बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) को लेकर राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है. लेकिन चुनाव आयोग (election commission) ने अब तक तारीखों का एलान नहीं किया है. खबर है कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) चुनाव आयोग की एक फुल बेंच के साथ इस हफ्ते बिहार का दौरा करने वाले हैं. CEC के इस दौरे के साथ ही राज्य में विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी.
SIR से जुड़ी ये 'बाधा' पार होने के बाद होगा बिहार चुनाव का एलान, मुख्य चुनाव आयुक्त करेंगे दौरा
Election Commission की तारीखों का एलान Bihar में चल रहे Special Intensive Revision पर भी निर्भर है. राज्य में अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होनी है. माना जा रहा है कि इन बाधाओं को पार करने के बाद ही आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा.


इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त की अगुवाई में भारतीय निर्वाचन आयोग की एक टीम इस हफ्ते बिहार का दौरा कर सकती है. त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग दशहरा (2 अक्टूबर) और दीवाली (19 अक्टूबर) के बीच चुनाव कार्यक्रम का एलान कर सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि छठ पूजा भी चुनावी कैलेंडर के बीच में पड़ सकती है. अगले महीने 25 से 28 अक्टूबर के बीच लोक आस्था का महापर्व छठ है. बता दें कि बिहार में नए विधानसभा के गठन होने की समय सीमा 22 नवंबर है. यानी इसके पहले नई सरकार चुनने की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए.
30 सितंबर को प्रकाशित होनी है अंतिम मतदाता सूचीचुनाव आयोग की तारीखों का एलान बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर भी निर्भर है. राज्य में अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होनी है. माना जा रहा है कि इन बाधाओं को पार करने के बाद ही आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा. मुख्य चुनाव आयुक्त के दल बल समेत बिहार का दौरा करने की खबर से भी इसकी अटकलें लगाई जाने लगी हैं.
पांच साल पहले यानी 2020 में बिहार में तीन फेज में विधानसभा चुनाव कराए गए थे. पहले फेज की वोटिंग 28 अक्टूबर को हुई थी, दूसरे फेज के लिए 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को कराई गई थी. ऐसी अटकलें हैं कि इस बार 5 से 15 नवंबर के बीच तीन फेज में चुनाव कराए जाएंगे.
दशहरा के बाद नेशनल लेवल पर SIRET की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दशहरे के तुरंत बाद, चुनाव आयोग राष्ट्रीय स्तर पर वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू करने की तैयारी में है. रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग एक साथ सभी राज्यो में SIR शुरू करने के बजाए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा. बाढ़ से जूझ रहे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों में SIR की तारीख बाद में तय की जाएगी. क्योंकि इन राज्यों का प्रशासनिक अमला फिलहाल राहत और पुनर्वास के काम में व्यस्त है. उन्हें अभी SIR के काम में नहीं लगाया जा सकता.
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इसी तरह से कई दूसरे राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं. इसलिए वहां भी फिलहाल SIR नहीं कराया जाएगा. अगले 2-3 महीनों में आठ राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं. आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ऐसे राज्यों में अलग समय पर SIR कराया जाएगा.
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