मोदी सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह नया बिल लाने का प्रस्ताव दिया है. इस बिल में मनरेगा का नाम बदलने की बात कही गई है. प्रस्ताव के मुताबिक नई योजना का नाम ‘विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G होगा. स्कीम में ग्रामीण इलाकों में 125 दिनों की रोजगार गारंटी देने का प्रस्ताव है.
मोदी सरकार पर जिन 'पुरानी योजनाओं के नाम बदलने' का आरोप लगा, उन सबकी लिस्ट
कांग्रेस का दावा है कि साल 2014 से अब तक एनडीए सरकार ने 32 सरकारी योजनाओं के नाम बदल डाले हैं. पार्टी का कहना है कि जिन योजनाओं के नाम बदले गए हैं वे सभी स्कीम्स साल 1975 से साल 2013 के बीच शुरू की गई थीं.
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मनरेगा साल 2005 में लॉन्च की गई थी. उस समय यूपीए की सरकार थी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे. यह अधिनियम ग्रामीण परिवारों को रोजगार पाने का कानूनी हक देता है. योजना के तहत सरकार ग्रामीण इलाकों में हर वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देती है. इसमें गांवों में सड़क बनाने, तालाब और नहर वगैरा की खुदाई जैसे काम कराए जाते हैं.
दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार मनरेगा की जगह कोई नई स्कीम नहीं ला रही, बल्कि पुरानी योजना को एक नया नाम देकर फिर से लॉन्च कर रही है. गौरतलब है कि मनरेगा ऐसी पहली योजना नहीं है. मौजूदा सरकार पर साल 2014 से अब तक कई सरकारी योजनाओं के नाम बदलने का आरोप लग चुका है.
कांग्रेस का दावा है कि साल 2014 से अब तक एनडीए सरकार ने 32 सरकारी योजनाओं के नाम बदल डाले हैं. पार्टी का कहना है कि जिन योजनाओं के नाम बदले गए हैं वे सभी स्कीम्स साल 1975 से साल 2013 के बीच शुरू की गई थीं.
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में ऐसी कुछ योजनाओं की लिस्ट साझा की गई है.
साल 2014
- निर्मल भारत अभियान का नाम बदलकर स्वच्छ भारत मिशन.
- नेशनल मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी की जगह मेक इन इंडिया.
- बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (2005) की जगह प्रधानमंत्री जन धन योजना लॉन्च की गई.
- एलपीजी के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (2013) की जगह PAHAL शुरू की गई.
- यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (1985) की जगह मिशन इंद्रधनुष.
2015
- राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (2005) की जगह दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना.
- नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान (2006) की जगह डिजिटल इंडिया लॉन्च की गई.
- नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क (2011) का नाम बदलकर भारतनेट किया गया.
- स्वावलंबन योजना (2010) की जगह अटल पेंशन योजना.
- नेशनल मैरीटाइम डेवलपमेंट प्रोग्राम (2005) की जगह सागरमाला.
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (Accelerated Irrigation Benefits Programme) की जगह प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना.
- जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (2005) की जगह AMRUT (अटल मिशन फॉर रीजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) लाई गई.
- नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन (2010) की जगह स्किल इंडिया की शुरुआत की गई.
- जन औषधी योजना (2008) के स्थान पर प्रधानमंत्री जन औषधि योजना पेश की गई.
2016
- इंदिरा आवास योजना (1985) की जगह प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना.
- मॉडिफाइड नेशनल एग्रीकल्चरल इंश्योरेंस स्कीम (2010) की जगह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना.
- नेशनल रूरल लाइवलीहुड्स मिशन (2010) की जगह दीनदयाल अंत्योदय योजना.
- दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023.
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023.
2014 के बाद कई सड़कों के नाम भी बदले गए
- रेस कोर्स रोड का नाम 2016 में लोक कल्याण मार्ग किया गया.
- औरंगज़ेब रोड का नाम 2015 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया.
- डलहौजी रोड का नाम 2017 में दारा शिकोह रोड किया गया.
- तीन मूर्ति चौक का नाम 2018 में तीन मूर्ति हाइफा चौक किया गया.
- राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन्स (राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक) का नाम 2022 में कर्तव्य पथ रखा गया.
वीडियो: G RAM G Bill पर प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार को कैसे घेरा?












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