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EV कार को घर बनाकर बचाए लाखों रुपये, लेकिन इस शख्स का खाना-पीना, नहाना-धोना कैसे चल रहा?

चीन के रहने वाले इन भाई साब ने अपनी इलेक्ट्रिक कार को ही अपना घर बना लिया. अच्छा, इनको कोई पैसे-वैसे की भी दिक्कत नहीं है. महाशय सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. फिर 'बे-कार' में इतनी मशक्कत क्यों की. आप अपनी कार के ब्रेक लगाओ. हम बताते.

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इलेक्ट्रिक कार से बचा लिए 12 लाख

इलेक्ट्रिक कार अच्छी है, बहुत अच्छी है या फिर बहुत-बहुत अच्छी है. अभी इसका पता चलना बाकी है. कितना पैसा वाकई में बचाती है, उसका पता चलना भी बाकी है. मतलब हमारे लिए तो अभी ऐसा ही है. इलेक्ट्रिक कारों को सड़कों पर चलते अभी थोड़ा ही टाइम हुआ है तो सारे गुणा-गणित करने में थोड़ा टाइम तो लगेगा. मगर इस शख्स को भली-भांति पता है कि एक इलेक्ट्रिक कार कितने पैसे बचा सकती है. इन महानुभाव ने अपनी इलेक्ट्रिक कार की वजह से चार साल में 12 लाख रुपये (Chinese software engineer saved Rs 12 lakh) बचाए हैं. पढ़कर आप कहोगे कि क्या उसी में बस गए हैं.

एकदम, चीन के रहने वाले इन भाई साब ने अपनी इलेक्ट्रिक कार को ही अपना घर बना लिया. अच्छा, इनको कोई पैसे-वैसे की भी दिक्कत नहीं है. महाशय सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. फिर 'बे-कार' में इतनी मशक्कत क्यों की. आप अपनी कार के ब्रेक लगाओ. हम बताते.

एक साल में 3 लाख बचा डाले

41 साल के Zhang छह साल पहले तक अपने बड़े घर में रहते थे और साथ में वर्क फ्रॉम होम करते हुए महीने के लाख रुपये छाप लेते थे. अच्छी सैलरी के लालच में उनको अपना घर और नौकरी दोनों छोड़ना पड़ी. Zhang नए शहर में शिफ्ट हुए तो 2,500 युआन (Rs 29,000) में फ्लैट किराये पर लिया. जिंदगी चल रही थी मगर साल 2021 में उन्होंने खरीदी एक इलेक्ट्रिक कार.

इसी कार को एक चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करते उनको लगा कि इसमें तो काफी जगह है. सोना-खाना तो इसी में हो जाएगा. बस नहाने-धोने का देखना होगा. Zhang ने फ्लैट खाली किया और कार को वाकई में हमसफ़र बना लिया. तब से वो कार के साथ ‘जिंदगी एक सफर है सुहाना’ कर रहे.

Chinese software engineer saved Rs 12 lakh by living in EV for 4 years despite owning a home
सांकेतिक तस्वीर 

मतलब वाकई में मौज से रह रहे. Zhang ऑफिस के कैंटीन में खाना खाते हैं और जिम में नहाना-धोना. रात होते ही गार्डन के पास के चार्जिंग स्टेशन पर कार को चार्ज में लगाकर बैक सीट पर नींद लेते हैं. Zhang का चार्जिंग स्टेशन फाइव स्टार रेटिंग वाला है. मतलब साफ-सुथरे पब्लिक टॉयलेट का इंतजाम है. इस सब में उनका रोज 100 युआन (Rs 1,100) रुपये खर्च होता है. जब महाशय गाड़ी चार्ज नहीं कर रहे होते और ऑफिस भी नहीं होता तो बढ़िया से गार्डन में पार्क करके जीवन का आनंद लेते हैं.

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बचे हुए पैसे का उपयोग भी अपनी लाइफस्टाइल के लिए करते हैं. हालांकि इतना सब अच्छा होने के बाद भी वो इस तरह से रहने का समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने South China Morning Post (SCMP) को बताया कि उनको फ्लैट से ज्यादा गार्डन पसंद है.

आप बताओ. क्या आपको ऐसी यायावरी पसंद है. 

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