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संजय यादव पर इतना विवाद बढ़ा कि रोहिणी ने मम्मी, पापा और भाई तेजस्वी को अनफॉलो कर दिया

Rohini Acharya ने अपनी बड़ी बहन Misa Bharti की तरह मेडिकल की डिग्री हासिल की है. वो साल 2022 में अपने पिता Lalu Yadav को किडनी दान करने के बाद पहली बार चर्चा में आईं. यह सर्जरी सिंगापुर के एक अस्पताल में हुई थी. अब वो संजय यादव को लेकर फिर चर्चा में आ गई हैं.

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रोहिणी आचार्य और तेज प्रताप ने संजय यादव को निशाने पर लिया है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
22 सितंबर 2025 (Published: 11:04 AM IST)
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तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के सलाहकार और राज्यसभा सांसद संजय यादव (Sanjay Yadav) को लेकर लालू यादव (Lalu Yadav) के परिवार में मतभेद बढ़ता नजर आ रहा है. उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पार्टी से लेकर परिवार के सभी सदस्यों को अनफॉलो कर दिया है.

लालू यादव की दूसरी बेटी और सारण से लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं रोहिणी आचार्य ने 18 सितंबर की सुबह एक फेसबुक पोस्ट शेयर किया, जिसमें संजय यादव के खिलाफ टिप्पणी की गई थी. इस पोस्ट में एक तस्वीर भी शेयर की गई थी. तस्वीर तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान की थी. इस तस्वीर में रथ (बस) में उस सीट पर संजय यादव बैठे दिख रहे हैं, जो तेजस्वी यादव की है. यह पोस्ट पटना के आलोक कुमार ने लिखा था. उन्होंने लिखा,

फ्रंट सीट सदैव शीर्ष नेता-नेतृत्वकर्ता के लिए रिजर्व होती है. उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए. वैसे अगर 'कोई' अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है तो अलग बात है! वैसे पूरे बिहार के साथ-साथ हम तमाम लोग इस सीट (फ्रंट सीट) पर लालू यादव और तेजस्वी यादव को बैठे/बैठते देखने के अभ्यस्त हैं उनकी जगह पर कोई और बैठे ये हमें तो कतई मंजूर नहीं है, ठकुरसुहाती करने वालों, जिन्हें एक दोयम दर्जे के व्यक्ति में विलक्षण रणनीतिकार-सलाहकार-तारणहार नजर आता है, की बात अलग है.

रोहिणी आचार्य ने फेसबुक पर इस पोस्ट को शेयर किया है, जिससे माना जा रहा है कि इस पोस्ट से उनकी सहमति है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,  रोहिणी द्वारा इस पोस्ट को शेयर किए जाने के बाद से लालू परिवार में अनबन की खबर आने लगी. संजय यादव पर इशारों-इशारों में निशाना साधने के लिए उन्हें परिवार की आलोचना का सामना करना पड़ा. साथ ही उन पर डैमेज कंट्रोल का भी दबाव था.

राजद की ओर से भी संजय यादव को लेकर परिवार में मचे घमासान को थामने की कोशिश की गई. पार्टी के हैंडल से एक और तस्वीर शेयर की गई. इस तस्वीर में तेजस्वी यादव के रथ में आगे की सीट पर दलित नेताओं शिवचंद्र राम और रेखा पासवान को जगह दी गई. रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस तस्वीर की तारीफ की. उन्होंने लिखा,

लालू प्रसाद के सामाजिक-आर्थिक न्याय अभियान का मुख्य उद्देश्य वंचितों और सामाजिक स्तर पर अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाना रहा है. इन तस्वीरों में इन वर्गों के लोगों को आगे की सीट पर बैठे देखना उत्साहजनक है.

रोहिणी आचार्य ने अपनी बड़ी बहन मीसा भारती की तरह मेडिकल की डिग्री हासिल की है. वो साल 2022 में अपने पिता लालू यादव को किडनी दान करने के बाद पहली बार चर्चा में आईं. यह सर्जरी सिंगापुर के एक अस्पताल में हुई थी. रोहिणी पिछले लोकसभा चुनाव में सारण से चुनाव लड़ी थीं. लेकिन बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी से मामूली अंतर से हार गईं.

ऑनलाइन ट्रोलिंग और प्रतिक्रिया

संजय यादव पर निशाना साधने के बाद से रोहिणी आचार्य को ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. इसके बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर उन्होंने सफाई देते हुए ट्रोल्स पर निशाना साधा. और एक बार फिर से इशारों-इशारों में संजय यादव पर पार्टी को हाईजैक करने का आरोप लगा दिया. उन्होंने लिखा, 

मेरे संदर्भ में ट्रोलर्स, उद्दंडों, पेड मीडिया और पार्टी हड़पने की कुत्सित मंशा रखने वालों के द्वारा फैलाई जा रहीं तमाम अफवाहें निराधार हैं और मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किए जा रहे दुष्प्रचार का हिस्सा हैं. मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न कभी रही थी, न है और ना ही आगे रहेगी. मुझे ना खुद विधानसभा का प्रत्याशी बनना है, ना ही किसी को विधानसभा का प्रत्याशी बनवाना है. न राज्यसभा की सदस्य्ता की मेरी कोई आकांक्षा है. न ही परिवार के किसी भी सदस्य से मेरी किसी भी प्रकार की प्रतिद्वंदिता है और ना ही पार्टी या भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार में किसी पद की कोई लालसा है. मेरे लिए मेरा आत्म सम्मान, मेरे माता-पिता के प्रति सम्मान व समर्पण, मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है.

इस पूरे विवाद पर अभी तक तेजस्वी यादव या फिर लालू यादव की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन पार्टी और परिवार से बाहर किए गए तेज प्रताप यादव ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पार्टी को लेकर उनकी बहन ने बहुत ही जायज सवाल उठाए हैं. हालांकि तेज प्रताप ने भी सीधे तौर पर संजय यादव का नाम नहीं लिया. इस बीच रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लालू यादव और तेजस्वी यादव समेत कई लोगों को अनफॉलो कर दिया है. वह सिर्फ तीन एक्स अकाउंट्स को फॉलो करती हैं. उनके पति समरेश सिंह, मरहूम उर्दू शायर राहत इंदौरी और एक न्यूजपेपर.

संजय यादव कौन हैं?

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले संजय यादव राजद के राज्यसभा सांसद हैं. साल 2012 में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनका परिचय तेजस्वी यादव से कराया था. तेजस्वी को उनके राजनीतिक डेब्यू के लिए तैयार करने, समाजवादी साहित्य से परिचित कराने में संजय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. साल 2020 तक राजद के पावर स्ट्रक्चर में संजय यादव और मनोज झा दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण थे. लेकिन पिछले दो-तीन सालों में संजय यादव पार्टी के सभी सीनियर नेताओं पर हावी होते दिखे हैं. तेजस्वी यादव की लगभग सभी बैठकें और मीडिया इंटरव्यू उनके माध्यम से ही होती हैं.

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