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कम सैलरी वालों को भी लपक के मिलेंगे क्रेडिट कार्ड और लोन, ये तरीके आएंगे काम

क्रेडिट स्कोर बनाने का सबसे अच्छा जरिया क्रेडिट कार्ड ही होता है. लेकिन जो कंपनियां दिन रात क्रेडिट कार्ड बांटती रहती हैं वो भी कम सैलरी वालों को कार्ड देने में आनाकानी करती हैं.

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कई बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं, जिन्हें सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड कहते हैं. (तस्वीर साभार- Freepik)

जब आप पहली बार कोई बड़ा लोन लेने जाते हैं तो बैंक आमतौर पर आपसे CIBIL (CIBIL) स्कोर पूछते हैं. उसी के आधार पर फैसला होता है कि आपको लोन दिया जाएगा या नहीं. जो लोग क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं वो तो आसानी से CIBIL स्कोर बता देते हैं, लेकिन जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है उनका क्या? वैसे तो क्रेडिट स्कोर बनाने का सबसे अच्छा जरिया क्रेडिट कार्ड ही होता है. क्रेडिट कार्ड लीजिए, खर्च करिए और समय से उसका बिल भरिए. आपका CIBIL स्कोर बनता जाएगा.

लेकिन दिक्कत कम सैलरी वाले लोगों के सामने आती है. जो कंपनियां दिन रात क्रेडिट कार्ड बांटती रहती हैं वो भी कम सैलरी वालों को कार्ड देने में आनाकानी करती हैं. ऐसे लोग जब तक खुद को जिम्मेदार उधारकर्ता साबित नहीं करते तब तक ना उन्हें क्रेडिट कार्ड मिलता है और ना ही कोई बड़ा लोन. आइए जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड के बिना क्रेडिट रेकॉर्ड कैसे मजबूत कर सकते हैं. क्रेडिट रेकॉर्ड का मतलब होता है उधार लेकर चुकाने के मामले में आप कैसे हैं. 

कंज्यूमर लोन से करें शुरुआत

सबसे पहला तरीका है कंज्यूमर लोन. फोन जैसा कोई भी कम बजट वाला सामान EMI पर खरीदें. EMI उतनी रखें जिस पर आपको भरोसा हो कि बिना चूके हर महीने चुका देंगे. समय से EMI भरने वाले कस्टमर्स का क्रेडिट रेकॉर्ड बनना शुरू हो जाता है. जो आपको एक जिम्मेदार उधारकर्ता साबित करता है.

पे लेटर का ऑप्शन भी देख सकते हैं

आज की तारीख में ग्रोसरी प्लैटफॉर्म से लेकर तमाम ईकॉमर्स प्लैटफॉर्म ‘पे लेटर’ (बाद में भुगतान) का ऑप्शन दे रहे हैं. पे लेटर ऑप्शन में ग्राहक को तुरंत पेमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ती. सामान खरीदने के बाद कस्मटर को पैसे देने के लिए आखिरी तारीख मिलती है. कस्टमर को ड्यू डेट तक पेमेंट चुकानी होती है. कस्टमर जो भी छोटा-मोटा लोन लेते हैं कंपनी उसका ब्योरा क्रेडिट ब्यूरो के पास भेजती है. अगर आप समय से पेमेंट करते जाते हैं तो उसका ब्योरा भी क्रेडिट ब्यूरो के पास पहुंच जाता है. ऐसे में समय से पेमेंट करके आप क्रेडिट ट्रैक रेकॉर्ड पॉजिटिव कर सकते हैं.

स्टूडेंट भी बना सकते हैं क्रेडिट रेकॉर्ड

अगर आप स्टूडेंट हैं तो कॉलेज क्रेडिट कार्ड से भी शुरुआत कर सकते है. आजकल बाजार में ऐसी कई कंपनियां मौजूद हैं जो स्टूडेंट्स को क्रेडिट कार्ड ऑफर कर रही हैं. इस क्रेडिट कार्ड के आवेदन पर माता या पिता को साइन करना होगा. कार्ड आपके नाम से इशू होता है. उस कार्ड से जो भी पेमेंट होगा उसका ब्योरा भी अपने नाम पर ही चढ़ेगा. समय से सारे पेमेंट करके आप स्टूडेंट लाइफ में ही मजबूत क्रेडिट स्कोर तैयार कर सकते हैं. ऐसे में नौकरी शुरू करने के बाद कोई बड़ा लोन लेने की जरूरत पड़ी तो आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी.

परिवार में किसी के क्रेडिट कार्ड पर अपना नाम जोड़ कर

परिवार के सदस्य के क्रेडिट कार्ड पर एडिशनल यूजर के तौर पर अपना नाम चढ़वा सकते हैं. सभी क्रेडिट कार्ड कंपनियां ये सुविधा देती हैं. इस फैसिलिटी के तहत आप कहीं भी पेमेंट कर सकते हैं और उसका बिल भर सकते हैं. ये पूरा ट्रांजैक्शन आपके नाम पर ही चढ़ेगा. लेकिन एक फायदा ये रहता है कि अगर आप किसी कारण से बिल नहीं चुका पाते हैं तो बकाया भरने के लिए आप पर कोई कानूनी बाध्यता नहीं होगी. हालांकि, इसका मतलब ये नहीं कि आप इसका गलत फायदा उठाएं. एक ही कार्ड पर एक से ज्यादा यूजर जोड़ने पर कुछ और चार्ज भी लगते हैं. इसलिए एडिशनल यूजर जोड़ने से पहले इन चार्जेज के बारे में जरूर पता कर लें.

सैलरी अकाउंट वाला बैंक देगा कार्ड

कम सैलरी वाले लोगों के लिए क्रेडिट कार्ड हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका एक ही है. जिस बैंक के पास आपका सैलरी अकाउंट है उसी के पास क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करें. उस बैंक के कार्ड इशू करने की ज्यादा संभावना रहती है.

FD के नाम पर उठा सकते हैं कार्ड

अगर सैलरी अकाउंट वाले बैंक ने भी कार्ड देने से इनकार कर दिया है तो कोई बात नहीं. कई बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के नाम पर क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं. इस तरह के क्रेडिट कार्ड को बैंकिंग भाषा में सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड कहते हैं. आपके FD में जितनी रकम है उसी के आधार पर कार्ड की लिमिट तय होगी. दरअसल ऐसी स्थिति में बैंक सोचता है कि अगर कस्टमर ने पैसे नहीं लौटाए तो उसकी भरपाई के लिए FD का पैसा तो रहेगा ही. इसलिए सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड लेना आसान होता है.

सैलरी अधिक है तो भी सावधानी जरूर बरतें

अगर आपकी सैलरी अधिक है तो लोन या क्रेडिट कार्ड के ढेरों ऑफर आते होंगे. कई लोग बहकावे में आकर पर्सनल लोन ले लेते हैं. ढेरों क्रेडिट कार्ड उठा लेते हैं. लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए. ऐसे कर्जों का ब्याज दर काफी अधिक होता है. किसी भी कारण से किस्त भरने से चूके तो क्रेडिट स्कोर पर काफी बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए कोई भी क्रेडिट कार्ड या लोन लेते समय ये देख लें कि आपको वाकई इसकी जरूरत है या नहीं.

कम से कम छह महीनों के लिेए हर महीने अपना क्रेडिट स्कोर लगातार चेक करते रहें. इन तरीकों से क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करते हुए एक साल बाद अपने पहले अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं.