लैपटॉप शट डाउन करने पर भी पूरी तरह से बंद नहीं होता? असली सच जान लैपटॉप बंद नहीं करेंगे!
बात उस ज्ञान की जो आजकल सोशल मीडिया पर Shut down हो रहा. बोला जा रहा है कि लैपटॉप शटडाउन होने पर भी पूरी तरह से बंद नहीं होता है. शायद ढंग से बंद करने के लिए एक अलग से आदमी रखना पड़ेगा. सच्ची में ऐसा है क्या? नहीं जनाब लेकिन फिर भी आपको सब जानने की जरूरत है.
कभी बल्ब के खटके (बटन) को बंद करके अंदर से तार निकाले हैं क्या? कभी रिमोट से टीवी बंद करके यूनिट आगे खींचकर प्लग निकाला है क्या? रिमोट और बटन छोड़िए जनाब, क्या कभी दरवाजा अंदर से बंद करके खिड़की से कूदकर बाहर ताला लगाया है क्या? कहने का मतलब जब एक बार कोई निर्धारित प्रोसेस को पूरा कर दिया तो फिर कुछ और करने की जरूरत है क्या? जवाब होगा नहीं. तो फिर अपने लैपटॉप को बंद करने, अच्छे से बंद करने और अच्छे के बाद सुपर अच्छे से बंद करने की क्या जरूरत आन पड़ी?
आप समझदार हैं इसलिए इशारा काफी है कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं. बात उस ज्ञान की जो आजकल सोशल मीडिया पर Shut Down हो रहा है. बोला जा रहा है कि लैपटॉप शटडाउन होने पर भी पूरी तरह से बंद नहीं होता है. शायद ढंग से बंद करने के लिए एक अलग से आदमी रखना पड़ेगा! सच्ची में ऐसा है क्या? नहीं जनाब, लेकिन फिर भी आपको सब जानने की जरूरत है.
लैपटॉप Shut Down का मतलब क्या है?शब्द भले दो हैं मगर इसका एक अर्थ है और अपने आप में पूरा है. ये उस प्रोसेस का नाम है जिसे आप ताबूत में आखिरी कील ठोकने जैसा समझ सकते हैं. लैपटॉप से लेकर डेस्कटॉप में इसके बाद कुछ नहीं होता. हां, इसके पहले दो प्रोसेस जरूर होती हैं. एक स्लीप मोड और दूसरा री-स्टार्ट.
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# स्लीप मोड मतलब आपके और हमारे चाय ब्रेक जैसा. जैसे हम छोटा सा चाय ब्रेक लेकर तरो-ताजा हो जाते हैं वैसे ही स्लीप मोड होता है. आप सिस्टम पर काम नहीं कर रहे हैं लेकिन उसको ओपन रखा हुआ है. ऐसे में बेकार ही सब काम पर लगे हुए हैं. मसलन बैटरी से लेकर रैम तक. स्लीप मोड इनको आराम देता है. नाम भले स्लीप मोड है मगर सुलाता नहीं है, बल्कि झपकी देता है. रैम और दूसरी ऐप्लीकेशंस को सांस लेने का टाइम देता है. जब आप चाय निपटा कर वापस आते हैं तो सिस्टम भी अपनी पावर नैप निपटा लेता है.
# री-स्टार्ट मतलब सिस्टम की सारी प्रोसेस को बंद करना. विशेषकर Windows kernel को. ये वो प्रोग्राम है जो सिस्टम के ऑपरेटिंग सिस्टम का कंट्रोल देखता है. इधर बटन दबाया उधर काम बंद. री-स्टार्ट ऑपरेशन बंद जरूर करता है मगर पूरी तरीके से नहीं. आपने गौर किया होगा कि इसके बाद भी कई प्रोग्राम ओपन रहते हैं. ये प्रोसेस आमतौर पर अपडेट्स इंस्टॉल करने, ड्राइवर इशू ठीक करने और ग्रुप पॉलिसी को इनेबल करने के लिए होता है. इन सभी के बाद आता है Shut Down.
# सिस्टम के सीपीयू से लेकर स्टोरेज और मेमोरी को बंद करने का काम. सारे ऐप्स और एप्लीकेशन की ताला बंदी. डिवाइस शटडाउन मतलब एक किस्म की लंबी नींद. सब कुछ स्विच ऑफ रहता है सिवाये घड़ी वाली बैटरी के. नींद गहरी जरूर होती है मगर बेहोशी वाली नहीं. एकदम वैसे ही जैसे बर्फीले भालू सोते हैं. गहरी नींद में जरूर होते हैं मगर खतरा भांपते ही एकदम तैयार. Hibernation कहते हैं इसको. इस प्रोसेस का प्रभाव इतना था कि माइक्रोसॉफ्ट को पानी के छींटे डालने पड़े.
मतलब विंडोज़ 8 से पहले Shut Down के बाद सिस्टम स्टार्ट होने में बहुत टाइम लगता था. कंपनी ने इससे बचने के लिए Fast Startup सिस्टम डेवलप किया. आजकल के सिस्टम इसलिए जल्दी रीबूट हो जाते हैं.
पूरी कथा का सार ये कि एक Shut Down आपके सिस्टम के लिए पर्याप्त है. फिजूल में कंट्रोल सेंटर में जाकर दुनिया भर की कमांड देने की और अपने साथ सिस्टम की नींद खराब करने की कोई जरूरत नहीं. हां, एक काम की जरूरत है. Shut Down एक जरूरी प्रोसेस है. हो सके तो रोज काम खत्म करके इस बटन को दबा दीजिए. रोज ना सही तो सप्ताहांत पर या अमास-पूनो तो करते रहिए.
चैन की नींद पर सबका हक है.
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