बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल पार्टियों ने रविवार, 12 अक्टूबर को सीट बंटवारे का ऐलान किया. उस दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के नेताओं ने सोशल मीडिया पर लगभग एक जैसे पोस्ट शेयर कर ‘एकता’ का अनूठा का प्रदर्शन किया.
NDA में सीटें बंटते ही नीतीश क्यों रूठ गए?
NDA ने सीट बंटवारे के बाद एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की, जिसमें घटक दलों के बड़े नेता एक मंच पर मौजूद हों. ऊपर से BJP ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को तारापुर सीट से उम्मीदवार बना दिया, जहां से CM Nitish Kumar की JDU के राजीव कुमार विधायक हैं.


पर बाहर से जितना अच्छा-अच्छा दिखाने की कोशिश की जा रही है, अंदर से खबरें वैसी आ नहीं रही हैं. सत्ताधारी गठबंधन की ‘एकता’ पर सवाल यूं ही नहीं उठ रहे, उनकी वजह भी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सीट बंटवारे पर कथित नाराजगी, JDU नेताओं का CM हाउस के बाहर प्रदर्शन और जीतनराम मांझी का चिराग के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का ऐलान, दिखाता है कि NDA की खींचतान अभी थमी नहीं है.
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर आ रही है कि CM नीतीश कुमार सीट बंटवारे से नाखुश हैं. नाराजगी चिराग को दी गई सीटों को लेकर है. बताया जा रहा है कि जेडीयू को मिलने वाली 9 सीटें इस बार चिराग की पार्टी को दी जा रही हैं. इसी बात से नीतीश नाराज़ बताए जा रहे हैं. जेडीयू सूत्रों के मुताबिक, नीतीश का कहना है कि जिन सीटों पर पार्टी की पकड़ पहले से मजबूत है, उन्हें दूसरी पार्टी को देने का कोई मतलब नहीं है. सूत्रों के मुताबिक 13 अक्टूबर की रात नीतीश के आवास पर काफी गहमागहमी रही.

चिराग पर नीतीश की तल्खी की भनक BJP को लगी तो उसने फिर से बातचीत का दौर शुरू कर दिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, BJP ने केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय को LJP (RV) के बिहार प्रभारी और जमुई सांसद अरुण भारती से कुछ सीटों पर मोलभाव करने के कहा, ताकि नीतीश की तल्खी को दूर किया जा सके.
गौर करने वाली बात ये है कि NDA ने सीट बंटवारे के बाद एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की, जिसमें घटक दलों के बड़े नेता एक मंच पर मौजूद हों. ऊपर से BJP ने 71 नामों की लिस्ट जारी कर दी. पार्टी ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को तारापुर सीट से उम्मीदवार बना दिया. 2021 के उपचुनाव में यह सीट JDU के राजीव कुमार ने जीती थी. माने ये सीट JDU से छिटक कर BJP में चली गई.
ऐसा नहीं है कि 29 सीटें मिलने के बाद चिराग पासवान भी चुप बैठ गए हैं. चिराग ने सोनबरसा और राजगीर समेत JDU की कई मौजूदा सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है. इससे NDA के अंदर कंपटीशन बढ़ गया है. राजगीर, नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले में है. जिले की सात में से पांच सीटों पर JDU का खासा प्रभाव है. इस सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में JDU के कौशल किशोर कर रहे हैं.
खबर है कि चिराग पासवान के बढ़ते कदमों पर विचार करने के लिए मंगलवार, 14 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास पर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई. उधर, HAM के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी सीट बंटवारे पर खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने X पर लिखा,
"माना कि हमें कम सीटें मिली हैं, हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हुआ है, कार्यकर्ताओ में घोर असंतोष व्याप्त है, जिसकी क्षतिपूर्ति भविष्य में होगी इसका आश्वासन ही मैं कार्यकर्ताओं को दे पा रहा हूं. पर इसका मतलब यह नहीं कि बिहार को जंगलराज की ओर धकेल दें. बिहार के अवाम की रातों की नींद और दिन का चैन को खत्म कर दें."
14 अक्टूबर को ही उन्होंने नीतीश की तरफदारी में एक और बड़ा दावा कर दिया. उन्होंने मीडिया से कहा कि वे दो सीटों पर चिराग के उम्मीदवारों के सामने अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे. ये दो सीटें बोधगया और मखदुमपुर हैं. जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि सीट बंटवारे पर नीतीश का गुस्सा जायज है.
नीतीश भी 'गठबंधन धर्म' की चिंता किए बगैर सिंबल बांट रहे हैं. सोनबरसा सीट पर उन्होंने मंत्री रत्नेश सदा को दोबारा टिकट दे दिया है. ये सीट NDA के सीट बंटवारे के तहत चिराग की LJP (RV) के खाते में थी. अब एक को मनाया तो दूसरी जगह नाराजगी. JDU सांसद अजय मंडल टिकट बंटवारे से इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने इस्तीफा देने तक की धमकी दे डाली.
भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के चयन पर अजय मंडल की नाराजगी है. भागलपुर की गोपालपुर सीट से JDU विधायक गोपाल मंडल CM हाउस के बाहर धरने पर बैठे. वे भी अपना टिकट पक्का करवाने की जुगत भिड़ा रहे हैं.

