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घर में पड़ी पुरानी कार की आरती उतारिए, ये आपका लाखों का फायदा करा सकती है

घर में कहीं कोने में पड़ी कार (Vehicle scrape Policy in India) को बेचने की बात करते ही कई लोगों के इमोशन हर्ट हो जाते हैं. लेकिन आप चिंता मत कीजिए हम आपके इमोशन हर्ट नहीं करने वाले. भई आपकी कार है, भले ‘बेकार’ है. बस हमारी एक बात जान लीजिए. आपकी ये बेकार पड़ी कार आपके लाखों रुपये बचा सकती है.

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The Vehicle Scrappage Policy, 2021 focuses on phasing out old and unfit vehicles. It aims to de-register private cars over 20 years old and commercial vehicles over 15 years old.
कबाड़ में पड़ी गाड़ी का कारोबार
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सूर्यकांत मिश्रा
14 अगस्त 2024 (Updated: 14 अगस्त 2024, 07:34 PM IST) कॉमेंट्स
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अगर आपके पास एक कुछ साल पुरानी कार है तो आप क्या करेंगे? क्या ही करेंगे, चलाएंगे आराम से. अगर कुछ पुराना हो भी गया तो पार्ट्स वगैरा बदलवा लेंगे. ठीक बात, लेकिन जो आपके पास बहुत पुरानी कार है, जो ‘बेकार’ हो चुकी है, जिसके चक्के गायब हो चुके हैं, जैक की जगह पत्थर लगा कर जिसे एक कोने में रख दिया गया है, उसका क्या करेंगे? हमें पता है कि आपका जवाब क्या होगा. आपने कहना है कि भईया वो कार नहीं इमोशन है. उसकी बात ही मत करना वरना इमोशन्स हर्ट हो जाएंगे.

चिंता मत कीजिए, हम आपके इमोशन हर्ट नहीं करने वाले. भई आपकी कार है भले ‘बेकार’ है. बस हमारी एक बात जान लीजिए. आपकी ये बेकार पड़ी कार आपके लाखों रुपये बचा सकती है. कार नहीं खजाना है. मिलेगा कैसे वो हम बता देते हैं. इसके बाद मनवा में इमोशन जरूर जागेंगे.

कार, कबाड़ और कारोबार

गुस्सा नहीं होना है क्योंकि अपनी बात हो चुकी है. जरा बैठिए तो सही, सुनिए तो सही. कार के कबाड़ से तात्पर्य सरकार की स्क्रैप पॉलिसी (Vehicle scrape Policy in India) से है. नाम भले स्क्रैप पॉलिसी है मगर इसके फायदे ही फायदे हैं. कुछ हजार से लाखों रुपये तक. ये हमने पहले ही बता दिया ताकि आपकी नाराजगी थोड़ी कम हो. पूरा गुणा-गणित बताते, मगर पहले स्क्रैप पॉलिसी को समझ लेते हैं.

Vehicle scrape Policy in India: An old car of yours can provide you with big benefits.
स्क्रैप पॉलिसी
क्या है सरकार की स्क्रैप पॉलिसी?

साल 2021 में नई स्क्रैप पॉलिसी को लॉन्च किया गया. इसके मुताबिक, 15 साल पुराने कमर्शियल वाहन और 20 साल पुराने निजी वाहनों को सड़क से हटाना है. ऐसा करने के कई कारण हैं. लेकिन सबसे बड़ा मकसद तो प्रदूषण फैला रहे वाहनों को कम करना है. स्क्रैप पॉलिसी में पुराने वाहनों के फिटनेस टेस्ट में भी कई बदलाव किए गए हैं. 1 अप्रैल, 2023 से Heavy Commercial Vehicles (HCVs) का फिटनेस टेस्ट Automated Testing Stations (ATSs) में हो होगा. यही प्रक्रिया निजी और छोटे वाहनों के लिए 1 June, 2024 से लागू कर दी गई है. दिल्ली के लिए स्क्रैप पॉलिसी में थोड़ा बदलाव है. यहां डीजल गाड़ी को 10 साल और पेट्रोल गाड़ी को 15 साल तक ही चलाया जा सकता है. 

Vehicle scrape Policy in India: An old car of yours can provide you with big benefits.
स्क्रैप पॉलिसी

वाहनों का फिटनेस टेस्ट हर 5 साल में होना जरूरी है. अगर वाहन फिटनेस टेस्ट में पास नहीं हुआ तो फिर वो ELV (End-of-Life Vehicle) कहलाएगा. ये 15 साल और 20 साल के पहले भी हो सकता है. मगर 15 के बाद तो भूल ही जाइए. जाहिर है ऐसा होने से कई लोगों को दिक्कत हुई. क्योंकि भले कोई वाहन पुराना हो चला हो, मगर जरूरी नहीं कि वो बेकार हो गया हो. इसी को कवर करने के लिए सरकार ने इस स्क्रैप पॉलिसी को फंड किया है. ये फंड या फायदा जाता है गाड़ी के मालिक को. कुल तीन फायदे हैं.

# नई गाड़ी पर डिस्काउंट- 4 से 6 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा नई गाड़ी पर. ये डिस्काउंट गाड़ी की ex-showroom कीमत पर मिलेगा. ये वो कीमत है जिसमें गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, रोड टैक्स और इंश्योरेंस शामिल नहीं होता. 

# कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं- नई गाड़ी पर लगने वाली रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं लगने वाली. 

# रोड टैक्स पर डिस्काउंट- राज्य सरकारें अपने हिसाब से डिस्काउंट ऑफर करती हैं. निजी वाहनों के लिए 25 फीसदी और कमर्शियल के लिए 15 फीसदी तक का जुगाड़ है.

गणित के हिसाब से देखें तो अगर कोई गाड़ी की एक्स शोरूम कीमत 10 लाख रुपये है, तो सबसे पहले 5 फीसदी डिस्काउंट मतलब 50 हजार धर लीजिए. इसके बाद 10 हजार रजिस्ट्रेशन फीस भी जोड़ लीजिए. 10 लाख की गाड़ी पर रोड टैक्स मोटा-माटी 80 हजार होता है तो उसका 25 फीसदी मतलब 20 हजार और जोड़ लीजिए.

कुल हुआ 80 हजार. और जो गाड़ी को स्क्रैप में बेचने पर मिलेगा वो अलग. इसकी कीमत अगर 50 हजार भी पकड़ लें तो कार्यक्रम बैठा 1 लाख 30 हजार. मतलब 10 लाख रुपये की गाड़ी पर आपको बढ़िया फायदा होगा. नई गाड़ी की कीमत जितनी ज्यादा, फायदा भी उतना ही.

हालांकि इस फायदे के लिए आपको अपनी गाड़ी किसी आधिकारिक रीसाइकलर के पास देनी होगी. वो गाड़ी के मूल्य के साथ एक स्क्रैप सर्टिफिकेट भी देगा जो आपको नई गाड़ी लेते समय डीलर को देना होगा.

इसलिए गाड़ी को कबाड़ में रखने से अच्छा उसको स्क्रैप कीजिए. 

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