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"हवाओं में एक सूनापन है..."- धर्मेंद्र के निधन पर अमिताभ बच्चन ने लिखा भावुक पोस्ट

अमिताभ 'शोले' में जय के किरदार के लिए पहली पसंद नहीं थे. वो धर्मेंद्र ही थे, जिन्होंने इस रोल के लिए रमेश सिप्पी को अमिताभ का नाम सजेस्ट किया था.

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2007 के IIFA अवॉर्ड्स में अमिताभ ने अपने हाथों से धर्मेंद्र को लाइफटाइम अचिवमेंट अवॉर्ड दिया था.

जय और वीरू. ये दो नाम दोस्ती का पर्याय बन चुके हैं. इन किरदारों को अमर करने वाले एक्टर्स हैं Dharmendra और Amitabh Bachchan. Ye Dosti Hum Nahi Todenge गाने के बजते ही लोगों की आंखों के सामने इन दोनों की तस्वीर तैरने लगती है. धर्मेंद्र अब इस दुनिया में नहीं हैं. ऐसे में अमिताभ ने देर रात को उन्हें अंतिम विदाई दी.

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अपने सोशल मीडिया पर धर्मेंद्र को याद करते हुए अमिताभ लिखते हैं,

"एक और दिग्गज और सम्मानित शख्स हमें छोड़कर चले गए. उन्होंने ये रंगभूमि छोड़ दी और पीछे रह गई एक खामोशी, जिसकी आवाज़ को सहना कठिन है. धरमजी. महानता की मिसाल. वो सिर्फ अपनी मजबूत फिजिकल प्रेजेंस के लिए ही नहीं, बल्कि अपने बड़े दिल और सादगी के लिए भी जाने जाते थे."

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अमिताभ ने आगे लिखा,

"वो पंजाब से अपने गांव की मिट्टी की खुशबू साथ लेकर आए थे और पूरी उम्र उसी सादगी व सच्चाई पर कायम रहे. फिल्म इंडस्ट्री में बहुत बदलाव आए, लेकिन वो कभी नहीं बदले. उनकी मुस्कान, उनका चार्म और उनकी गर्मजोशी. जो भी उनके पास आता, वो इसे महसूस कर पाता था. इस पेशे में ये ऐसा व्यक्ति मिलना रेयर है. अब हवाओं में एक सूनापन सा है. एक ऐसा खालीपन, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता. प्रार्थनाएं."

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अमिताभ बच्चन का पोस्ट.

'शोले' देखकर लोगों को अक्सर ये भ्रम हो जाता था कि धर्मेंद्र और अमिताभ हमउम्र रहे होंगे. मगर ऐसा नहीं था. धर्मेंद्र, अमिताभ से करीब 6 साल बड़े थे. वो उन्हें अपना छोटा भाई ही मानते थे. दोनों ने 'राम-बलराम', 'नसीब', 'दोस्त' और 'गुड्डी' समेत कई फिल्मों में साथ काम किया है. मगर सबसे ज्यादा चर्चा उन्हें 'चुपके-चुपके' और 'शोले' के लिए ही मिली. इन दोनों फिल्मों में उनकी केमिस्ट्री खूब पसंद की गई. 

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‘चुपके-चुपके’ के दौरान अमिताभ, धर्मेंद्र और असरानी.

खास बात ये है कि अमिताभ 'शोले' में जय के किरदार के लिय पहली पसंद थे भी नहीं. उनकी जगह इसमें शत्रुघ्न सिन्हा को कास्ट किया जाना था. मगर वो धर्मेंद्र ही थे, जिन्होंने इस रोल के लिए रमेश सिप्पी को अमिताभ का नाम सजेस्ट किया था. साल 2007 के IIFA अवॉर्ड्स में अमिताभ ने अपने हाथों से धर्मेंद्र को लाइफटाइम अचिवमेंट अवॉर्ड दिया था. उस दौरान उन्होंने मंच से स्वीकारा कि धर्मेंद्र के कारण ही उन्हें 'शोले' मिली थी.  

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‘शोले’ का आइकॉनिक बाइक और सिक्का उछालने वाल सीन.

 अमिताभ के लिए धर्मेंद्र को विदाई देना आसान नहीं रहा होगा. क्योंकि 'शोले' की उस आइकॉनिक 1942 BSA WM20 मोटरसाइकल के साइडकार में अब वो अकेले छूट गए हैं. गाड़ी चलाने वाला तो कहीं आगे चला गया है. 

वीडियो: धर्मेंद्र को प्रेरणा मानने वाले मुकेश ऋषि ने बताया, सेट पर उनसे मिलने क्यों नहीं गए?

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