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12वीं बोर्ड की परीक्षा में जुड़ सकते हैं 9वीं से 11वीं तक के नंबर, छात्रों को खुश होना है या उदास?

नए इवैल्यूएशन मॉडल के तहत वोकेशनल और स्किल बेस्ड ट्रेनिंग पर अधिक जोर देने की बात कही गई है. साथ ही क्लास 9वीं से 11वीं तक के मार्क्स को भी शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है.

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नए इवैल्यूएशन मॉडल के तहत क्लास 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स को क्रेडिट बेस्ड सिस्टम के तहत क्रेडिट कमाने होंगे. (फोटो- PTI)

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने क्लास 12वीं के बोर्ड एग्जाम्स के लिए नया इवैल्यूएशन मॉडल प्रस्तावित किया है. नए मॉडल के तहत वोकेशनल और स्किल बेस्ड ट्रेनिंग पर अधिक जोर देने की बात कही गई है. साथ ही क्लास 9वीं से 11वीं तक के मार्क्स को भी शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है. ये सभी जानकारी बोर्ड द्वारा जारी की गई "Establishing Equivalence across Education Boards," नाम की रिपोर्ट में दी गई है.

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रिपोर्ट में प्रस्ताव दिया गया है कि 12वीं के बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट में क्लास 9वीं से 11वीं तक की स्टूडेंट की परफॉर्मेंस को भी रखा जाएगा. इंडिया टुडे से जुड़ीं श्रुति बंसल की रिपोर्ट के मुताबिक ये रिपोर्ट NCERT के तहत आने वाले रेगुलेटरी सेंटर PARAKH ने शिक्षा मंत्रालय को सौंपी है. रिपोर्ट सभी बोर्डों के लिए स्टैंडर्ड असेसमेंट की बात पर ज़ोर देती है.

किस क्लास के कितने नंबर?

NCERT की रिपोर्ट में प्रस्ताव दिया गया है कि नए इवैल्यूएशन मॉडल में क्लास 12वीं के बोर्ड रिजल्ट में क्लास 11वीं के नंबर का 25 प्रतिशत वेटेज होगा. वहीं 10वीं के नंबर को 20 प्रतिशत और 9वीं के नंबरों को 15 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा. बचे 40 फीसदी नंबर 12वीं क्लास के होंगे.

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रिपोर्ट में बताया गया है कि इवैल्यूएशन को फॉर्मेटिव और समेटिव में बांटा गया है. क्लास 9वीं के नंबरों को 70 फीसदी फॉर्मेटिव और 30 फीसदी समेटिव में बांटा गया है. 10वीं में दोनों को 50-50 फीसदी वेटेज दिया जाएगा. क्लास 11वीं में 40 फीसदी असेसमेंट फॉर्मेटिव होगा और 60 फीसदी समेटिव. वहीं 12वीं क्लास में 30 फीसदी फॉर्मेटिव और 70 फीसदी समेटिव असेसमेंट होगा.

32 बोर्डों के साथ बनाई रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक NCERT की ये रिपोर्ट पिछले एक साल में 32 बोर्डों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है. "Establishing Equivalence across Education Boards," रिपोर्ट वोकेशनल और स्किल बेस्ड ट्रेनिंग को अनिवार्य बनाने की बात करती है. साथ ही नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (NEP 2020) के तहत होलिस्टिक लर्निंग को प्रमोट करने के लिए डेटा मैनेजमेंट, कोडिंग, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, AI, म्यूज़िक, आर्ट्स और क्राफ्ट्स जैसे टॉपिक्स को बढ़ावा देने की बात भी रिपोर्ट में है.

ये बातें तो स्टूडेंट्स की पढ़ाई से जुड़ी हैं. रिपोर्ट टीचर्स के बारे में भी बात करती है. इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि टीचर्स की परफॉर्मेंस को भी परखा जाए, साथ ही स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दिया जाए. इसमें पीने का पानी, व्यवस्थित लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स से जुड़ी एक्टिविटीज को बढ़ावा देना जुड़ा है.

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नए इवैल्यूएशन मॉडल के तहत क्लास 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स को क्रेडिट बेस्ड सिस्टम के तहत क्रेडिट कमाने होंगे. 9वीं और 10वीं के स्टूडेंट्स को 40 में से 32 क्रेडिट स्कोर करने होंगे. वहीं 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को 44 में से 36 क्रेडिट बनाने होंगे. 

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