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AAP पंजाब में अपने मेन कमांडर को निकालने वाली है!

स्टिंग ऑपरेशन कभी किसी के सगे नहीं हुए. जानिए कौन है ये कमांडर.

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फोटो - thelallantop

एक कुड़ी जिद्दा नाम चुनावी लिस्ट है, उसमें एक नाम गुम था, गुम है, गुम रहेगा!

पंजाब में अगले बरस चुनाव हैं. AAP के उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट आ गई है. कई नाम हैं. लेकिन इस लिस्ट में एक नाम गुम है. वो है सुच्चा सिंह छोटेपुर का नाम. वजह बताई जा रही है छोटेपुर का एक स्टिंग ऑपरेशन, जिसमें वो रिश्वत लेते पकड़ाए गए हैं. सूत्रों की मानें तो जल्द ही सुच्चा सिंह छोटेपुर को अरविंद केजरीवाल पार्टी संयोजक के पद से हटा सकते हैं. ये वीडियो AAP के ही एक समर्थक ने बनाया था.
जगह खाली होती है तो भर भी जाती है. बताया जा रहा है कि सुच्चा सिंह छोटेपुर की जगह हिम्मत शेरगिल ले सकते हैं. सुच्चा सिंह छोटेपुर काफी वक्त से AAP के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. AAP की जब पहली चुनावी लिस्ट आई थी, तब छोटेपुर के गुस्से होने और इस्तीफा देने की अफवाह फैली थी.
खबर फैलाई किनने? पंजाब के मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के न्यूज चैनल पीटीसी ने. पर अफवाह ज्यादा देर तक नहीं चल पाई. सुच्चा सिंह छोटेपुर ने ट्वीट कर कहा- इस्तीफे की खबर फर्जी है.
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अब बात सुच्चा सिंह छोटेपुर की नाराजगी की

बहुत छोटी सी बात है. जब पहली लिस्ट रिलीज की जा रही थी, तब सुच्चा सिंह छोटेपुर प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं पहुंचे थे. जब वहां बैठे संजय सिंह से पूछा गया कि छोटेपुर क्यों नहीं आए, तो कहा कि उनका कोई पर्सनल काम है. लेकिन एक अफवाह यहां भी बैकग्राउंड में चल रही है. कुछ वक्त पहले खबर उड़ी थी कि सुच्चा सिंह छोटेपुर टिकटों की सौदेबाजी करते हुए AAP के स्टिंग में पकड़ाए गए. तब कहा गया कि अगर ये स्टिंग बाहर आता है, तो AAP की पंजाब चुनावों में जो इमेज बनी है, वो ब्लर हो जाती. जल्दी ही AAP का खंडन आया. कहा गया- ये बात भी फर्जी है. लेकिन अब जब चुनाव बिलकुल करीब हैं, तो सुच्चा सिंह के AAP से जाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है.
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अकाली दल के लीडर मनजिंदर सिंह सिरसा ने कुछ वक्त पहले कहा था,
 'AAP स्टिंग की पार्टी है, जिसमें नेता टिकटों की खरीदफरोख्त करते हैं और एक-दूसरे का स्टिंग कर लेते है.'
एक बात जो और है, वो ये कि कुछ रोज पहले से AAP में पंजाब में टिकट बंटवारों को लेकर लफड़ा सा रहा है. 2 अगस्त तो छोटेपुर ने भी कहा था,
'मैं इस बात को लेकर श्योर नहीं हूं कि मैं 2017 विधानसभा चुनावों में लड़ूंगा या नहीं.'
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सुच्चा सिंह छोटेपुर के साथ अरविंद केजरीवाल

पिछले साल भी साइडलाइन किए गए थे छोटेपुर

जुलाई 2015 में लौटते हैं. तब छोटेपुर पंजाब के तब बीते 9 महीनों से संयोजक थे. लेकिन एक रोज इस पद से उन्हें छुट्टी दे दी जाती है. कहा जाता है कि बीते 9 महीनों में उनने एक भी एक्जीक्यूटिव मीटिंग्स नहीं की. इसके अलावा छोटेपुर पार्टी को उस तरह से एकजुट नहीं कर पाए, जैसा कि पार्टी आलाकमान को उनसे उम्मीद थी.
दूजा जब नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी में आने की बातें उछलीं. तब एक बयान छोटेपुर का भी सुनाई पड़ा. उनने कहा, सिद्धू एक मामले में सजा पा चुके हैं, उन्हें टिकट नहीं मिल सकता. हालांकि बाद में वो अपने बयान से पलटी मार गए. पंजाब में AAP के एक बड़े लीडर का यूं पलटी मरना कई कान खड़े कर गया.

पंजाब पॉलिटिक्स में छोटेपुर की हैसियत?

दो बार निर्दलीय MLA रह चुके हैं, धारीवाल, गुरदासपुर से 2002 में चुने गए थे. इससे बड़ी बात ये कि अब AAP के विरोधी अकाली दल में भी रह चुके हैं छोटेपुर. एक वक्त में कैप्टन अमरिंदर सिंह के भी साथ थे. वो दौर था, 1985 के आस-पास वाला. सुरजीत सिंह बरनाला पंजाब के मुख्यमंत्री थे. तब सुच्चा सिंह छोटेपुर पंजाब सरकार में 1985-88 में हेल्थ और टूरिज्म मिनिस्टर बनाए गए थे. 2014 में गुरदासपुर से AAP की टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे बीजेपी के विनोद खन्ना से.

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