लाखों लोग अगले साल भी 5G का मजा नहीं ले पाएंगे, हवाई जहाज आड़े आ गया!
एयरप्लेन की वजह से बहुत सारे घरों में 5G का सिग्नल नहीं पहुंच पायेगा
हमारे देश में साल 2022 से अगर तकनीक के पिटारे में से कुछ उठाना हो तो निश्चित तौर पर वो 5G ही होगा. देर से ही सही, लेकिन देश में 5G सर्विस स्टार्ट हो गई है. अक्टूबर महीने में रोलआउट होने के तीन महीने के अंदर ही 50 से ज्यादा शहर तेज स्पीड का मजा ले रहे हैं. ऐसा लगता है जैसे अगले साल यानी 2023 में पूरा देश ही स्पीड के घोड़े पर सवार होगा. शायद नहीं. आपके मन में सवाल होगा, आखिर ऐसा क्या हो गया. जवाब छुपा है DoT (Department of Telecommunications) के एक आदेश में.
देश की दो प्रमुख टेलिकॉम कपनियां Airtel और Jio आने वाले साल में देश के हर कोने में 5G सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में हैं. जब हम ये खबर लिख रहे थे तब आंध्र प्रदेश में Jio 5G सर्विस लॉन्च हो चुकी थी. वैसे तो सब कुछ ठीक नजर आ रहा है, लेकिन अगर आप एयरपोर्ट के नजदीक रहते हैं तो हो सकता है कि आप 5G सर्विस का मजा नहीं ले पाएं.
इसके पीछे DoT का वो आदेश है जिसने टेलिकॉम कंपनियों को एयरपोर्ट के नजदीक 5G टॉवर लगाने से मना किया है. इसके मुताबिक 3.3-3.6 गीगा हर्ट्ज बैंड वाले मोबाइल टॉवर को एयरपोर्ट के 2.1 किलोमीटर के दायरे में इंस्टॉल नहीं करने के लिए कहा गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बैंड वाली फ्रीक्वेंसी से हवाई जहाज के लैन्डिंग गियर में दिक्कत आ सकती है. इस फ्रीक्वेंसी की वजह से एयरक्राफ्ट के रेडियो अल्टीमीटर और जीपीएस सिस्टम में दिक्कत हो सकती है जिसके चलते हवाई जहाज के रनवे पर लैंडिंग करते समय ब्रेक लगने में समस्या हो सकती है. अल्टीमीटर जमीन के ऊपर विमान की ऊंचाई को मापता है. जिस बैंड पर अल्टीमीटर काम करता है वह उस बैंड के करीब होता है जिस पर 5G सिस्टम काम करता है. हालांकि ये समस्या मॉडर्न एयरक्राफ्ट में नहीं है लेकिन पुराने विमानों के लिए ये चिंता का सबब है. वैसे ये समस्या सिर्फ हमारे देश की हो, ऐसा भी नहीं है. इसका असर ग्लोबल लेवल पर है.
आपको लग रहा होगा ऐसा कैसे? तो आज से कुछ महीने पहले यानी इस साल की शुरुआत में इसी परेशानी के चलते अमेरिका में हड़कंप मच गया था. कई सारी उड़ानों को रद्द भी करना पड़ा था. सिर्फ एअर इंडिया को अपनी 14 उड़ानें इसी वजह से रद्द करनी पड़ी थीं. वैसे इस दिक्कत को दूर करने का काम चल रहा है. Directorate General of Civil Aviation (DGCA) ऐसे विमानों के अल्टीमीटर बदलने का काम कर रहा है. लेकिन, जब तक ये रिपलेसमेंट नहीं हो जाता, तब तक हो सकता है कि लाखों लोगों को इंटरनेट की तेज स्पीड का मजा नहीं मिल पाए.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: अमेरिका में क्यों 5G टेस्टिंग से कई फ्लाइट लैंड नहीं हो पाई?