अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के भारत पर 25 प्रतिशत ट्रैरिफ लगाने के एलान ने शेयर मार्केट (Share Market Update On 31 July) को झटका तो दिया लेकिन कुछ समय बाद संभल गया. महीने के आखिरी कारोबारी दिन 31 जुलाई को मार्केट की शुरुआत में बड़ी गिरावट देखने को मिली. Sensex 500 से ज्यादा अंक की गिरावट पर खुला. वहीं Nifty ने भी खुलते ही 150 अंक का गोता लगाया. लेकिन कुछ घंटों बाद मार्केट रिकवरी मोड में दिखा.
ट्रंप के टैरिफ और पेनल्टी से सहमा शेयर बाजार, सेंसक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
Share Market Update: BSE Sensex 500 अंक टूटकर 81,006.65 पर कारोबार करता दिखा. दूसरी तरफ निफ्टी 160 अंक गिरकर 24,688 पर आ गया. BSE और निफ्टी के स्मॉल और मिडकैप में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली.

सुबह 9:20 पर BSE सेंसेक्स 604 अंक या 0.74% गिरकर 81,668 पर आ गया था. वहीं निफ्टी 183 अंक या 0.73% गिरकर 24,668 पर था. लेकिन 11:15 बजे तक सेंसेक्स 350 अंक तक सिमटता दिखाई दिया. यह 81,128 पर कारोबार कर रहा है. वहीं निफ्टी 100 अंक की गिरावट के साथ 24,746 पर ट्रेड कर रहा है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप के एलान के बाद शुरुआती घंटों में सेंसेक्स और निफ्टी करीब 1 फीसदी तक गिरे. लेकिन जल्दी ही नुकसान की भरपाई हो गई. निवेशकों ने माना कि यह टैरिफ ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा. आने वाले दिनों में जैसे ही ट्रेड डील फाइनल होगी इसमें भी कटौती हो सकती है.
रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा गया कि टैरिफ लगाना दवाब बनाने वाली रणनीति है. भारत और अमेरिका के बीच एक बड़े व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है जो 2025 के आखिर तक पूरी हो सकती है. अंतरिम ट्रेड डील भी इसे हल्का कर सकती है.
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बाजार के एक्सपर्ट्स का मानना है कि बातचीत का रास्ता अभी भी खुला है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने टैरिफ के ज्यादातर नुकसान का आकलन पहले ही कर चुके हैं. वे पिछले 8 दिनों की लगातार बिकवाली के दौरान शेयर बाजार से लगभग 25,000 करोड़ रुपये खींच चुके हैं. इसकी वजह से टैरिफ का डर और ग्लोबल अनिश्चितता है. लेकिन यह गिरावट भी अस्थायी है.
गुरुवार को BSE टॉप 30 कंपनियों में से 26 शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. सबसे ज्यादा Tata Motors, RIL, M&M और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों के शेयर गिरे. इनमें करीब 2 फीसदी की गिरावट हुई. जिन शेयरों में तेजी थी उनमें जोमैटो शामिल रहा.
निफ्टी 50 की बात करें तो इसके 42 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. सिर्फ 8 शेयरों में ही तेजी देखने को मिली. NSE के ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 1.57 फीसदी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.10 फीसदी की गिरावट है. इसके अलावा ऑटो, बैंकिंग और मेटल सेक्टर के शेयर भी गिरे हैं.
दूसरी तरफ, BSE और निफ्टी के स्मॉल और मिडकैप में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली. BSE के स्मॉलकैप शेयरों में 400 से ज्यादा अंकों की गिरावट आई. वहीं निफ्टी स्मॉलकैप के शेयर 600 अंक तक गिरे. BSE मिडकैप की बात करें तो इसके शेयर 300 अंक तक टूटे.
BSE पर लिस्टिड 3,085 शेयरों में से सिर्फ 887 शेयरों में ही तेजी थी. 2000 से ज्यादा शेयर गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे थे. 61 कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट लगा. इसके अलावा, 51 शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर चले गए.
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भारतीय शेयर मार्केट में इस बड़ी गिरावट के पीछे ट्रंप के भारतीय सामानों पर 25 टैरिफ और एक्स्ट्रा पेनल्टी लगाए जाने को माना जा रहा है. इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से लगातार पांचवीं बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने फैसला भी एक कारण है.
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