिया जैसे मॉडल्स फिल्मों में एंट्री मार चुके थे. खैर, जैसे ही जॉन का एक्टिंग कोर्स पूरा हुआ, उन्हें महेश भट्ट की लिखी फिल्म 'जिस्म' में लीड रोल में कास्ट कर लिया गया. इस फिल्म में उनकी लीडिंग लेडी थी बिपाशा बासु. फिल्म तो कुछ खास चली नहीं मगर अपने बोल्ड सीन्स की वजह से खूब चर्चा में रही. इस फिल्म में काम के लिए जॉन को फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट मेल डेब्यू कैटेरगरी में नॉमिनेट किया गया.

फिल्म 'जिस्म' के पोस्टर पर अपनी को-स्टार बिपाशा बासु के साथ जॉन.
# जो फिल्म अक्षय कुमार करने वाले थे, उसमें काम कर जॉन ने दुनियाभर में वाहवाही बटोरी! आज के समय में अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम अच्छे दोस्तों में गिने जाते हैं. क्योंकि दोनों 'गरम मसाला', 'हाउसफुल 2' और 'देसी बॉयज़' जैसी फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं. दोनों की लाइफस्टाइल भी कमोबेश सेम ही है. मगर अक्षय कुमार ने अपने करियर के शुरुआती दौर में सिर्फ मसाला और एक्शन फिल्मों में काम किया. मगर जब वो थोड़े मच्योर हुए, तो प्रयोगधर्मी काम पर उनका फोकस बढ़ गया. इसी कड़ी में उन्होंने 'जानवर', 'संघर्ष' और 'हेरा-फेरी' जैसी फिल्मों में काम किया. साल 2000 में दीपा मेहता अपनी एलीमेंट्स ट्रिलजी की आखिरी फिल्म 'वाटर' बनाने जा रही थीं. 'वाटर' आर्ट सिनेमा के घेरे में आती है. इस फिल्म में शबाना आज़मी और नंदिता दास के साथ अक्षय कुमार को कास्ट किया गया. मगर विवादों में फंसती-फंसाती ये फिल्म भी रोक दी गई. 2005 में दीपा ने अपने इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू किया. इस बार फिल्म में लिज़ा रे और सीमा बिस्वास मुख्य भूमिकाएं निभा रही थीं. जो रोल अक्षय करने वाले थे, वो जॉन अब्राहम को ऑफर हुआ. जॉन ने दोनों हाथों से इस मौके को लपका. 'वाटर' बनकर रिलीज़ हुई और दुनियाभर में खूब सराही गई. कैनडा की ओर से इसे ऑफिशियली बेस्ट फॉरन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में ऑस्कर भेजा गया. वहां फिल्म नॉमिनेट तो हो गई, पर अवॉर्ड नहीं जीत पाई.

दीपा मेहता डायरेक्टेड एलीमेंट्स ट्रिलजी की आखिरी फिल्म 'वाटर' के पोस्टर पर जॉन अब्राहम.
जॉन अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि 'वाटर' को रिप्रेज़ेंट करते हुए उन्हें दुनियाभर के दिग्गज फिल्मी लोगों के साथ ऑस्कर अवॉर्ड सेरेमनी देखने का मौका मिला. वो अवॉर्ड जीतने नहीं कियानू रीव्स, ग्वेनेथ पॉल्ट्रो और एंथनी हॉपकिंस जैसे एक्टर्स से मिलने गए थे. मगर वहां जॉन के साथ एक ऐसा हादसा हुआ, जिससे उन्हें लगा कि वो वाकई दुनियाभर में पॉपुलर हो गए. जॉन जिस होटल में ठहरे थे, वहां कोई हॉलीवुड एक्टर भी रुका हुआ था. उस एक्टर से मिलने के लिए उस होटल के बाहर जनता का भारी हुजूम उमड़ा हुआ था. ठीक इसी समय जॉन होटल से बाहर निकले और चारों तरफ से लोग उनका नाम चिल्लाने लगे. ज़ाहिर तौर पर वो भीड़ जॉन के लिए नहीं थी. मगर जॉन इस बात से खुश थे कि दुनिया के दूसरे देशों में भी इतने सारे लोग उन्हें जानते-पहचानते हैं. # जब एक फिल्म से देशभर में जॉन अब्राहम ने 'धूम' मचा दिया! जॉन फिल्मों में आने के बाद छोटे बजट की कैरेक्टर ड्रिवन फिल्मों में काम कर रहे थे. 'साया', 'पापा' और 'ऐतबार' इसी तरह की फिल्में थीं. इसके बाद जॉन को मिली वो फिल्म, जिसने उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का उभरता हुआ स्टार बना दिया था. यशराज फिल्म्स की संजय गढ़वी डायरेक्टेड 'धूम'. इस फिल्म ने जॉन ने बाइक प्रेमी एक चोर का किरदार निभाया था, जो कि फिल्म का विलन था. कमाल की बात ये कि 'धूम' इंडिया में बड़ी हिट साबित हुई. और इस फिल्म फ्रैंचाइज़ी की यूएसपी ही इसके विलंस बन गए. जब भी 'धूम' सीरीज़ की कोई नई फिल्म बनती, लोगों को ये जानने की उत्सुकता होती कि इस फिल्म में विलन का रोल कौन करने वाला है. 'धूम' के बाद जॉन अब्राहम कायदे से मेनस्ट्रीम फिल्मों का हिस्सा बनना शुरू हुए. अपने करियर में आगे उन्होंने 'गरम मसाला', 'काल', 'फोर्स', 'रेस 2' और 'शूटआउट ऐट वडाला' जैसी फिल्मों में नज़र आए.
इम्तियाज़ अली ने जब 'रॉकस्टार' पर काम शुरू किया, तब उन्होंने इस फिल्म के लिए जॉन अब्राहम को ही साइन किया था. रेडिफ को दिए इंटरव्यू में जॉन ने इस खबर की पुष्टि भी की थी. मगर फाइनली वो फिल्म रणबीर कपूर के साथ बनी. 'रॉकस्टार' की कास्टिंग से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा ये भी है कि इस फिल्म की लीडिंग लेडी के लिए अनुष्का शर्मा ने भी ऑडिशन दिया था. वो तकरीबन फिल्म में 'हीर' वाले रोल के लिए फाइनल हो चुकी थीं. मगर ऐन मौके पर उन्हें नर्गिस फखरी से रिप्लेस कर दिया गया. खैर, हम जॉन की बात कर रहे थे.
जॉन भले ही मुख्यधारा में आ चुके थे मगर अभी उन्हें सोलो हीरो वाली फिल्मों में अपना दमखम साबित करना बाकी था. पिछले कुछ समय में 'सत्यमेव जयते', 'परमाणु' और 'बाटला हाउस' जैसी फिल्मों से उन्होंने ये भी प्रूव कर दिया है कि वो अपने बूते भी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस सक्सेस बना सकते हैं.

