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महाराष्ट्र TET 2020: 7 हजार सफल कैंडिडेट, डिस्क्वालिफाई क्यों कर दिए गए?

पुलिस के मुताबिक 50-60 हजार रुपये लेकर एग्जाम में गड़बड़ी की गई थी.

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पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान पता चला कि 7 हजार 880 कैंडिडेट्स ने एग्जाम में गड़बड़ी कर एग्जाम क्लियर किया था (फोटो- आज तक)

महाराष्ट्र स्टेट काउंसिल ऑफ एग्जामिनेशन (MSCE) ने TET पास 7,880 को डिस्क्वालिफाई कर दिया है. साथ ही इन कैंडिडेट्स के आगे एग्जाम देने पर भी रोक लगा दी है. MSCE ने बताया है कि ये कैंडिडेट्स TET 2020 के रिजल्ट में गड़बड़ी करते पाए गए हैं. ये बात पुलिस जांच के दौरान पता चली. जिसके बाद MSCE ने ये फैसला लिया. महाराष्ट्र में टीचर्स की भर्ती के लिये TET यानी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट कराने की जिम्मेदारी MSCE की ही होती है. MSCE ने नोटिस जारी कर बताया कि पुलिस की जांच में ये पता चला है कि 7 हजार 880 कैंडिडेट्स ने गड़बड़ी कर परीक्षा पास की थी. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी योगेश जोशी की रिपोर्ट के मुताबिक MSCE के कमिश्नर सैलजा डराडे ने बताया, 

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ये डिसिजन इस लिये लिया गया है क्योंकि पुलिस के इंवेस्टिगेशन में ये कैंडिडेट्स एग्जाम के रिजल्ट में गड़बड़ी करते हुये पाये गये हैं. इन कैंडिडेट्स को आगे होने वाले एग्जाम में भी नहीं बैठने दिया जायेगा.

MSCE कमिश्नर के मुताबिक कैंडिडेट्स को डिसक्वालिफाई करने का फैसला चीफ सेक्रेट्री की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट लिया गया है. ये कमेटी TET एग्जाम में गड़बड़ी की जांच करने के लिये राज्य सरकार ने बनाई थी. पुणे में साल 2022 के शुरुआत में साइबर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में पता चला था कि TET 2020 एग्जाम में गड़बड़ी हुई थी.

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इसके बाद पूणे पुलिस ने कैंडिडेट कि लिस्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपी थी. इस लिस्ट में उन कैंडिडेट्स के नाम थे जो एग्जाम की गड़बड़ी में शामिल थे. इनमें से कुछ कैंडिडेट्स ने फर्जी सर्टिफिकेट के जरिये टीचर के पद पर नौकरी पा ली थी. जांच में ये पाया गया था इन कैंडिडेट्स ने पैसा देकर अपने मार्क्स में बदलाव कराया था. पुलिस के मुताबिक ये काम 50-60 हजार रुपये लेकर किया गया था.

पुलिस ने ये भी बताया कि TET 2020 एग्जाम में धांधली के आरोप में MSCE के सस्पेंडेड कमिश्नर तुकराम सूपे और कमिश्नर सुखदेव डेरे को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा GA सॉफ्टवेयर कंपनी के डायरेक्टर प्रितेश देशमुख को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसी कंपनी पर एग्जाम कराने की जिम्मेदारी थी. 

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