राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की सबसे हॉट सीट मानी गई खींवसर को हनुमान बेनीवाल ने करीबी मुकाबले में जीत लिया है (Hanuman Beniwal won Khinswar seat). राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के मुखिया हनुमान बेनीवाल को बीजेपी के रेवंत राम डांगा से कड़ी टक्कर मिली. जीत का मार्जिन केवल 2000 वोटों से कुछ ही ज्यादा है. मुकाबला आखिरी राउंड तक चला.
Rajasthan Election Results: खींवसर से हनुमान बेनीवाल जीते, आखिरी राउंड तक चला मुकाबला
हनुमान बेनीवाल को कुल 79 हजार 492 लोगों ने वोट किया. वहीं बीजेपी प्रत्याशी रेवंत राम डांगा को 77 हजार 433 वोट मिले. बेनीवाल ने उन्हें 2059 वोटों से हराया है. कांग्रेस के तेजपाल मिरधा 27 हजार 763 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे.

चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक हनुमान बेनीवाल को कुल 79 हजार 492 लोगों ने वोट किया. वहीं बीजेपी प्रत्याशी रेवंत राम डांगा को 77 हजार 433 वोट मिले. बेनीवाल ने उन्हें 2059 वोटों से हराया है. कांग्रेस के तेजपाल मिरधा 27 हजार 763 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे.

इससे पहले 2018 के चुनाव में भी खींवसर विधानसभा सीट हनुमान बेनीवाल ने ही जीती थी. उन्होंने कांग्रेस के सवाई सिंह चौधरी को 16 हजार 948 वोटों से हराया था. हनुमान बेनीवाल को 83 हजार 96 और सवाई सिंह को 66 हजार 148 वोट मिले थे. जबकि भारतीय जनता पार्टी के रामचंद्र उत्ता 26 हजार 809 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे.
जीत के बाद बेनीवाल ने क्षेत्र के मतदाताओं को बधाई दी. पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि वो मजबूत विपक्ष के रूप में विधानसभा में अपनी भूमिका निभाएंगे.
गहलोत ने गंवाई सत्ताराजस्थान का चुनावी इतिहास बताता है कि यहां लंबे वक्त से एक ही पार्टी लगातार दो बार विधानसभा चुनाव नहीं जीती है. गहलोत का दावा था कि वो इस इतिहास को बदल देंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चुनाव आयोग की मतगणना में कांग्रेस 68 सीटों के साथ दूसरी नंबर की पार्टी बनी है. 115 सीटें जीतकर बीजेपी बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.
रुझानों के बीच ही अशोक गहलोत शाम को राजभवन पहुंचे और राज्यपाल कलराज मिश्र को अपना इस्तीफा सौंप दिया. हार के बाद गहलोत ने X पर लिखा,
“राजस्थान की जनता द्वारा दिए गए जनादेश को हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं. यह सभी के लिए एक अप्रत्याशित परिणाम है. यह हार दिखाती है कि हम अपनी योजनाओं, कानूनों और नवाचारों को जनता तक पहुंचाने में पूरी तरह कामयाब नहीं रहे.”
गहलोत ने आगे बीजेपी को शुभकामनाएं देते हुए 'सलाह' दी कि वो काम करने के बावजूद कामयाब नहीं हुए इसका मतलब ये नहीं कि बीजेपी सरकार में आने के बाद काम ही ना करे. पूर्व सीएम ने कहा कि नई सरकार को उनकी योजनाओं को आगे बढ़ाना चाहिए.
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