फिल्म 'धूम' के एक सीन में जॉन. इस फिल्म ने उन्होंने एक बाइक प्रेमी चोर का किरदार निभाया था, जो कि फिल्म का विलन था
# जब जॉन ने आयुष्मान खुराना को लॉन्च करने के लिए प्रोडक्शन कंपनी खोल दी जॉन अब्राहम अपनी अति-साधारण लाइफ-स्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं. वो पार्टी नहीं करते. तमाम तरह के व्यसनों से दूर रहते हैं. कार मिली तो मिली नहीं तो ऑटो-रिक्शा लेकर किसी भी फिल्मी इवेंट में पहुंच जाते हैं. मीडिया इंटरैक्शन में भी उन्हें आसानी से चप्पलें पहने देखा जा सकता है. जॉन को सिर्फ दो चीज़ों का शौक है. बाइक और फुटबॉल. उनके गराज में आपके विंटेज से लेकर स्पोर्ट्स हर तरह की बाइक्स मिल जाएंगी. वो शुरुआती दिनों में फुटबॉल खेला करते थे. मगर अब समय की कमी की वजह से सिर्फ देखने का मौका मिल पाता है. इसकी कोर कसर उन्होंने खुद की फुटबॉल टीम खरीदकर पूरी कर ली. जैसे क्रिकेट के लिए IPL है, वैसे ही फुटबॉल की प्रोफेशनल लीग है ISL बोले तो इंडियन सुपर लीग. जॉन ISL में NorthEast United FC नाम की फुटबॉल टीम के मालिक हैं. उन्हें इस टूर्नामेंट के दौरान स्टैंड्स में अपनी टीम को चीयर करते हुए देखा जा सकता है.

अपनी फुटबॉल टीम नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड एफसी के सदस्यों के साथ जॉन अब्राहम.
2012 में जॉन अब्राहम ने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया. इस प्रोडक्शन हाउस के तहत बनने वाली पहली फिल्म थी आयुष्मान खुराना और यामी गौतम स्टारर 'विकी डोनर'. इस फिल्म को खूब तारीफ मिली और बॉक्स ऑफिस नंबर्स के तो क्या ही कहने. जॉन बताते हैं कि उन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस इसलिए शुरू किया, ताकि वो अपने मन की फिल्में बना सकें. सिनेमा ने उनको जितना कुछ दिया है, बदले में वो भी सिनेमा को कुछ दे सकें. अपने प्रोडक्शन हाउस के तले वो अब तक 'मद्रास कैफे' और 'परमाणु' जैसी फिल्में बना चुके हैं.
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जॉन अब्राहम ने बिपाशा के साथ अपना फिल्म डेब्यू किया था. उनके साथ वो 11 साल तक रिलेशनशिप में रहे. उनकी निजी लाइफ की चर्चा हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ये चीज़ उन्होंने खुद मीडिया में स्वीकारी है. खैर, बिपाशा से अलग होने के बाद प्रिया रुंचल नाम की एक एन.आर.आई लड़की से शादी कर ली, जिसका फिल्मों से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है.

पत्नी प्रिया रुंचल के साथ एक इवेंट के दौरान जॉन.
जॉन अब्राहम की आखिरी रिलीज़ हुई फिल्म 'मुंबई सागा' है. आने वाले दिनों में वो 'सत्यमेव जयते 2', 'अटैक', '1911', 'एक विलन 2' और शाहरुख खान की कमबैक फिल्म 'पठान' में नज़र आने वाले हैं.