टेरर फंडिंग (Terror Funding) के लिए बदनाम पाकिस्तान अपनी छवि सुधारने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल(PCC) के CEO और जाने माने सोशल आंत्रप्रेन्योर बिलाल बिन साकिब ने एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान और क्रिप्टोकरेंसी, दोनों खराब PR का शिकार हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें(Pakistan) खतरनाक, रिस्की और अस्थिर माना जाता है. लेकिन इन सुर्खियों से इतर देखें तो हम अथाह क्षमता, संसाधन और टैलेंट वाले देश हैं.’
पाकिस्तान में क्रिप्टो साम्राज्य बना रहे हैं ट्रंप? उनके घरवालों ने कर ली बड़ी डील
पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल(PCC) और ट्रंप की क्रिप्टो कंपनी WLFI के बीच हुई डील सवालों के घेरे में है. इस डील पर अमेरिकी सीनेट की एक कमेटी ने जांच बैठाई है और WLFI से जवाब मांगा है.

उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब उनकी कंपनी PCC और अमेरिकी क्रिप्टो कंपनी WLFI के साथ हुई डील सवालों के घेरे में है. वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल(WLFI) और PCC के बीच इसी साल अप्रैल में एक डील साइन हुई थी. डील का मकसद पाकिस्तान में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को डिवेलप करना, अनछुए संसाधनों को मोनेटाइज करना था. लेकिन ये डील अब जांच के घेरे में है.
दरअसल, इस डील के ठीक कुछ दिन पहले WLFI और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के बीच कुछ कम्यूनिकेशन हुआ था. अमेरिकी सीनेट की सब-कमेटी ने कंपनी से इस कम्यूनिकेशन की जानकारी साझा करने को कहा है. हालांकि, अभी तक इस पर कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया है. WLFI कोई छोटी मोटी कंपनी नहीं है. इसका ट्रंप से नाता है. इसलिए ये मैटर और बड़ा हो गया है. कंपनी में 60 फीसद से ज्यादा हिस्सेदारी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके परिवार वालों की है.
कंपनी ने प्रमोटर्स की लिस्ट में डॉनल्ड जे ट्रंप, डोनाल्ड जूनियर ट्रंप, एरिक ट्रंप औऱ डीटी मार्क्स DEFI LLC का नाम लिखा है. ट्रंप DT Marks DEFI LLC के जरिए ही वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल में 60 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. डीटी मार्क्स और फ्लोरिडा में ट्रंप नेशनल गोल्फ क्लब का पता एक ही है.
रेकॉर्ड्स में भी लिखा गया है कि DT Marks DEFI LLC, WLFI को दी जाने वाली सेवाओं के बदले भत्ता लेगी. उसके पास ये भी अधिकार है कि वो जब चाहे तब WLFI को प्रमोट करने के लिए ट्रंप, उसके अन्य मालिक और प्रमोटर्स से रिक्वेस्ट कर सकती है. इन सेवाओं के बदले WLFI की कमाई से DT Marks DEFI LL 75 पर्सेंट तक हिस्सा ले सकती है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ये डील 26 अप्रैल को साइन हुई. इस डील के बाद ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बेटे और WLFI के को फाउंडर जैक विटकॉफ ने कहा कि पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ ये साझेदारी पाकिस्तान में आने वाली पीढ़ियों में फाइनेंशियल इंक्लूजन लाएगी.
याद हो कि इस डील के कुछ ही दिन पहले पहलगाम में हमला हुआ था. और ठीक 2 सप्ताह के अंदर ऑपरेशन सिंदूर थमने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान की प्रशंसा करते दिखे थे. इस अप्रत्याशित प्रशंसा के पीछे के कारणों में एक बड़ा कारण ट्रंप परिवार की हिस्सेदारी वाली क्रिप्टो करेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (डब्ल्यूएलएफ) का पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (पीसीसी) से हुआ समझौता माना जा रहा है.
बहरहाल, डील पर US सीनेट की परमानेंट सबकमेटी ऑन इनवेस्टिगेशन(PSI) जांच कर रही है. सेनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने जैक विटकॉफ को लेटर लिखकर कहा, PSI जांच कर रहा है कि WLFI समेत ट्रंप की क्रिप्टो कंपनियों और विदेशी नागरिकों और सरकारों के बीच जो भी वित्तीय लेनदेन हुआ है उनमें कानून का उल्लंघन और हितों का टकराव तो नहीं है.
इसके जवाब में WLFI के वकील ने लिखा, ‘कंपनी नियामकीय प्राधिकारियों के दुरुपयोग और कानून के तहत होने वाले नवाचार को रोकने वाली अनिश्चितताओं का विरोध करती है. फाइनेंस का भविष्य वॉशिंगटन डीसी में बनना चाहिए ना कि बीजिंग, मॉस्को या किसी अन्य बड़े संस्थानों के बंद दरवाजे के पीछे.’
लास वेगस में 30 मई को दिए अपने भाषण में बिलाल ने कहा कि पाकिस्तान एक स्ट्रैटजिक बिटकॉइन रिजर्व लगाएगा. कहा पाकिस्तान एक केस स्टडी बन सकता है. और मोरक्को से लेकर मलेशिया तक सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को डिजिटल असेट अपनाने में मदद कर सकता है.
इन शब्दों के जरिए एक अलग छवि बनाने की कोशिश जरूर हुई है. लेकिन इससे पाकिस्तान और WLFI के बीच हुई ये डील पर चल रही जांच नहीं रुकने वाली.
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