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SEBI से क्लीन चिट मिलते ही रॉकेट हो गए अडानी के शेयर, 10 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी दिखी

SEBI ने हिंडनबर्ग के आऱोपों को लेकर अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी. इसके बाद शुक्रवार को जब बाजार खुला तो अडानी ग्रुप की कंपनियों के कई शेयर 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए.

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सेबी से क्लिन चिट मिलने के बाद अडानी के शेयर चढ़े (India Today)

सेबी ने अडानी की कंपनियों को हिंडनबर्ग के लगाए आरोपों से आजाद क्या किया, कंपनी के शेयर शुक्रवार को ‘रॉकेट’ हो गए. साल 2023 में अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी की कंपनी पर स्टॉक मैनुपुलेशन और इनसाइड ट्रेड के आरोप लगाए थे. कंपनी पर लगे आरोपों में से दो पर तो सेबी ने उसे क्लीन चिट दे दी, लेकिन 22 मामले अभी भी पेंडिंग हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है. सेबी के इस एक्शन के बाद शुक्रवार को जब बाजार खुला तो अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर 1 प्रतिशत से लेकर 10 प्रतिशत की तेजी से बढ़ गए. यहां ये जान लेना भी जरूरी है कि 2023 में हिंडनबर्ग ने जब अडानी ग्रुप पर ये आरोप लगाए थे, तब कंपनी को भयंकर घाटा हुआ था. ग्रुप की मार्केट वैल्यू में 150 अरब डॉलर की गिरावट आई थी. 

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अपस्टॉक्स के मुताबिक, शुक्रवार, 19 सितंबर को जब बाजार खुला तो NSE पर

अडानी पावर के शेयर 8.8% बढ़कर 686.95 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए

अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 5.18% बढ़कर 2,526.60 प्रति शेयर पर पहुंच गए.

अडानी टोटल गैस के शेयर 13.3 प्रतिशत बढ़कर 687.75 रुपये पर पहुंच गए.

अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर 3.64 प्रतिशत बढ़कर 1,014.55 प्रति शेयर पर पहुंच गए.

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 2% बढ़कर 1,442.50 प्रति शेयर पर पहुंच गए.

एसीसी लिमिटेड के शेयर लगभग 1% बढ़कर 1,873 प्रति शेयर पर खुले

अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 0.69% बढ़कर 584.75 प्रति शेयर पर पहुंच गए

अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लगभग 4% की बढ़त के साथ 881 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया

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ब्रोकरेज फर्म ने दी ओवरवेट रेटिंग

मनीकंट्रोल के मुताबिक, अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में तेजी ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली की रेटिंग के बाद देखी गई है. फर्म ने अडानी पावर को 'ओवरवेट' रेटिंग दी थी और 30 फीसदी की बढ़त की संभावना जताई थी. इसके अलावा, इसे हिंडनबर्ग के आरोपों से अडानी ग्रुप को सेबी द्वारा बरी किए जाने के असर के तौर पर भी देखा जा रहा है.

क्या आरोप लगे थे?

24 जनवरी, 2023 को अमेरिका की एक कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप ने तीन कंपनियों Adicorp Enterprises, Milestone Tradelinks और Rehvar Infrastructure का इस्तेमाल करके पैसों को इधर-उधर घुमाया है और अपने ही ग्रुप की कंपनियों के बीच ट्रांजेक्शन्स छिपाए.

हिंडनबर्ग रिसर्च ने इसे ‘इतिहास की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट धोखाधड़ी’ बताया और दावा किया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की असली कीमत बहुत कम थी, लेकिन उन्हें बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया. हिंडनबर्ग ने ये भी आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप ने तीन कंपनियों का इस्तेमाल फर्मों के बीच पैसों के लेन-देन के लिए किया. इससे अडानी ग्रुप को नियमों से बचने में मदद मिली, जिससे निवेशकों को गुमराह किया गया.

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आरोपों के तुरंत बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई. ग्रुप की मार्केट वैल्यू लगभग 150 अरब डॉलर तक गिर गई और प्रमुख अडानी एंटरप्राइजेज 70 प्रतिशत तक गिर गया. 

हालांकि, अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को बार-बार खारिज करता रहा.

SEBI की जांच में क्या सामने आया?

सेबी ने अडानी ग्रुप पर लगे कई आरोपों में से 2 आरोपों से उसे बरी कर दिया है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, SEBI का कहना है कि अडानी ग्रुप और उसकी कंपनियों के बीच लेन-देन, Related party transactions की परिभाषा में नहीं आते थे, इसलिए निवेशकों को इसकी जानकारी देना जरूरी नहीं था और न ही इसे मार्केट मैनिपुलेशन कहा जा सकता है.

कोई पैसा गलत तरीके से बाहर नहीं निकाला गया. न ही कहीं डायवर्ट किया गया और न ही निवेशकों का पैसा डूबा.

अडानी कंपनियों ने जो भी लोन लिए थे, उन्हें जांच शुरू होने से पहले ही ब्याज समेत चुका दिया था.

आदेश में साफ लिखा है कि ये लेन-देन न तो धोखाधड़ी थे और न ही गलत ट्रेडिंग प्रैक्टिस.

ये कहते हुए सेबी ने अडानी ग्रुप को इन आरोपों से बरी कर दिया है.

भारत में राजनीतिक तूफान

बता दें कि हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद भारत की राजनीति में हंगामा खड़ा हो गया था. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि अनियमितताओं के बावजूद उन्होंने अडानी ग्रुप पर कोई कार्रवाई नहीं की. अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी एशिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं. कांग्रेस उन्हें पीएम मोदी का करीबी बताती रही है. 

हिंडनबर्ग बंद हो गया

वहीं, इस बीच अडानी ग्रुप पर विस्फोटक आरोप लगाने वाली कंपनी हिंडनबर्ग भी बंद हो गई. इस साल की शुरुआत में कंपनी के संस्थापक Nate Anderson ने एलान किया कि कंपनी को बंद किया जा रहा है. उन्होंने इसका कोई खास कारण नहीं बताया. बस इतना कहा कि अब वो अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं.

वीडियो: अडानी पर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सेबी ने क्या कहा है?

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