"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल”भारतेन्दु हरिश्चंद्र की ये पंक्तियां किसी भी भाषा-बोली का मूल हैं. जितने पुराने हम हैं, उतना ही पुराना हमारे बोलने का इतिहास. लेकिन इसी बोली-भाषा पर विवाद का इतिहास इतना भी पुराना नहीं है. हालिया उदाहरण हिन्दी-मराठी भाषा विवाद का है. लेकिन पिछले भी कई उदाहरण हैं. इसकी जड़ें कहां तक जाती हैं, जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.