बीजेपी की बात करें तो इनको भोजपुरी गाना गवाने के लिए गायक भी तलाशना नहीं पड़ता, क्योंकि मनोज तिवारी, पवन सिंह और दिनेश लाल यादव (निरहुआ) जैसे कई भोजपुरी सितारे पार्टी में हैं. बीजेपी के पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव का गाया एक गाना खूब ट्रेंडिंग में है. गाने के बोल हैं, ‘आया है युग उत्थान का जन-जन के कल्याण का. बरसों पहले संकल्प ने एक भरी थी हुंकार. रफ्तार पकड़ लिहले बा बिहार’. भारतीय जनता पार्टी के यूट्यूब पेज से इस गाने को अपलोड किया गया है. गायक सूरज कुमार का एक गाना भी लोगों का ध्यान खींच रहा है. इसके बोल हैं, जाग उठा है यूपी देखो यूपी में त योगी बा. ई मत पूछो का बा बिहार में त मोदी बा.
इसके अलावा बीजेपी पर बना तीन साल पुराना गाना भी चुनावी मौसम में अचानक से ट्रेंडिंग में आ गया है. इस गाने पर 1.8 मिलियन व्यूज आए हैं. गायक का नाम अभिषेक सिंह है. गाने के बोल हैं, ‘भाजपा के गमछिया गेरूआ बंधले अपना सिर हो, मजनुआ हमार बीजेपी लभर ह’. बीजेपी कार्यकर्ता भगवा गमछे के साथ इस गाने पर खूब रील बना रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी इस मामले में पीछे नहीं है. गायक प्रशांत सिंह का गाना ‘25 से 30 फिर से नीतीश, इनके कारण बिहार में बहार बा, रोजी रोटी के बौछार बा.’ जदयू समर्थकों का हौसलाअफजाई कर रहा है. वहीं गायक विक्रांत सिंह का गीत ‘2025 फिर से नीतीश’ भी सुर्खियों में है.
ये तो बात रही एनडीए की. महागठबंधन भी इस रेस में पीछे नहीं है. सबसे ज्यादा भोजपुरी गीत और गाने तो राजद के समर्थन में ही बनते हैं. राजद के समर्थन में खेसारी लाल यादव का एक गीत भी खूब चर्चा में है. बोल हैं, ‘तेजस्वी के बिना सुधार ना होई, भाई लालू बिना चालू ई बिहार ना होई.’ वहीं टुनटुन यादव के गाए गाने 'राजद के गमछिया हरियर बांधले अपना सिर हो, जनुआ हमार आरजेडी लभर हो.' ‘हईं लालू जी के मैन, फैन आरजेडी के हईं.’ और 'फैन हम लालू के, ठीकदारी करीला बालू के' भी राजद समर्थकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. साथ ही साथ इन गानों पर खूब रील भी कट रहे हैं.
भोजपुरी सिंगर गोलू राजा ने तेजस्वी यादव को केंद्र में रख कर एक गाना गाया है, जोकि राजद समर्थकों को खूब भा रहा है. गाने के बोल हैं, ‘टुटिह जनी रुकिह जनी झुकिह हे तेजस्वी भैया, हमनी ला लड़िह लड़इया ए तेजस्वी भइया.’ इसके अलावा गायिका खुशी कक्कड़ का एक गाना भी खूब पॉपुलर है. इसके बोल हैं, ‘लालटेन पर बटन दबाई दिह ना, भइया तेजस्वी के जिताई दिह ना.’
अपनी पार्टी के प्रचार के लिए भोजपुरी गानों का सहारा लेने में प्रशांत किशोर की जन सुराज भी पीछे नहीं हैं. भोजपुरी के मशहूर सिंगर रितेश पांडे उनकी पार्टी में हैं. रितेश पांडे का गाया गीत, ‘हर घर के आवाज बडु़ए, आवे वाला जनसुराज बडु़ए, जनता ही हो मालिक’ भी खूब सुना जा रहा है.
ये भी पढ़ें - कहानी 'झुलनी के धक्के' की जिससे लालू यादव अपने विरोधियों को धकियाते हैं!
भोजपुरी का बाजार और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में उसका वर्चस्व बढ़ रहा है. आजकल हिंदी फिल्मों में भी भोजपुरी स्टार से गवाने का चलन शुरू हो गया है. स्त्री 2 में पवन सिंह का गाया गाना खूब पॉपुलर हुआ. पंजाबी और हरियाणवी के तर्ज पर भोजपुरी में भी एक मास ऑडियंस तैयार हुआ है. राजनीतिक पार्टियों के लिए रणनीति बना रहे नेता और पीआर प्रोफेशनल्स से ये बात छुपी कैसै रह सकती है. स्क्रिप्ट राइटर और भोजपुरी गीत लिखने वाले अतुल कुमार राय बताते हैं,
भोजपुरी के गानों की गुणवत्ता एक अलग विमर्श है लेकिन आज यू टयूब ट्रेंड हो या इंस्टाग्राम ट्रेंड, उसमें हमेशा भोजपुरी गाने छाए रहते हैं. कैची लीरिक्स और तेज बीट उनके वायरल होने और हाशिए पर खड़े आखिर आदमी तक जाने की संभावना को बढ़ा देते हैं. दूसरी बात लोकल भाषा में अपनी बात को मतदाता तक पहुँचाना आसान भी होता है. बिहार में पहले भी तमाम नेता भोजपुरी में जाकर भाषण देते आएं हैं. इससे पहले यूपी औऱ दिल्ली इलेक्शन में भी तमाम पार्टियों ने भोजपुरी में गाने बनवाए हैं.
राजनीतिक पार्टियां एक भोजपुरी गाना बनवाने के लिए 2 लाख से 5 लाख तक का खर्च कर रही हैं. अतुल कुमार राय का मानना है कि इसे सकारात्मक ढंग से देखा जाना चाहिए. इससे कलाकारों का काम बढ़ा है और आर्थिक निश्चिंतता भी. इसके अलावा भोजपुरी सिंगर्स को एक फैन बेस भी मिल जाता है.
वीडियो: राजधानी: लालू यादव और नीतीश कुमार के साथ आने की क्या संभावना है?