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AC का टेंपरेचर 16 डिग्री से नीचे क्यों नहीं जाता? अगर जाता तो क्या होता?

एयर कंडीशनर का तापमान 30 से ऊपर नहीं जाता क्योंकि प्रोडक्ट बना ही ठंडी हवा के लिए है. मगर मुआ 16 से नीचे काहे नहीं जाता? चलिए ठंडी हवा खाते हुए समझते हैं.

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Too low temperatures can cause health problems. Why can we not set the temperature of AC less than 16 degrees? Because 15°C or lower temperatures make normal people feel quite cold as it is already below your body temperature by about 21°C
एयर कंडीशनर के तापमान का गणित.
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सूर्यकांत मिश्रा
22 मई 2024 (Updated: 22 मई 2024, 10:49 PM IST)
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चलिए आज एक गिनती करते हैं. 30, 29, 28, 27, 26, 25, 24, 23, 22, 21, 20, 19, 18, 17 और 16. 30 टॉप और 16 बॉटम. ना इसके ऊपर ना इसके नीचु. ये स्कूल वाला नहीं, बढ़ती गर्मी में एसी वाला ‘गणित’ बता रहे हैं. इन दिनों गर्मी हचक कर पड़ रही है. पारा अर्धशतक मारने को तैयार है. रेगिस्तान में रेत पर पापड़ इसी गर्मी से सिक रहे हैं. इसी गर्मी में हमें जिस प्रोडक्ट से जूड़ी-जूड़ी (ठंडी) हवा मिलती है, उसका सीधा संबंध इस गिनती से है.

हम बात कर रहे हैं एयर कंडीशनर की जिसमें तापमान 30 से ऊपर नहीं जाता और 16 से नीचु नहीं आता. अब 30 से ऊपर नहीं जाता क्योंकि प्रोडक्ट बना ही ठंडी हवा के लिए है. मगर मुआ 16 से नीचे काहे नहीं जाता? एक अल्पविराम. क्योंकि पता है आप इतना पढ़कर एक बार रिमोट लेकर चेक करने जरूर गए होंगे… यकीन हो गया ना. 16 से नीचे नहीं जाता. लेकिन काहे भईया, चलिए ठंडी हवा खाते हुए समझते हैं.

AC Temperature 16 से नीचे क्यों नहीं?

इसके पीछू, या कहें अंदर है एयर कंडीशनर की तकनीक. दरअसल AC में एक इवैपोरेटर होता है जो कूलेंट की मदद से ठंडा होता है. इसके ठंडा होने से ही आपको एयर कंडीशनर से कूल-कूल हवा मिलती है. अगर तापमान 16 डिग्री से नीचे सेट कर दिया गया तो इवैपोरेटर पर बर्फ जम जाएगी और ये पूरी तरह से खराब हो जाएगा. मोटा-माटी यही है, लेकिन इतने भर से काम नहीं चलेगा. मतलब इवैपोरेटर से लेकर कूलेंट की बर्फ भी तो पिघलानी पड़ेगी. 

सांकेतिक तस्वीर 

ये भी पढ़ें: 3 स्टार AC लेना ज्यादा किफायती! फिर 5 स्टार का इतना रौला क्यों? पूरा चक्कर नहीं समझा तो 10 साल पछताओगे

इवैपोरेटर: एयर कंडीशनर (AC) में एक खास उपकरण होता है, जिसे इवैपोरेटर कहा जाता है. एसी में होने वाली गैस की गतिशील प्रक्रिया इसी उपकरण के इर्द-गिर्द घूमती है. गर्म गैस जो कंडेनसर से होकर गुज़रती है और गर्मी को बाहरी हवा में छोड़ देती है. बची हुई गैस ठंडी और लिक्विड फ़ॉर्म में आ जाती है. यही लिक्विड गैस इवैपोरेटर कॉइल से होकर गुज़रती है जो वाष्पीकृत होकर वातावरण से गर्मी को सोख लेती है. इसके बाद मिलती है ठंडी हवा.

तस्वीर Thermodpedia से साभार.

इसी इवैपोरेटर में जो रेफ्रिजरेंट मतलब ठंडी हवा है उसका दबाव कम होता है. ऐसे में अगर तापमान कम से कम कर दिया तो ये ठंडी हवा बर्फ में बदलेगी. परिणाम बताने की जरूरत नहीं. अब आपके मन में सवाल होगा कि बर्फ तो जीरो डिग्री पर जमती है तो ये 16 कहां से आ गया. एकदम सही बात, लेकिन जीरो पर वो जमकर पथरा हो जाती है. मगर उसके जमने का पहला स्टेप 16 डिग्री है. इसलिए 16 से नीचे जाने का मतलब कार्यक्रम बिगड़ जाएगा.

इसलिए तय किया गया कि 16 पर गोला लगा देते हैं. क्योंकि बर्फ जमाने का काम तो फ्रिज का है. सॉरी थोड़ा ओल्ड स्कूल हो गया. रेफ़्रिजरेटर कहते हैं.

वीडियो: 3 स्टार AC 5 स्टार से ज्यादा किफायती? पूरा चक्कर नहीं समझा तो 10 साल पछताओगे

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