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अखिलेश यादव इन तीन 'N' के भरोसे सबसे भिड़े पड़े हैं

ये लोग बहुत भरोसेमंद और खास हैं.

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2 जनवरी 2017 (Updated: 2 जनवरी 2017, 13:25 IST)
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जितनी उठापटक पिछले दिनों समाजवादी पार्टी में हुई उतनी ही सोशल मीडिया पर. मुलायम सिंह के आज्ञाकारी बेटे टीपू अचानक से ‘मुख्यमंत्री अखिलेश यादव’ के अवतार में आ गए. और फिर ऐसा रायता फैला कि ये न नेताजी और न उनके भाई-बंधुओं से सिमटा. सबने अपनी धाक दिखाई. अफसरों के वर्चस्व का ऐसा रिएक्शन हुआ कि रोज समीकरण बदले. सबकुछ ऐसा लगा जैसे अखिलेश यादव की साफ-सुथरी और विकासपुरुष वाली छवि रचने के लिए सब ड्रामा किया गया हो.
अखिलेश का पलड़ा इसलिए भी भारी निकला, क्योंकि उनका पीआर कुछ खास नौकरशाह देखते हैं. जिसका विलाप चचा शिवपाल ने भी कई कई बार किया कि भतीजे के अफ़सर उनकी बात नहीं सुनते. साढ़े तीन मुख्यमंत्री से विकास पुरुष बनने की कवायद में अखिलेश यादव के तीन खास नायक हैं, जिनके दम पर ही मुख्यमंत्री सियासत की दौड़ में आगे निकल गए. 1. नवनीत सहगल सवा छह फुट के कद वाले नवनीत सहगल देखने में जितने कद्दावर लगते हैं इस सरकार में उनका कद इससे कहीं ज़्यादा ऊंचा है. मायावती सरकार में दूसरे सबसे खास अफसर की हैसियत रखने वाले सहगल को अखिलेश सरकार ने आते ही धर्मार्थ कार्य जैसे विभाग में भेज कर साइड लाइन कर दिया था.
सरकार के पहले दो सालों में जब मुज़फ्फरनगर जैसी घटनाओं के बाद सरकार को साख बचानी मुश्किल पड़ रहा थी तो मीडिया मैनेजमेंट और लाइज़निंग में माहिर माने जाने वाले सहगल को ‘प्रमुख सचिव सूचना’ की ज़िम्मेदारी दी गई.
आज ये सहगल की ही वजह है कि तमाम विवादों के बीच भी अखिलेश यादव की इमेज पाक पाकीजा बनी हुई है. वैसे मीडिया को हैंडल करने से अलग भी सहगल ‘आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे’ को रिकॉर्ड समय और कीमत में पूरा करवा कर मुख्यमंत्री की तारीफ हासिल कर चुके हैं.
अखिलेश के साथ नवनीत सहगल
अखिलेश के साथ नवनीत सहगल
2. नवनीत सिकेरा अगर कहा जाए कि नवनीत सिकेरा देश के सबसे खतरनाक आईआईटियन हैं तो शायद यह अतिश्योक्ति न हो. 60 से ज़्यादा एनकाउंटर कर चुके इस आईपीएस-इंजीनियर को अखिलेश यादव ने बदनाम लॉ एण्ड ऑर्डर वाले प्रदेश में '1090 विमेन पावर लाइन' की ज़िम्मेदारी दी है.
इस हेल्पलाइन पर घरेलू हिंसा, सोशल मीडिया पर परेशान करने जैसी हरकत करने वाले मनचलों को नवनीत सिकेरा की टीम कोने में ले जाकर चुपचाप समझा कर, सोशल मीडिया से प्रोफाइल बैन करवाने जैसे ऐक्शन लेकर ही मामला सुलटा देती है. अब तक 5 लाख से ज़्यादा मामले सुलझा चुकी 1090 पावर लाइन में इतनी गोपनीयता रखी जाती है कि लड़की के घरवालों को भी बिना लड़की की मर्ज़ी के शिकायत की डीटेल नहीं दी जाती है.
फेसबुक पर सक्रिय सिकेरा बीच-बीच में ठरकी लोगों की तस्वीरें भी उनसे दूर रहने की हिदायत के साथ डालते रहते हैं. वैसे कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव ने ही एक कार्यक्रम में कहा था कि वो खुद नवनीत सिकेरा को लखनऊ से दूर नहीं जाने दे रहे हैं.
नवनीत सिकेरा
नवनीत सिकेरा
3. जी एस नवीन कुमार सेक्रेटरी बहुत कूल शख्सियत के मालिक हैं जी एस नवीन कुमार. अखिलेश यादव के कितने खास हैं इसको सिर्फ इतने से ही समझा जा सकता है कि जहां 2007 के ज़्यादातर आईएस अभी भी जिलों की कलेक्टरी कर रहे हैं. नवीन कुमार स्पेशल सेक्रेटरी टू सीएम बनकर मुख्यमंत्री के बड़े-बड़े काम देखते हैं. इंटरनेट, सोशल मीडिया, डीप-वेब और एथिकल हैकिंग की अच्छी खासी समझ रखने वाले नवीन के ही दिशा निर्देशों पर मुख्यमंत्री और सरकार के ट्विटर और फेसबुक पेजों की दिशा तय होती है.
अखिलेश यादव की सोशल मीडिया पर मिस्टर क्लीन वाली छवि को बनाए रखने और सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी नवीन कुमार के ज़िम्मे ही है. जोश से भरे रहने वाले नवीन अक्सर अपना लक्ष्य उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का मोस्ट प्रिफर्ड स्टेट बनाना बताते हैं.
ये नवीन के ही काम करने का ढंग है कि विवादास्पद बयानों वाली आज की सियासत में आपको अखिलेश यादव से जुड़े आधिकारिक हैंडल्स पर कभी भी विवाद पैदा करने वाली चीज़ें नहीं मिलेंगी. अखिलेश यादव के समर्थकों में जोश भरने के लिए चलाए गए ‘काम बोलता है’ कैम्पेन भी नवीन कुमार की ही सोच है.
जी एस नवीन
जी एस नवीन
इनके अलावा मुख्यमंत्री के खास अधिकारियों में 'दि इकोनॉमिस्ट' से सम्मानित रिक्ज़िन सैम्फिल भी हैं जो डीएम के तौर पर अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली के लिए खासे चर्चित रहे हैं. सैम्फिल आजकल स्पेशल सेक्रेटर के तौर पर समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं पर ध्यान देते हैं.
https://www.youtube.com/watch?v=-SNYbzFvWdQ


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