सेहत के आज के एपिसोड में देखिए-
1. जानें कि फाइब्रोमायल्जिया क्या है, एक ऐसी स्थिति जो शारीरिक और मानसिक पीड़ा का कारण बनती है?
2. गर्मियों में जांघों की जकड़न से कैसे निपटा जाए?
3. किन सब्जियों को कच्चा खाने से ज्यादा से पोषण मिलता है?
पल्लवी पटेल सपा की टिकट पर कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ी थीं.
BSP का वो विधायक जो पार्टी से अकेला ही विधानभवन में बैठेगा.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत 10 मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं.
प्रयागराज की यह विधानसभा भी हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है.
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन रही है.
अखिलेश वोट प्रतिशत और सीटों में इजाफे को लेकर संतुष्ट नजर आ रहे हैं.
इस सीट पर बसपा ने शादाब फातिमा और कांग्रेस ने ज्ञान प्रकाश सिंह को चुनाव में उतारा था.
चुनाव शुरू होने से पहले आया था मुनव्वर राणा का बयान.
मालवेयर, वायरस का बड़ा भाई है जो सिस्टम का माल मतलब डेटा तो उड़ाता ही है.
गूगल अब किसी डिक्शनरी से कम नहीं है.
गूगल क्रोम का डिफ़ॉल्ट डाउनलोड फ़ोल्डर होता है जिसमें सबकुछ स्टोर होता है.
इसी मुहिम के चलते ये कंपनियां स्मार्टफोन खराब होने पर DIY का ऑप्शन दे रही हैं.
आपके स्मार्टफोन चलाने के तरीके को समझकर भी एडेप्टिव ब्राइटनेस कम या ज्यादा होती है.
ये तो बात हुई फायदे की लेकिन नुकसान भी कम नहीं है.
क्यूआर कोड से कई सारे काम किए जा सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन पर राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया रही?
जोधपुर में तनाव की शुरुआत कहां से हुई ?
चंदौली में परिवार ने पुलिस पर जो आरोप लगाए उनमें कितनी सच्चाई है?
कब तक यूं बिजली कटती रहेगी? क्या वाकई कोयला संकट है?
अजय देवगन ने 'रनवे 34' के चक्कर में बहस की?
कोरोना से पहले और बाद के टैक्स में फर्क क्यों?
प्रशांत किशोर कांग्रेस के होते-होते कैसे रह गए?
महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का इतना बुरा हाल क्यों है?
अरूसा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी जोड़ा जा रहा है.
हरियाणा के पटौदी में हुई जनसभा में उसके भाषण का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
2019 के बाद से ही जितिन प्रसाद की भाजपा से नजदीकियां बढ़ रही थीं.
अब वो राज्य का मुख्यमंत्री बन गया है.
अजित सिंह के लोकदल अध्यक्ष बनने की प्रक्रिया काफी विवादित रही थी.
मद्रास शहर की थाउजेंड लाइट्स विधानसभा सीट से स्टालिन पहली बार चुनाव में उतरे.
विजयन महज़ 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने थे.
नेतागिरी से दूर भागने वाले अखिल गोगोई जेल से ही चुनाव लड़ने पर मजबूर हुए.