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अडानी को भी मिल गया 5G का लाइसेंस, अब एयरटेल और जियो क्या करेंगे?

अडानी के आने से टेलिकॉम का गेम बदलेगा क्या?

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Gautam Adanis adani data network gets full telecom licence
अडानी अब टेलिकॉम सेक्टर में भी(image/india today)
12 अक्तूबर 2022 (Updated: 12 अक्तूबर 2022, 17:22 IST)
Updated: 12 अक्तूबर 2022 17:22 IST
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गौतम अडानी (Gautam Adani) को टेलीकॉम सेक्टर के लिए एकीकृत लाइसेंस Integrated Telecom License) मिल गया है. एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी अडानी डाटा नेटवर्क लिमिटेड (ADNL) को ये लाइसेंस मिलने का मतलब है कि कंपनी देश भर में सभी टेलीकॉम सर्विसेज मुहैया कराने के लिए सक्षम है. अडानी समूह ने हाल में हुई नीलामी में 5G स्पेक्ट्रम खरीदकर देश के दूरसंचार क्षेत्र में प्रवेश किया था.

पीटीआई के मुताबिक, इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा,

''अडानी डेटा नेटवर्क्स को यूएल (एएस) लाइसेंस मिल गया है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह लाइसेंस सोमवार को जारी किया गया"

रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी ग्रुप को सोमवार को लाइसेंस दे दिया गया है. हालांकि इस संबंध में अडानी समूह की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. एडीएनएल ने हाल में हुई 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में बीस सालों के लिए दो सौ बारह करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम खरीदा था. उस समय अडानी समूह ने टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री लेते हुए कहा था कि वह अपने डाटा सेंटरों के साथ सुपर ऐप के लिए एयरवेव का उपयोग करने का प्लान बना रहा है. इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल समूह के भीतर की कारोबारी गतिविधियों के लिए किया जाएगा. कंपनी ने तब कहा था कि, 5G स्पेक्ट्रम बिजली वितरण से लेकर बंदरगाहों तक गैस की खुदरा बिक्री और हवाई अड्डों तक को सपोर्ट देगा.

आसान भाषा में कहा जाए तो अब अडानी समूह लाइसेंस मिलने के बाद अपने नेटवर्क पर लंबी दूरी की कॉल करने और इंटरनेट सेवाओं का विस्तार कर पाएगी. इस लाइसेंस के मिलने के बाद कंपनी भविष्य अपनी 5जी सेवाओं को विस्तार दे सकती है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अडानी की टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री का असर सीधे-सीधे इसी सेक्टर की दूसरी कंपनियों-जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया पर पड़ेगा. नए खिलाड़ी के आने से टेलिकॉम सेक्टर में गला काट प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है.  

बता दें कि नीलामी में मुकेश अंबानी  (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली रिलायंस जियो इंफोकॉम (Reliance Jio) ने 88 हजार 78 करोड़ रुपये खर्च करके स्पेक्ट्रम हासिल किये हैं. भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने 43 हजार 84 करोड़ रुपये, तो वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने 18 हजार 799 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. एयरटेल और जियो ने 1 अक्टूबर से कुछ शहरों में अपनी 5जी सर्विस को लॉन्च भी कर दिया है.

अभी तक दोनों समूह अलग-अलग सेक्टर में काम करते आए हैं. रिलायंस समूह तेल, रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स से लेकर टेलीकॉम और रिटेल सेक्टर में काम करता है तो अडानी समूह पोर्ट, कोयला, ग्रीन एनर्जी, बिजली वितरण और एविएशन सेक्टर के माहिर खिलाड़ी हैं. लेकिन अब एडीएनएल के इस सेक्टर में आने को दोनों के बीच पहली सीधी टक्कर के तौर पर देखा जा रहा है. 

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