वहीं, सीट बंटवारे के ऐलान के बाद NDA के एक और घटक दल RLM के चीफ उपेंद्र कुशवाहा का अंदाज थोड़ा शायराना हो गया. उम्मीद से कम सीट मिलने का दर्द उन्होंने शायरी में बयां किया,
"आज बादलों ने फिर साजिश की,
जहां मेरा घर था वहीं बारिश की.
अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की,
तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की."
कुशवाहा ने एक और पोस्ट में खुद माना कि उन्हें उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिल पाई हैं. उन्होंने अपने समर्थकों से माफी भी मांगी.
हालांकि, सीट बंटवारे के दिन का अंदाज 14 अक्टूबर को भी नजर आया. NDA के बड़े नेताओं ने फिर एक जैसा पोस्ट शेयर किया. सम्राट चौधरी ने लिखा,
"NDA दलों में सीट संख्या का विषय सौहार्दपूर्ण बातचीत में पूरा हो चुका है.
कौन दल किस सीट पर लड़ेगा यह चर्चा भी सकारात्मक बातचीत के साथ अंतिम दौर में है.
मोदी जी और नीतीश जी के नेतृत्व में NDA के सभी दल एकजुटता के साथ पूरी तरह से तैयार हैं."
ऐसे ही पोस्ट चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा ने भी डाले. जमीन पर चाहे जो हो, लेकिन सोशल मीडिया पर NDA की पूरी कोशिश है कि आपस में एकजुटता कायम नजर आए. हालांकि, JDU नेताओं की तरफ से यह पोस्ट शेयर किया हुआ नहीं दिखा.

जब सीट बंटवारे पर NDA की पार्टियों के बीच उठापठक झलक रही है, तो JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा अलग ही बैटिंग कर रहे हैं. उनका रुख साफ है- 'NDA में बिगाड़ का दावा निराधार है, विपक्ष ऐसी स्टोरी प्लांट करवा रहा है.’
संजय झा ने कहा,
"विपक्ष के लोगों को पता है कि चुनाव मैदान में वे साफ हो चुके हैं. इसलिए NDA में क्या हो रहा है, इस बारे में भ्रांतियां फैला रहे हैं, निराधार स्टोरी प्लांट करवा रहे हैं.
माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी चुनाव मैदान में जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. एक-एक चीज पर खुद उनकी नजर है. सारे लोगों से वे खुद बात कर रहे हैं. NDA के घटक दलों के नेतागण, खासकर दिल्ली में बीजेपी के जो बड़े नेता हैं, उनसे भी मुख्यमंत्री जी की बात हो रही है. जो कुछ भी तय हो रहा है, मुख्यमंत्री जी से बात करके ही तय हो रहा है.
NDA के पांचो घटक दल साथ मिलकर प्रचंड बहुमत के लिए काम कर रहे हैं. हमलोग तो सीटों की संख्या भी घोषित कर चुके हैं. कौन किस सीट पर लड़ेगा, शायद आज शाम तक वो भी फाइनल हो जाएगा."
अब संजय झा की बैटिंग से JDU के लिए रन बनें या ना बनें, स्कोरबोर्ड पर BJP और चिराग की LJP (RV) का फायदा होता नजर आ रहा है. सीट बंटवारे पर JDU की नाराजगी के बीच पूरे सिनैरियो से नीतीश के खासमखास ललन सिंह गायब नजर आ रहे थे. 14 अक्टूबर को उनकी भी एंट्री हो गई.
उन्होंने कहा,
"सीट बंटवारे से लेकर व्यक्तिगत सीटों के आवंटन तक, सब कुछ नीतीश कुमार की जानकारी में है और उनकी सहमति से किया जा रहा है. इन (महागठबंधन) लोगों को चुनाव में जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है, इसलिए वे दुष्प्रचार कर रहे हैं. नीतीश कुमार नाराज क्यों होंगे? NDA नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट है और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा ... नीतीश कुमार NDA के सर्वमान्य नेता हैं, और हम उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं."
NDA के सीट बंटवारे पर 13 अक्टूबर को तय प्रेस कॉन्फ्रेंस BJP और JDU के बीच आखिरी समय में सीट बंटवारे को लेकर हुई अड़चनों के वजह से रद्द कर दी गई थी. दावा किया जा रहा है कि अगर NDA में अदावत का दौर जारी रहा, तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सीट बंटवारे की खींचतान सुलझाने के लिए पटना कूच कर सकते हैं.
12 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA के सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान हुआ. BJP और JDU ने आपस में बराबर सीटें बांटी. दोनों पार्टियां 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगीं. भारी बार्गेनिंग के बाद LJP (RV) के खाते में 29 सीटें आईं. वहीं, HAM को 6 सीटें और RLM को भी 6 सीटों से संतोष करना पड़ा.
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