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मोबाइल-लैपटॉप की सुस्ती से परेशान हैं? डेली रीस्टार्ट का 'जादू' जानते तो ऐसा ना होता

Restart शब्द जितना आम जीवन में प्रभावशाली है, उतना ही हमारे डिवाइस के काम का है. तकरीबन हर डिवाइस, मसलन स्मार्टफोन या लैपटॉप, में ये वाला फीचर और इसका बटन दिया होता है. लेकिन हम गाहे-बगाहे ही इसका इस्तेमाल करते हैं. जबकि इसका इस्तेमाल रोज होना चाहिए. एकदम वैसे ही जैसे हम दातून करते हैं.

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To prevent background apps from running amok, draining your phone battery, or even slowing it down significantly, pick up this simple, weekly routine.
Restart के फायदे अनेक.
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सूर्यकांत मिश्रा
25 जून 2024 (Published: 18:51 IST)
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पिछले साल यानी 2023 में एक फ़िल्म आई थी 12th Fail. टिकट खिड़की और OTT पर इसने खूब रौला जमाया. फिल्म की कहानी, किरदार और डायलॉग खूब पसंद किए गए. इसी फिल्म में एक डायलॉग है, रीस्टार्ट (Restart). गौरी भईया बार-बार इस शब्द का इस्तेमाल IPS मनोज शर्मा का किरदार निभा रहे विक्रांत मैसी के सामने करते हैं. इसी शब्द पर फिल्म में एक गाना भी है. एक शब्द, मगर बड़े मायने वाला. इतना पढ़कर अगर आपको लग रहा हो कि हम क्यों इस शब्द के पीछू पड़े हैं, स्टोरी का मीटर बिठाने के लिए? नहीं, बल्कि आपको रीस्टार्ट करने के लिए. 

Restart शब्द जितना आम जीवन में प्रभावशाली है, उतना ही हमारे डिवाइस के काम का है. तकरीबन हर डिवाइस, मसलन स्मार्टफोन या लैपटॉप, में ये वाला फीचर और इसका बटन दिया होता है. लेकिन हम गाहे-बगाहे ही इसका इस्तेमाल करते हैं. जबकि इसका इस्तेमाल रोज होना चाहिए. एकदम वैसे ही जैसे हम दातून करते हैं. दातून इसलिए लिखा क्योंकि वो भी दिन में दो बार करना चाहिए, मगर हम एक बार में ही निपटा देते हैं. अब हमने कह तो दिया कि Restart करना चाहिए. मगर इससे होगा क्या, वो भी जान लीजिए.

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# मेमोरी साफ हो जाती है: स्मार्टफोन या लैपटॉप ऐसे प्रोडक्ट हैं जिनका लगातार इस्तेमाल होता है. ऐसे में इनके अंदर जंक और डेड फ़ाइलें जमा होती रहती हैं. कुकीज इकट्ठे होते रहते हैं. वैसे तो ये फ़ाइलें हमारी कल्पना से भी छोटी होती हैं, मगर जब ये लाखों-करोड़ों में इकट्ठा हो जाती हैं तो डिवाइस की मेमोरी में अपने लिए जगह बनाती हैं. एकदम वैसे ही जैसे हमारे दिमाग में होता है. कितना कुछ भरा होता है. जैसे एक नींद हमें फ्रेश और खाली कर देती है, वैसे ही रीस्टार्ट डिवाइस की मेमोरी को खाली करता है.

# बैटरी लाइफ बढ़ती है: ऐसा इसलिए क्योंकि जब भी एक डिवाइस रीस्टार्ट होता है तो बैकग्राउन्ड में चलने वाले ऐप्स अपना ग्राउन्ड छोड़कर निकल लेते हैं. कहने का मतलब बंद हो जाते हैं. वैसे तो आजकल डिवाइस बहुत स्मार्ट हो चले. ऐप्स इस्तेमाल में नहीं तो उसको हाइबरनेशन में डाल देते हैं. मगर हाइबरनेशन भी एक किस्म की नींद है, भले गहरी ही सही. कुछ ना कुछ बैटरी पर असर डालती है. ऐसे में रीस्टार्ट मतलब हमेशा के लिए सो जाने वाला प्रोसेस.

सांकेतिक तस्वीर (AI जनित)

# सिस्टम अपडेट इंस्टॉल: ये प्रोसेस तो आपने खुद नोटिस किया होगा. जब भी कोई नया ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट आता है या कंपनी सिक्योरिटी पैच पुश करती है तो सिस्टम रीस्टार्ट मांगता है. मगर ये प्रोसेस लगातार चलता है. ऐसे में एक रीस्टार्ट सब कुछ ढंग से इंस्टॉल कर देता है.

# डिवाइस ठंड रख लेता है: अपने नाम के मुताबिक हीटिंग इशू कम होता है. ऐप्स क्रैश होने की दिक्कत कम होती है और डिवाइस खुद से Shut-Down होने बच जाता है. इसमें कोई रॉकेट साइंस भी नहीं. एक मशीन लगातार काम कर रही. थोड़े देर अगर उसको चैन की सांस लेने को मिलेगी तो फिर पूरी ताकत से दम भरेगी ही.

सांकेतिक तस्वीर 

सौ बात की एक बात. डिवाइस की सौ छोटी-मोटी दिक्कतों का अदत इलाज रीस्टार्ट है. इसका बटन दबाते रहिए.

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