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राहुल के रोड शो पर शाह का तंज़- भारत है या पाकिस्तान का जुलूस, मालूम नहीं पड़ता

राहुल के वायनाड रोड शो में दिखे थे हरे रंग के ढेरों झंडे

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अमित शाह ने 9 अप्रैल को नागपुर में रैली की थी और उससे पहले 4 अप्रैल को राहुल ने रोड शो किया था.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 9 अप्रैल को नागपुर में थे. उन्होंने एक रैली को संबोधित किया. शाह ने कांग्रेस के साथ-साथ राहुल गांधी पर भी हमला बोला. अमित शाह ने राहुल के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने को लेकर निशाना साधा और कहा कि उनके जुलूस ने पता नहीं चला कि वह भारत में चुनाव लड़ रहे हैं या पाकिस्तान में. अमित शाह ने मंगलवार को कहा-
और ये राहुल बाबा अपने गठबंधन के लिए केरल की ऐसी सीट पर जाकर खड़े जुलूस निकालता है तो भारत है या पाकिस्तान का जुलूस है मालूम ही नहीं पड़ता. ऐसी जगह जाकर खड़े हैं.
 

# राहुल के रोड शो में दिखे थे हरे रंग के झंडे

 
राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. 4 अप्रैल को नामांकन के बाद उन्होंने रोड शो निकाला था. रोड शो में कांग्रेस गठबंधन की सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के झंडे लहराए थे. इन झंडों का रंग हरा है. केरल में कांग्रेस यूडीएफ गठबंधन का हिस्सा है. इसमें 6 पार्टियां शामिल हैं. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग भी है. गठबंधन में सहयोगी होने के नाते राहुल गांधी की उम्मीदवारी का मुस्लिम लीग ने स्वागत किया था. कार्यकर्ताओं ने राहुल के रोड शो के दौरान अपनी पार्टी के झंडे लहराए थे. इंडियन यूनियन मुस्लिम का था झंडा-इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग बहुत ही पुरानी राजनीतिक पार्टी है. इसकी स्थापना देश की आजादी के 6 महीने बाद ही मार्च 1948 में हो गई थी. केरल में वह लंबे समय से कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है. इस मुस्लिम लीग का संबंध पाकिस्तान के लिए लामबंदी करने वाली मुस्लिम लीग से नहीं है.

# बीजेपी से भी रहा है इस पार्टी का संबंध

अमित शाह जब इस पार्टी के झंडे की वजह से केरल की वायनाड सीट के पाकिस्तान में होने की बात कह रहे थे तो वह भूल गए कि यह वही पार्टी है जिसके दो पार्षदों ने नागपुर नगर निगम में बीजेपी का मेयर बनाने में मदद की थी. बात 2012 की है. नागपुर नगर निगम के चुनाव हुए. बीजेपी 62 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन वह बहुमत का आंकड़ा नहीं ला पाई. ऐसे में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के दो पार्षदों ने बीजेपी का समर्थन किया था. तब जाकर नागपुर में बीजेपी का मेयर बन पाया था. कहीं न कहीं इस पार्टी और इसके झंडे का संबंध बीजेपी से भी है. बीजेपी और उससे संबंधित पार्टियों और संगठनों के कार्यक्रमों और रैलियों में केसरिया झंडा लहराया जाता है. यह इस कदर सामान्य हो गया है कि किसी को इससे फर्क नहीं पड़ता. केसरिया झंडे से किसी को परेशानी नहीं होती, लेकिन हरे झंडे से अमित शाह को भी केरल की वायनाड सीट पाकिस्तान की लगने लगती है.
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