फोन उठाते ही 'हैलो' क्यों बोलते हैं? गर्लफ्रेंड वाली कहानी के चक्कर में ना फंसना
फोन पर हैलो बोलने की असली कहानी पता चली...

फोन उठाते या मिलाते वक्त मुंह से सबसे पहले क्या निकलता है. हैलो…हैलो… आमतौर पर यही होता है, बाकी बोलने के लिए नमस्ते, प्रणाम, होला, ओला कुछ भी बोल सकते हैं. मगर ज्यादातर हैलो ही निकलता है. पर क्या आपका दिमाग कभी ठनका कि आखिर ऐसा होता क्यों है? चलिए हम बताते हैं.
ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड 'मारग्रेट हैलो'साल 1876 में टेलीफोन का अविष्कार किया अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने और पहला फोन घुमाया अपनी गर्लफ्रेंड 'मारग्रेट हैलो' को. उन्होंने उनका नाम हैलो लिया और वहीं से फोन पर सबसे पहले हैलो कहने का चलन शुरू हो गया. ऐसी कहानी शायद आपने सुनी होगी लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है. दरअसल ग्राहम बेल की गर्ल फ्रेंड का नाम 'मारग्रेट हैलो' था ही नहीं. वो इसलिए क्योंकि ऐसा कोई आधिकारिक तथ्य नहीं मिलता. ये तथ्य जरूर है कि उनकी गर्लफ्रेंड का नाम मेबेल हवार्ड था. ग्राहम ने आगे चलकर उनसे शादी भी की.
बात करें पहले कॉल की तो टेलीफोन बनाने के बाद ग्राहम बेल ने सबसे पहले अपने असिस्टेंट को फोन किया था और उन्होंने हैलो नहीं बल्कि "Ahoy" शब्द बोला था. इसका मतलब भी किसी का अभिवादन करना ही है. डच भाषा के शब्द “hoi” से निकला है “Ahoy”. कहने का मतलब हैलो से बेल का कोई लेना देना नहीं है. हालांकि वो इस शब्द से इतना लगाव रखते थे कि उन्होंने जीवन भर “Ahoy” ही कहा. अब बेल की बेल तो हैलो से नहीं बजी तो आखिर 'हैलो' का बल्ब जलाया किसने?
थॉमस अल्वा एडिसन की देन है 'हैलो'अरे नाराज नहीं होना है. हमें पता है आप कहेंगे हैलो शब्द तो पहले से है. ठीक पकड़े. ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार, Hello शब्द पुराने जर्मन शब्द हाला से बना है. ये शब्द भी पुराने फ्रांसीसी या जर्मन शब्द ‘होला’ से आया है. 'होला' का मतलब होता है ‘कैसे हो’. ये शब्द वक्त के साथ लहजे की वजह से बदलता गया. अंग्रेजी कवि चॉसर के जमाने में यानी 1300 ई के बाद ये शब्द हालो बन चुका था. फिर शेक्सपियर के जमाने में ये हालू बन गया.
हैलो शब्द सबसे पहले लिखित रूप में 1833 में इस्तेमाल हुआ. मतलब आम भाषा में इसका चलन आया. इसके बाद आया साल 1877 जब बल्ब का आविष्कार करने वाले थॉमस अल्वा एडिसन ने 'हैलो' बोलने का प्रस्ताव रखा. इसके लिए उन्होंने पिट्सबर्ग की 'सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कम्पनी' के अध्यक्ष टीबीए स्मिथ को पत्र लिखा और कहा कि टेलीफ़ोन पर पहले शब्द के रूप में 'Hello' बोला जाना चाहिए.
अब थॉमस अल्वा एडिसन कुछ कहें तो वो दुनिया की नजर में आना ही था. तो फिर 'Hello' चल निकला या कहें बोल पड़ा. यही थी कहानी. अब आप तुरंत किसी को फोन करिए. हैलो बोलिए. और ये कहानी सुनाइये. टाटा.
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