युद्ध बीत जाते हैं. युद्ध के अपराध बचे रहते हैं. जब तक कि उनके ऊपर ज़रूरी न्याय का मरहम ना लगा दिया जाए, उन अपराधों के घाव रिसते रहते हैं. जैसा कि हज़ारों कोरियाई महिलाओं के साथ हो रहा है. इन महिलाओं को जापानियों ने ज़बरदस्ती सेक्स स्लेव बनाकर रखा था. उनमें से कई नाबालिग थीं. अपराध होने के पांच दशक बाद साउथ कोरिया में न्याय की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुए. जापान से माफ़ी और मुआवजे की उनकी मांग को तीन दशक पूरे हो चुके हैं. इसके बावजूद उन्हें बार-बार निराशा हाथ लगती है. युद्ध भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन चोट के निशान कायम हैं. ये कभी मिटेंगे भी, ये कहना मुश्किल है. जापान का वॉर-टाइम सेक्स स्लेवरी कांड क्या है? जापान पर क्या आरोप लगते हैं? और, क्या कभी पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल पाएगा? देखें वीडियो.