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जब रोहिणी की शादी में लालू के रिश्तेदारों ने शोरूम से लूट ली थीं 50 कारें!

बिहार चुनाव में हार के अगले दिन रोहिणी ने परिवार छोड़ने का ऐलान कर दिया. उनकी शादी में जो हुआ था, पटना उसे कभी भूल नहीं सकता. तेजस्वी तब सिर्फ 12 साल के थे.

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रोहिणी आचार्य की शादी के समय उनकी मां राबड़ी देवी बिहार की CM थीं. (सांकेतिक तस्वीर: instagram.com/rohiniacharyayadav)

2002 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य की शादी थी. वही रोहिणी जिन्होंने बिहार में महागठबंधन की हार के अगले दिन राजनीति और परिवार दोनों छोड़ने का ऐलान कर दिया. और उसके अलगे दिन अपने भाई तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगा दिए. 

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रोहिणी की जब शादी हुई थी तब तेजस्वी 12 साल के थे. शादी का अंदाज बिल्कुल शाही, राजे-रजवाड़ों वाला था. मसलन, रोहिणी के पति राव समरेश सिंह भी 'शाही रथ' पर सवार होकर आए थे. ये कोई ऐसा-वैसा रथ नहीं था, बल्कि बिहार मिलिट्री पुलिस की एक खास बग्घी थी. बिहार मिलिट्री पुलिस को अब बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस (BSAP) कहा जाता है.

बेटी की शादी को राज्य का सबसे बड़ा आयोजन बनाने में लालू प्रसाद यादव ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. तत्कालीन सीएम राबड़ी देवी और लालू यादव के दो आवास- करीब 20 एकड़ जमीन, यहीं रोहिणी आचार्य की शादी के कार्यक्रम संपन्न हुए. 25,000 से ज्यादा मेहमान जुटे. जश्न का माहौल था, लेकिन शहर के दूसरे हिस्सों में सड़कों पर दहशत भी देखी गई.

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लालू के रिश्तेदार, उन्हें खुश करने के लिए हर वो चीज करना चाहते थे, जिससे रोहिणी की शादी पूरे बिहार की स्मृति में हमेशा के लिए चस्पा हो जाए. लेकिन इस दौरान कानून व्यवस्था की धज्जियां भी उड़ीं. आरोप है कि लालू से जुड़े लोगों ने इस दौरान ऐसे कई काम किए जो ना सिर्फ गैर-कानूनी, बल्कि अपराध भी थे.

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रोहिणी आचार्य और उनके पति राव समरेश सिंह. (instagram.com/rohiniacharyayadav)

इंडिया टुडे मैगजीन से जुड़े फरजंद अहमद की रिपोर्ट के मुताबिक, RJD के वफादारों के कई ग्रुप बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर घूम रहे थे, कार शोरूमों पर धावा बोल रहे थे. आरोप है कि इन लोगों ने 50 से ज्यादा नई, बिना रजिस्ट्रेशन की कारें शोरूम से लूट लीं. 

कहा जाता है कि ये 'डाई-हार्ड' या 'आदत से मजबूर चोर' नहीं थे. ये तो बस बिहार की फर्स्ट फैमिली (लालू-राबड़ी परिवार) के VIP मेहमानों और बारातियों को आराम से पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे थे.

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हालात कुछ ऐसे हो गए थे व्यापारी और कारोबारी अपनी दुकानें बंद करने लगे थे. एक प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी का पटना ऑफिस बंद कर दिया गया और कुछ सीनियर अधिकारियों समेत कर्मचारियों को कोलकाता शिफ्ट कर दिया गया था.

आरोप है कि लालू से जुड़े इन लुटेरों की सेना ने छोटे व्यापारियों और कारोबारियों को निशाना बनाया, जो बदले की कार्रवाई के डर से बोलने से भी डरते थे. शोरूम से कार उठाने के सवाल पर बोरिंग रोड पर मौजूद मारुति शोरूम के मालिक एसी गुप्ता ने कहा था, "हमने अपनी मर्जी से पांच गाड़ियां दीं."

लेकिन फरजंद अहमद की रिपोर्ट के मुताबिक कार शोरूम के कर्मचारियों का रुख अलग था. उन्होंने बताया था कि ऑल्टो और वैगन-आर समेत 10 नई एयर कंडीशन (AC) कारें जबरन ले ली गईं थीं. अन्य कार मैन्युफैक्चर्स की भी यही कहानी थी. ज्यादातर मामलों में लोगों के ग्रुप आए, जबरन गाड़ियों पर कब्जा किया और भाग गए.

