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Kalki 2898 AD में प्रभास की Bujji कार बोरिंग, बंदूकें बुड़बक और वीडियो कॉलिंग समझ से परे क्यों है?

जहां हम Kalki 2898 AD को अल्ट्रा प्रो मैक्स एडवांस फिल्लम समझ रहे थे, वहीं अनुभव 30 हर्ट्ज वाले PUBG गेम जैसा रहा. मतलब फिल्लम में साइंस फिक्शन है, गजेट्स हैं, तकनीक है मगर ओल्ड फैशन वाली. जमाना 144 हर्ट्ज पर गेमिंग का है तो ऐसे में देखी-दिखाई तकनीक से मौज नहीं आई. कुछ उदाहरण से समझते हैं.

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Kalki 2898 AD gadgets featured in the film, such as the Bujji car, AI video calling 
Kalki 2898 AD में तकनीक और गजेट्स
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सूर्यकांत मिश्रा
28 जून 2024 (Updated: 28 जून 2024, 10:08 PM IST) कॉमेंट्स
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Kalki 2898 AD सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. और अपनी सनीमा टीम के सौजन्य से अपन भी फर्स्ट डे-फर्स्ट शो का आनंद उठा लिए. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रभास और दीपिका स्टारर इस फिल्लम को बहुबड़ा साई-फाई और फ्यूचरिस्टिक सिनेमा बताया जा रहा था. भयंकर एडवांस गजेट्स और तकनीक के इस्तेमाल की बात कही जा रही थी. देसी Marvel Cinematic Universe बनाने की बात हो रही थी. ऐसे में लल्लनटॉप के एकमेव टेक एक्सपर्ट होने के नाते इस फिल्लम को देखना बनता था. हमने देखी, मगर तकनीक के स्तर पर निराशा हाथ लगी. क्योंकि,

जहां हम Kalki 2898 AD को अल्ट्रा प्रो मैक्स एडवांस फिल्लम समझ रहे थे, वहीं अनुभव 30 हर्ट्ज वाले PUBG गेम जैसा रहा. मतलब फिल्लम में साइंस फिक्शन है, गजेट्स हैं, तकनीक है, मगर ओल्ड फैशन वाली. जमाना 144 हर्ट्ज पर गेमिंग का है तो ऐसे में देखी-दिखाई तकनीक से मौज नहीं आई. कुछ उदाहरण से समझते हैं.

वीडियो कॉलिंग

फिल्लम सेट है कलयुग के अंत के आसपास. क्योंकि फिल्लम है तो कुछ दिखाने की फ़्रीडम उन्होंने ली तो कुछ सोचने की फ़्रीडम हम लेते हैं. इसलिए मान लेते हैं कि अभी कलयुग के खत्म होने में लाखों साल हैं, ऐसे में वो तकनीक दिखाना जो आजकल आम है, समझ नहीं आता. हाथ में पहने गजेट से की गई वीडियो कॉल में इंसान की तस्वीर. अरे बाबा वर्चुअल रियलिटी नहीं देखते. स्पोर्ट्स चैनल इसी का इस्तेमाल करके हजारों किलोमीटर दूर बैठे एक्सपर्ट को स्टूडियो में ऐसे ही तो बुलाते हैं. अच्छा होता बस आंखों की पुतलियों को जुंबिश देते और फिर सामने वाला शख्स नजर आता तो कोई और बात होती.

बोरिंग Bujji कार

फिल्लम की रिलीज से पहले इसका खूब माहौल बनाया गया. AI पॉवर्ड कार बताया गया. रियलिटी में किसी बड़े टीन के डिब्बे में फिट दो बड़े टायरों से ज्यादा कुछ नहीं. ऑटो पायलट वाली Tesla और जेम्स बॉन्ड वाली कारों के सामने बहुत फीकी लगती है. Bujji बनी कैसे इसके बारे में भी कछु नहीं बताया. फीचर्स पर भी कोई फोकस नहीं. ऊपर से जब एक सीन में प्रभास इसको ऑपरेट करते हैं तो हंसी आती है. आप एक सुपर एडवांस कार चला रहे और वॉयस कमांड की जगह आपका शरीर हिलने पर कार काम कर रही. Transformers की सस्ती कॉपी कहना भी गलत होगा.

तस्वीर क्रेडिट: इंडिया टुडे 
बुड़बक बंदूक

फिल्लम में हथियार के तौर पर जिन बंदूकों को दिखाया गया है वो किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट से खरीदी हुई लगती हैं. चीप प्लास्टिक की बंदूक जो शायद होली खेलने में इस्तेमाल होती है. सोचकर देखिए कि आज से सैकड़ों साल बाद कोई किसी को मारने के लिए हाथ से बंदूक चलाएगा. जनाब तब तक को तकनीक इतनी आगे जा चुकी होगी कि मन में सोचने भर से गजेट्स काम करेंगे.

कुल मिलाकर हम इंडियन जार्विस से मिलने की उम्मीद लगाए थे. देसी Tesla की सवारी करने का ख्वाब पाले थे. मगर ऐसा कुछ मिला नहीं. रही बात ओवर ऑल फिल्लम की तो हमारे साथी श्वेतांक ने इसका सटीक रिव्यू लिखा है. इसको पढ़िएगा जरूर.

फिल्म रिव्यू- कल्कि 2898 AD

वीडियो: प्रभास की Kalki 2898 AD की पहले दिन की कमाई ने KGF 2, Jawan सब का रिकॉर्ड तोड़ दिया

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