प्रियंका गांधी ने वाराणसी तो अखिलेश यादव ने सहारनपुर से निशाना साधा. (फोटो-PTI)
प्रियंका गांधी वाड्रा. कांग्रेस की महासचिव. रविवार 10 अक्टूबर को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 'किसान न्याय रैली' में सरकार पर ख़ूब बरसीं. कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पास लखीमपुर हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलने तक का समय नहीं है. दुनिया के कोने-कोने तक पीएम घूम सकते हैं, देश-विदेश भ्रमण कर सकते हैं, लेकिन अपने देश के किसानों से भेंट करने नहीं जा सकते.
जगतपुर में प्रियंका ने कहा कि किसान आन्दोलन में अब तक 600 किसानों की मौत हुई, लेकिन अभी भी आंदोलन जारी है क्योंकि किसानों को पता है कि उन्हें उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिलेगा. सबकुछ पूंजीपतियों के हाथ में चला जाएगा. उन्होंने प्रधानमंत्री की आंदोलन जीवी वाली टिप्पणी पर कहा,
"जो आपको आंदोलनजीवी कहते हैं, जो आपको आतंकवादी कहते हैं, उनको न्याय देने के लिए मजबूर करिए!"
वहीं लखीमपुर हिंसा पर अल्टीमेटम देते हुए कहा,
"हमें जेल में डालिए, कुचलिए, लेकिन जबतक आपका गृह राज्य मंत्री इस्तीफ़ा नहीं देगा, हम लड़ते रहेंगे, लड़ते रहेंगे, लड़ते रहेंगे. चुनाव की बात नहीं है, अब देश की बात है. समय आ गया है, ये देश आपका देश है, इस देश को कौन बचाएगा? आप किसान हो इस देश की आत्मा हो!"
कोरोना की दूसरी लहर की त्रासदी को याद दिलाते हुए कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन ख़त्म हो गई, लोग काफ़ी परेशान हुए. रिपोर्ट आई कि हर जगह समस्या है. सरकार ने मदद नहीं की. तमाम छोटे व्यपारियों को रोजगार बंद करना पड़ा, सरकार ने राहत नहीं दी. प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दो हवाई जहाज ख़रीदे. 16 हजार करोड़ के दो हवाई जहाज. अपने दोस्तों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने पूरी एयर इंडिया को 15 हज़ार करोड़ में अपने पूंजीपति और ख़रबपति मित्रों को बेच दिया. बिजली नहीं मिल रही है, फिर भी बिजली के बिल मिल रहे हैं, क्या पीएम ने ये देखा है? प्रियंका ने कहा कि उन्होंने 2 वर्षों में जो देखा उसी का ज़िक्र कर रही हैं. सोनभद्र, उन्नाव, हाथरस तीनों का ज़िक्र करते हुए कहा कि सरकार की मंशा न्याय देने की नहीं है और सरकार अपराधियों को बचाती है. उन्होंने कहा कि लखीमपुर हिंसा मामले में भी सरकार अपराधियों को बचा रही है विपक्ष के नेताओं की घेराबंदी कर रही है, लेकिन पीड़ित परिवार के साथ न्याय नहीं कर रही. प्रियंका ने कहा-
"इस सरकार में न दलित सुरक्षित हैं, न अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं, न महिला सुरक्षित हैं, न नौजवान सुरक्षित हैं. इस देश में केवल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उनसे जुड़े लोग और उनके खरबपति मित्र सुरक्षित हैं."
अपने भाषण के आख़िरी में प्रियंका ने लोगों से अपील की कि अपने अंतरतम में झांकिए और एक सवाल पूछिए, कि जब से यह सरकार आई है आपके जीवन में तरक्की आयी है या नहीं? विकास आपके द्वार आया कि नहीं? जीवन में तरक्की नहीं हुई, तो मेरे साथ कंधा से कंधा मिलाकर सरकार को बदलिए! अपने प्रदेश को बदलिए!"
सहारनपुर में अखिलेश ने घेरा उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री चौधरी यशपाल चौधरी की 100वीं जयंती पर जनपद सहारनपुर के तीतरों पहुंचे सपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी पर तंज़ कसते हुए कहा कि यह मेरे पिताजी के बारे में टिप्पणी करते हैं, थर्मल प्लांट का नाम क्यों नहीं लेते? जब नाम नहीं लेंगे तो बिजली नहीं बनाएंगे.
अखिलेश ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बदलने पर भी चुटकी ली. कहा आप के बग़ल में तीन मुख्यमंत्री बदल गए. मुख्यमंत्री योगी के लिए कहा,
"अगर आप उत्तराखंड का भला चाहते हो तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का तबादला वहां कर दो. जिस प्रदेश से आए हैं उसी प्रदेश में वापस भेज दो."
2019 के लोकसभा चुनाव समीकरण पर कहा कि उन्होंने बीजेपी को रोकने के लिए बसपा से अलायंस किया. हल्के लहजे में यह भी कह दिया कि उन्हें कोई भी घाटा उठाना पड़ा हो, उन्होंने उठाया क्योंकि वह एक बड़ी लड़ाई थी. अखिलेश ने जनता से अपील,
"हमारी और आपकी और समाजवादियों की जिम्मेदारी है कि बीजेपी को रोकना है. नहीं तो जैसे किसानों को कुचल दिया, ये संविधान को भी कुचल देंगे. अगर 2019 में रोक लेते तो यह तीन काले क़ानून नहीं आते. और हम तो दुनिया का एक ही नियम जानते हैं, जो जहां से आता है वहीं से निकाला जाता है. ये लोग यूपी की वजह से सत्ता में आए थे और अब यूपी से ही निकाले जाएंगे."
अखिलेश ने कहा कि धोखा देने वालों और झूठ बोलने वालों से सावधान रहें. योगी सिर्फ नाम बदलने में विश्वास रखते हैं, नाम बदलने के अलावा प्रदेश में कोई विकास कार्य नहीं कराया गया.