जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) ने हाल ही में घर खरीदा है. इस जानकारी उन्होंने खुद के पॉडकास्ट के दौरान दी. अक्सर घर खरीदने के बाद लोगों को बधाईयां दी जाती है. लेकिन निखिल कामथ की ट्रोलिंग हो रही है. काफी ज्यादा. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर ट्रेडर सौरव दत्ता (Sourabh datta) की भी भयंकर ट्रोलिंग हो रही है.
दोनों मुद्दों के बारे में आपको बारी-बारी से बताएंगे. शुरुआत निखिल कामथ वाले से. दरअसल, अरबपति उद्यमी और जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर ने अपने "WTF" पॉडकास्ट पर घर खरीदने के बारे में बताया. इस पॉडकास्ट में उनके साथ प्रेस्टिज के चेयरमैन और एमडी इरफान रजाक, ब्रिगेड ग्रुप के कार्यकारी निदेशक निरुपा शंकर और WeWork इंडिया के CEO करण विरवानी भी मौजूद थे.
अब सवाल है कि कामथ की ट्रोलिंग क्यों हो रही? दरअसल, कामथ (Nikhil Kamath) लगातार घर खरीदने के विचार का विरोध करते आ रहे थे. कामथ लगातार किराए के घर पर रहने की वकालत करते नजर आए थे. बस यही कारण रहा कि वो ट्रोल्स के निशाने पर आ गए.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक यूजर ने लिखा,
जेरोधा वाले निखिल कामथ ने खरीदा घर, लोगों ने ट्रोल कर दिया, वजह रेंट से जुड़ी है!
Nikhil Kamath ने हाल ही में घर खरीदा है. इस जानकारी उन्होंने खुद के पॉडकास्ट के दौरान दी. जिसके बाद उनकी ट्रोलिंग होने लगी. वहीं ट्रेडर Sourabh datta ने Car vs SIP को लेकर एक पोस्ट की, जिसने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी.

“रेंटिग दुनिया के बादशाह निखिल कामथ ने अपना घर खरीदकर पूरी फाइनेंस इंफ्लूएंसर कम्युनिटी को धोखा दिया है. फाइनेंस इंफ्लूएंसर के शहर में एक काला दिन.”
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एक और यूजर ने लिखा,
“निखिल कामथ ने एक घर खरीदा और इसके साथ कुछ फैन्सी टर्म्स जोड़ दिए, जिससे ये थोड़ा कूल लगने लगे. उन्होंने ये भी बताया कि उनके पास अलग-अलग शहरों में घर खरीदने का प्रिविलेज है. लेकिन उन लोगों का क्या, जिन्होंने इनकी बात को मानकर घर खरीदने का फैसला ड्रॉप कर दिया था.”
यहां तक की पॉडकास्ट में मौजूद करण विरवानी और निरूपा शंकर ने भी टांग खिंचाई की. करण विरवानी के मुताबिक कामथ को घर खरीदने की बात को सार्वजनिक तौर पर बताना चाहिए, जिससे लोगों का रियल सेक्टर में भरोसा बढ़े. जबकि निरुपा शंकर ने उन्हें रियल एस्टेट का "पोस्टर बॉय" बन जाने का सुझाव दिया.
वहीं घर खरीदने के पीछे निखिल कामथ ने तर्क दिया,
Car vs SIP की बहस“किराये के घर पर रहने के कई फायदे हैं. लेकिन इसका बड़ा नुकसान ये है कि आपको यह नहीं पता होता कि कब उस घर से बाहर जाना पड़ सकता है. हो सकता है कि मेरा मन हो कि उस घर में ज्यादा दिन रहूं. लेकिन मुझे वो घर खाली करना पड़ जाए. घर खरीदने के पीछे ये एक बड़ा कारण है.”
वहीं सोशल मीडिया पर एक और बहस छिड़ी हुई है. कार खरीदने में पैसे खर्च करने या उसकी जगह SIP करने को लेकर. इस बहस की शुरुआत हुई हैं निवेशक और ट्रेडर सौरव दत्ता की तरफ से किए गए एक X पोस्ट के बाद से. दत्ता ने उस पोस्ट में लोगों को कार खरीदने की जगह SIP में पैसा लगाने की सलाह दी थी.
उन्होंने अपने पोस्ट में काल्पनिक किरदार ‘रवि’ का उदाहरण देते हुए लिखा,
“रवि ने 10 लाख की एक कार ली, जिसके लिए वो पांच साल तक हर महीने 20 हजार रुपये की किश्त दे रहे हैं. अगर रवि ने यही 20 हजार रुपये पांच साल तक SIP में डाले होते तो उसकी वैल्यू कहीं ज्यादा होती. साल 2030 में 10 लाख के कार की वैल्यू depreciate होकर केवल 4 लाख रुपये की ही रह जाती, जबकि SIP में निवेश किए हुए पैसे की वैल्यू लगभग 17 लाख रुपये हो जाती.”
ये पोस्ट देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. और लोगों ने शुरू कर दी उनकी ट्रोलिंग. एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा,
“रवि ऑफिस आने-जाने के लिए ओला पर निर्भर हैं. लेकिन एक दिन बारिश हो गई और ओला उपलब्ध नहीं थी. इस वजह से रवि को 20 लाख का प्रोजेक्ट खोना पड़ा. अब रवि अपने द्वारा चुने गए विकल्पों के बारे में सोच रहा है.”
एक और यूजर ने तंज कसते हुए लिखा,
“पांच साल तक खाना छोड़ देना चाहिए और उन पैसों को SIP में डाल देना चाहिए.”
एक अन्य यूजर ने तंज कसा,
रवि इस सुझाव वाले ट्वीट को पढ़ना भी नहीं चाहते. रवि इस समय दुबई में हैं और वो स्काई डाइविंग कर रहे हैं.
खबर लिखे जाने तक इस X पोस्ट को 13 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. जबकि इस पोस्ट पर हजारों कमेंट्स भी आ चुके हैं.
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