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UP Election: माफिया डॉन बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह की सीट का क्या हुआ?

बसपा के उम्मीदवार ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया.

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बाएं से दाएं. सैयदराजा से बीजेपी के उम्मीदवार सुशील सिंह और सपा उम्मीदवार मनोज कुमार. (फोटो: फेसबुक)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में चंदौली जिले की चर्चित सैयदराजा सीट से सुशील सिंह ने जीत हासिल कर ली है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के मनोज कुमार को लगभग 11 हजार वोट से मात दी. सुशील सिंह को लगभग 88 हजार वोट मिले, वहीं मनोज कुमार को करीब 77 हजार वोट. बसपा के अमित कुमार यादव लगभग 37 हजार वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे. चंदौली की सैयदराजा विधानसभा सीट पर हमेशा से बाहुबलियों की पकड़ रही है. बाहुबली डॉन बृजेश सिंह का नाम भी इस सीट से जुड़ा है. 2008 में इस सीट का नाम सैयदराजा किया गया था. इस बार इस सीट से बीजेपी के सुशील सिंह, सपा के मनोज कुमार और बसपा के अमित कुमार यादव मैदान में थे. पूर्व यूपी सीएम जीते थे इस सीट के सियासी इतिहास की बात करें, तो 1952 में कांग्रेस के कमलापति त्रिपाठी ने जीत हासिल की. वो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. पिछले 20 सालों के इतिहास पर अगर नजर डालें तो इस सीट पर सियासी उठापठक होती रही है. 2002 के विधानसभा चुनाव में यहां से बसपा के शारदा प्रसाद ने जीत हासिल की. वो अगला चुनाव भी जीते. साल 2012 का विधानसभा चुनाव माफिया डॉन बृजेश सिंह ने जेल से लड़ा. मनोज कुमार ने निर्दलीय चुनाव लड़कर उन्हें हरा दिया. अगले चुनाव में बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह ने जीत हासिल की. उम्मीदवारों की अगर बात करें, तो बीजेपी के सुशील सिंह माफिया डॉन बृजेश सिंह के भतीजे हैं. उन्होंने चंदौली जिले की सकलडीहा सीट से 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. वहीं सपा के मनोज कुमार को मनोज सिंह डब्लू के नाम से जाना जाता है. मनोज कुमार, अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं. वो राजनीति में काफी पहले से एक्टिव रहे हैं. ग्रामीण इलाका होने की वजह से इस विधानसभा सीट पर खेती के मुद्दे काफी अहमियत के रहे. खासकर सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था लोगों की प्राथमिकता रही. वहीं हिंसा से छुटकारा भी यहां के लिए मुद्दा था. रेल कनेक्टिविटी और बेरोजगारी के मुद्दे भी बड़े बताए गए. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुशील सिंह को लगभग 79 हजार वोट मिले थे. उन्होंने बसपा के बाहुबली नेता विनीत सिंह को लगभग 15 हजार वोट से हराया था.