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जब अमिताभ बच्चन ने डॉक्टरों से कहा कि उनकी मां को गुज़र जाने दीजिए

''मैंने कहा, छोड़ दीजिए डॉक्टर. छोड़ दीजिए उन्हें. अब वो जाना चाहती हैं.''

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अपनी मां तेजी बच्चन के साथ अमिताभ बच्चन.

Amitabh Bachchan ने अपनी मां Teji Bachchan की बरसी पर उन्हें याद किया है. अमिताभ ने बताया कि डॉक्टर लोग उनकी मां को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे थे. मगर उन्होंने खुद डॉक्टरों को रोका. और कहा कि उनकी मां को गुज़र जाने दीजिए. क्योंकि बचाने की हर कोशिश उन्हें बहुत तकलीफ दे रही थी.

अमिताभ बच्चन नियमित रूप से ब्लॉग लिखते हैं. 21 दिसंबर को उन्होंने अपने ब्लॉग में अपनी मां को याद किया. अमिताभ ने तेजी बच्चन को याद करते हुए लिखा-

''आज उनकी याद में कोई फोटो नहीं. क्योंकि कोई भी तस्वीर उनकी खूबसूरती के साथ न्याय नहीं कर पाती. वो आज की ही सुबह अपने स्वभाव की ही तरह बिल्कुल शांति से गुज़र गईं. मैं वहां खड़ा डॉक्टरों को बार-बार उनके नाज़ुक दिल को ठीक करने की हरसंभव कोशिश करता देखता रहा. वो बार-बार उन्हें पंप कर रहे थे, ताकि उन्हें वापस जिलाया जा सके. हम बच्चों से लेकर सभी वहां उनका हाथ पकड़े रोते खड़े रहे. फिर मैंने कहा, छोड़ दीजिए डॉक्टर. छोड़ दीजिए उन्हें. अब वो जाना चाहती हैं. रुक जाइए. अब और कोशिश मत करिए. क्योंकि आपकी हर कोशिश उनके शरीर को तकलीफ दे रही है. और हम सब के लिए उन्हें इस हालत में देखना बर्दाश्त से बाहर की बात है. हर बार (ECG मशीन) पर सीधी लाइन आती और फिर से उनके शरीर को पंप किया जाने लगता. जिससे वो लकीर टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती. रोक दीजिए इसे, मैंने कहा.''

अमिताभ बच्चन आगे लिखते हैं-

''वो एक सीधी लकीर मॉनिटर पर हमारे लिए संदेश था कि वो इस दुनिया को छोड़कर जा चुकी हैं. जैसे लोग अपने करीबी लोगों के गुज़रने पर कहते हैं कि वो एक बेहतर जगह चली गईं. ये वो शब्द हैं, जो हम किसी अपने के गुज़रने पर सांत्वना देने के लिए सुनते-कहते हैं.''

तेजी बच्चन टीचर थी. सामाजिक कार्यकर्ता थीं. अमिताभ और अजिताभ बच्चन की मां थीं. कवि हरिवंशराय बच्चन की पत्नी थीं. 21 दिसंबर, 2007 को 93 साल की उम्र में तेजी बच्चन का निधन हो गया था. उसके पहले वो तबीयत खराब होने की वजह से लंबे समय तक मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती थीं.

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