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मिलान से लौटकर मेवात जीतने वाली नौक्षम चौधरी कौन हैं?

इनका एक बयान बड़ा चर्चित हुआ था, “किसी ने ईंट चलाई तो पत्थर से जवाब दूंगी. ऐलान कर रही हूं. हमें गोली भी चलानी आती है. हमें सारे काम आते हैं.''

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नौक्षम चौधरी की चर्चा राजस्थान के साथ-साथ हरियाणा में भी है.

राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे (Rajasthan Assembly Election Results 2023) हमारे सामने हैं. 115 सीटों पर भाजपा का कमल खिला है. ज़ाहिर है, इस प्रदर्शन से भाजपा खुश है. लेकिन एक ऐसी सीट है, जहां भाजपा की जीत की चर्चा जयपुर से लेकर दिल्ली तक है - हरियाणा से सटे मेवात इलाके की कामां सीट से जीती भाजपा नेता नौक्षम चौधरी. Nauksham Chaudhary को 78646 वोट मिले. दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी मुखत्यार अहमद. इसी सीट से 2008 और 2018 में विधायक रह चुकीं कांग्रेस नेता जाहिदा खान तीसरे नंबर पर रहीं. 

मिरांडा हाउस कॉलेज की एक लड़की, जो लंदन और मिलान में पढ़ी, सिंगापुर में फैशन इंडस्ट्री में मोटी तनख्वाह पर काम कर रही थी, वो मेवात जैसे पिछड़े इलाके की राजनीति में उतरी, तो उसका चर्चा में आना लाज़मी था. 

नौक्षम चौधरी ने 13,906 वोटों से जीत हासिल की. (फोटो/चुनाव आयोग)
मम्मी-पापा-चाचा-मामा, सब अफसर हैं

30 बरस की नौक्षम हैं मेवात से ही, लेकिन हरियाणा वाले मेवात की. पैतृक गांव है पुन्हाना ज़िले का पेमा खेड़ा. उनकी मां रंजीता कौर हरियाणा काडर में IAS ऑफिसर हैं और पिता राम सिंह चौधरी रिटायर जज हैं. उनके चाचा भी आईपीएस ऑफिसर थे. नौक्षम के मामा भी सरकार में बड़े ओहदे पर हैं. नौक्षम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से हिस्ट्री की पढ़ाई की है. एक इंटरव्यू में नौक्षम ने बताया है कि मिरांडा हाउस में पढ़ाई के दौरान उन्होंने खूब सारी डिबेट्स में पार्टिसिपेट किया. इसके अलावा नाटक लिखने और स्टेज पर एक्टिंग करने में भी उनकी दिलचस्पी रही है. उन्हें 10 भाषाओं का ज्ञान है.

DU के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए इटली के मिलान शहर चली गई. यहां से उन्होंने फैशन, बिजनेस और ब्रांड मैनेजमेंट में मास्टर्स की पढ़ाई की. मिलान से वो पहुंची लन्दन जहां उन्होंने मीडिया प्रमोशन एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई की.

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25 नवम्बर को हुए मतदान के बाद नौक्षम चौधरी (फोटो/फेसबुक )

पढ़ाई के बाद उन्हें अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिली, सिंगापुर में. यहां उन्हें कुछ टॉप फैशन ब्रांड्स के लिये पब्लिक रिलेशंस का काम देखना था. कुछ वक्त नौकरी करने के बाद नौक्षम ने पॉलिटिक्स को पहली प्रायोरिटी बनाया. नौक्षम पहली बार चर्चा में आईं 2019 में. जब उन्हें हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिये पुन्हाना सीट से टिकट देने के लिए भाजपा ने सिटिंग विधायक रहीश खान का टिकट काट दिया. खान बाग़ी हो गए, चुनाव लड़े और हार गए. जीत नौक्षम भी नहीं पाईं, तीसरे नंबर पर रहीं. 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी ने उन्हें डीग ज़िले की कामां सीट से उतारा. और इस बार वो सफल रहीं.

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चुनाव प्रचार के दौरान नौक्षम चौधरी (फोटो/फेसबुक)
विवादित बयान दिया और चुनाव आयोग ने नोटिस थमा दिया

चुनाव प्रचार के दौरान नौक्षम का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वे कह रही हैं,

 “किसी ने किसी ने ईंट चलाया तो पत्थर से जवाब दूंगी. ऐलान कर रही हूं. हमें गोली भी चलानी आती है. हमें सारे काम आते हैं. और जूते से इलेक्शन लड़ना आता है. इसका ऐलान करती हूं.” 

इस बयान के बाद रिटर्निंग ऑफिसर विनोद कुमार ने उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन एक रिमाइंडर के बाद ही नौक्षम ने जवाब दिया. आगे क्या कार्रवाई हुई, इस पर जब हमने विनोद कुमार से बात की तो उनका कहना था कि हमने आगे की कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी थी. वैसे नौक्षम दावा करती हैं कि जिस वीडियो पर उन्हें नोटिस जारी हुआ, वो एडिट किया हुआ था.

‘मेवात की बेटी’

क्योंकि नौक्षम का पैतृक गांव हरियाणा में है, इसलिए उन पर बाहरी होने का आरोप लगा. लेकिन उन्होंने “मेवात की बेटी” का नारा बुलंद किया. कामां के पत्रकार बताते हैं कि इस सीट पर कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री और सिटिंग एमएलए जाहिदा खान का भारी विरोध था. निर्दलीय कैंडीडेट मुख्तियार अहमद ने इसे भुनाया. मुख्तियार और जाहिदा के बीच वोटों का बंटवारा हुआ और फायदा मिला नौक्षम को.  

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