आराम से गाना बजाते हुए आप कार चला रहे हैं. बाहर गर्मी थोड़ी ज्यादा है, लेकिन कार के अंदर AC चल रहा है तो आपको क्या ही चिंता. मतलब गर्मी हो या बारिश आपके और आपके संगीत की वाइब के बीच मौसम रुकावट नहीं बनेगा. लेकिन इस बीच आपकी नजर बोनट से निकल रहे धुएं पर या टेम्परेचर गेज रेड जोन पर जाती है. इसे देख आप घबरा जाते हैं. वैसे इस सिचुएशन में घबराना या डरना भी लाजिमी है. क्योंकि इससे इंजन खराब हो सकता है या बुरी स्थिति में आग भी लग सकती है. लेकिन अगर आपको कार के बोनट से धुआं या भाप निकलती दिखे, तब भी हम कहेंगे कि शांत रहिए. क्योंकि कुछ स्टेप्स फॉलो करके आप भारी नुकसान से बच सकते हैं.
बीच सड़क कार का इंजन हो जाए गर्म, तो क्या करें और क्या भूलकर भी न करें? सब जानिए
Car Engine Overheats situation: अगर ड्राइविंग करते समय आपको इंजन से धुआं निकलते हुए दिखने लगे या टेम्परेचर गेज रेड जोन में पहुंच जाए, तो तुरंत कुछ काम करने जरूरी हैं. ताकि आपकी कार का इंजन और आप दोनों सुरक्षित रहें.


ड्राइव करते हुए आपको इंजन बहुत ज्यादा गर्म होने का संकेत मिले, तो तुरंत AC को बंद करके, हीटर चला दीजिए. बता दें कि हीटर, इंजन से अतिरिक्त गर्मी को खींचकर कार के केबिन तक पहुंचाने में मदद करता है. हीटर ऑन करने के बाद एक किनारे कार खड़ी करके इंजन बंद कर दीजिए.मतलब कार.
कार को थोड़ा शांत होने दीजिएआपने देखा कि कार में धुआं निकल रहा है. इसके बाद आप कार को साइड में लगा देते और सोचते हैं कार का बोनट खोलकर देखा जाए कि हुआ क्या है? लेकिन आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना है. मतलब आपको कार का हुड खोलना चाहिए, लेकिन इंजन बंद करने के कम से कम 30 मिनट बाद. तुरंत बोनट खोलने से अंदर की भाप गंभीर जलन पैदा कर सकती है.
दूसरा, जब आप हुड खोलें, तो फिल्मी ज्ञान बिल्कुल न अपनाएं. माने कि इंजन गर्म है, तो ठंडा-ठंडा पानी डाल दो. आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि गर्म इंजन पर ठंडा पानी डालने से अचानक तापमान बदल जाएगा और इससे इंजन के जरूरी हिस्से टूट सकते हैं. अगर इमरजेंसी में इंजन पर पानी डालना पड़ जाए, तो ध्यान रहे कि तापमान सामान्य हो.

कूलेंट: कूलेंट लेवल चेक करें. अगर ये कम दिखें, तो समझ जाइए कि ये ही इंजन गर्म होने की वजह था.
लीक्स: कार के नीचे हरे, नीले या संतरी जैसे रंगीन तरल पदार्थ को देखें. अगर ऐसा कुछ दिखता है तो आमतौर पर ये कूलेंट लीकेज से जुड़ा होता है.
होज-बेल्ट: रेडिएटर होज को दबाएं और चेक करें कि कहीं ये फटे, सूजे हुए या ढीले तो नहीं हैं. इसके साथ ही पानी के पंप को चलाने वाली सर्पिन बेल्ट भी देखें.
इमरजेंसी में ये आएगा कामअगर आपके पास कूलेंट है, तो इंजन के पूरी तरह ठंडा होने पर कूलेंट बॉक्स को भर दें. फिर कार को रीस्टार्ट कर तापमान गेज पर नजर डालें. अगर टेम्परेचर सामान्य हुआ, तो सावधानी से ड्राइव करते हुए नजदीकी मैकेनिक या सर्विस सेंटर पर चले जाएं.
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ऐसी सिचुएशन में टो आएगा कामअगर आपके पास कूलेंट नहीं है, तो इंजन के ठंडा होने पर रीस्टार्ट करने का रिस्क न लीजिए. क्योंकि इससे इंजन पूरी तरह फेल हो सकता है. मतलब की बड़ा खर्चा. इसलिए ऐसी सिचुएशन में रोड साइड किसी से हेल्प लीजिए या कार को टो करके नजदीकी मैकेनिक के पास या सर्विस सेंटर लेकर जाइए.
बता दें कि इंजन किसी छोटी वजह से ओवरहीट नहीं करता है. बल्कि कम कूलेंट, लीक्स या वाटर पंप के सही से काम न करने की वजह से हो सकता है. कुछ टिप्स से आप इंजन को कूल कर सकते हैं. लेकिन इंजन बार-बार ज्यादा गर्म होता है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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