कार उठाने पर राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव ने में कहा था,

"गाड़ी तो उनकी (लालू प्रसाद यादव) बेटी के शादी में उठाई गई थी. बच्चा राय और आजाद गांधी (शामिल) थे. लालू जी के कहने पर काम होता था... हमने समझाया था ये सब नहीं करिए, लेकिन उनके समधी कमिश्नर थे, इसलिए अपनी धौंस जमा रहे थे."

कथित तौर पर लालू-राबड़ी के हुक्म का पालन कर रही पटना पुलिस या तो इन लोगों से मिली हुई थी या फिर इस उम्मीद में आंखें मूंदे बैठी थी कि शादी के बाद गाड़ियां वापस होने पर ये बवाल थम जाएगा. एक प्रमुख कार डीलर के अनुसार, स्थानीय पुलिस और रीजनल सर्विस ऑफिस के तीन कर्मचारी गुंडों के साथ टेल्को के स्टॉकयार्ड गए और दो टाटा सफारी और तीन एयर कंडीशन (AC) सूमो लेकर भाग गए.

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रोहिणी आचार्य की शादी में कथित तौर पर जबरन कारें उठाई गई थीं. (ITG)

यहां तक कि गाड़ियों का पेट्रोल भी 'उधार' पर खरीदा गया था. एयरपोर्ट और मुख्यमंत्री आवास के सामने खड़ी कारों को जब्त करने की कोई कोशिश नहीं की गई थी. इसके बजाय पुलिस ने कथित कार चोरों की मर्जी से शोरूम में गाड़ियां लौटाने का इंतजार किया था.

काफी हंगामे के बाद गाड़ियां तो वापस कर दी गईं, लेकिन डीलरों के लिए यह नई मुसीबतें खड़ी कर गया. कई मामलों में जिन ग्राहकों ने गाड़ियां बुक की थीं, उन्होंने 'पुरानी' कारों की डिलीवरी लेने से इनकार कर दिया था. जो कार खरीदने की सोच रहे थे, उन्होंने खरीदने से परहेज किया.

शादी में कथित तौर पर क्या-क्या हुआ?

  • मेहमानों को लाने-ले जाने के लिए बंदूक की नोक पर शोरूम से लगभग 50 नई कारें लूट ली गईं.
  • राबड़ी देवी के एक भाई ने कथित तौर पर छह पंडालों को सजाने के लिए अलग-अलग फर्नीचर शोरूम से 100 नए सोफा सेट उठाए.
  • दूल्हे के गांव में बिजली और टेलीफोन की लाइनें बिछाई गईं और एक पक्की सड़क बिछाई गई.
  • राज्य बिजली बोर्ड को 25 लाख रुपये का ट्रांसमिशन घाटा हुआ.
  • कमांडो और STF समेत 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने तिलक समारोह की सुरक्षा की.
  • बैंकॉक और दूसरे शहरों से फूल मंगवाए गए.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिवंगत नेता सुशील कुमार मोदी इन मामलों पर बुरी तरह भड़के थे. उन्होंने व्यंग कसते हुए कहा था कि लालू ने एक और नया ट्रेंड सेट कर दिया है. उन्होंने कहा था,

"ताकतवर राजनेता और उनकी निजी सेनाओं को अब शोरूम से कारें उठाने, फर्नीचर की दुकानों को लूटने और व्यापारियों को अपने बच्चों की शादी के लिए महंगे सामान दान करने के लिए मजबूर करने के लिए बढ़ावा मिलेगा."

भाकपा (माले) के सीनियर नेता केडी यादव ने भी कहा था कि पैसे और बल के इस 'अश्लील' प्रदर्शन ने राज्य के शासकों और उनके रिश्तेदारों के लिए नफरत पैदा की है. उन्होंने कहा था कि हम इस मामले को जनता की अदालत में ले जाएंगे क्योंकि पुलिस और पूरा प्रशासन इसमें शामिल था.

वीडियो: बिहार चुनाव में हार के बाद लालू यादव का बिखरता हुआ परिवार, रोहिणी के साथ तीन और बेटियों ने छोड़ा घर

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