दी ऑडनारी शो के आज के एपिसोड में देखिए:-
1. क्या है पीडोफिलिया, कैसे लोग पीडोफाइल हो जाते हैं?
2. पीडोफिलिया के बढ़ते मामलों पर क्या बोला इलाहाबाद हाई कोर्ट?
1. क्या है पीडोफिलिया, कैसे लोग पीडोफाइल हो जाते हैं?
2. पीडोफिलिया के बढ़ते मामलों पर क्या बोला इलाहाबाद हाई कोर्ट?
पल्लवी पटेल सपा की टिकट पर कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ी थीं.
BSP का वो विधायक जो पार्टी से अकेला ही विधानभवन में बैठेगा.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत 10 मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं.
प्रयागराज की यह विधानसभा भी हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है.
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन रही है.
अखिलेश वोट प्रतिशत और सीटों में इजाफे को लेकर संतुष्ट नजर आ रहे हैं.
इस सीट पर बसपा ने शादाब फातिमा और कांग्रेस ने ज्ञान प्रकाश सिंह को चुनाव में उतारा था.
चुनाव शुरू होने से पहले आया था मुनव्वर राणा का बयान.
गूगल के पिटारे में और क्या है?
British Gas की सहयोगी centrica ने इसपर रिसर्च की है.
मालवेयर, वायरस का बड़ा भाई है जो सिस्टम का माल मतलब डेटा तो उड़ाता ही है.
ब्रॉडबैंड सभी के लिए सर्वसुलभ है.
गूगल अब किसी डिक्शनरी से कम नहीं है.
गूगल क्रोम का डिफ़ॉल्ट डाउनलोड फ़ोल्डर होता है जिसमें सबकुछ स्टोर होता है.
इसी मुहिम के चलते ये कंपनियां स्मार्टफोन खराब होने पर DIY का ऑप्शन दे रही हैं.
आपके स्मार्टफोन चलाने के तरीके को समझकर भी एडेप्टिव ब्राइटनेस कम या ज्यादा होती है.
हिंदू पक्ष के वकीलों ने क्या दावा ठोंका?
ज्ञानवापी मामले पर मायावती और अखिलेश ने बीजेपी पर क्या बोला?
नंदी के सामने की दीवार का क्या होगा?
ज्ञानवापी मामले में अब आगे क्या होगा?
जम्मू कश्मीर में चिर शांति के जो बड़े बड़े दावे सरकार ने किए थे, वो खोखले साबित क्यों हुए?
IPC की धारा 124(ए) को लेकर किरण रिजिजू और पूर्व गृह मंत्री पी चिंदबरम क्यों भिड़े?
क्या सरकार के खिलाफ विद्रोह को देश से द्रोह माना जा सकता है?
अब कुतुब मीनार को लेकर क्या विवाद खड़ा हुआ?
अरूसा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी जोड़ा जा रहा है.
हरियाणा के पटौदी में हुई जनसभा में उसके भाषण का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
2019 के बाद से ही जितिन प्रसाद की भाजपा से नजदीकियां बढ़ रही थीं.
अब वो राज्य का मुख्यमंत्री बन गया है.
अजित सिंह के लोकदल अध्यक्ष बनने की प्रक्रिया काफी विवादित रही थी.
मद्रास शहर की थाउजेंड लाइट्स विधानसभा सीट से स्टालिन पहली बार चुनाव में उतरे.
विजयन महज़ 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने थे.
नेतागिरी से दूर भागने वाले अखिल गोगोई जेल से ही चुनाव लड़ने पर मजबूर हुए.