ऑनलाइन फ्रॉड हो जाए तो साइबर हेल्पलाइन 155260 पैसा वापस दिलवाएगी
इस हेल्पलाइन का पूरा तिया-पांचा समझ लीजिए
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155260 हेल्पलाइन पर आप ऑनलाइन फ्रॉड की कंप्लेन कर सकते हैं. (फ़ोटो: pixabay)
देश में आए दिन नए-नए किस्म के ऑनलाइन स्कैम के मामले दिखते रहते हैं. जो लोग इन ठगी का शिकार होते हैं, वो थाने और साइबर सेल के चक्कर लगाते रह जाते हैं. इन्हीं मामलों में लोगों की मदद करने के लिए दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक नई हेल्पलाइन शुरू की है, जिसका नंबर है 155260.अगर ये नंबर आपको जाना-पहचाना लग रहा है, तो आपने सही पकड़ा है. साइबर क्राइम रिपोर्ट करने के लिए ये नंबर काफ़ी टाइम से चल रहा था. पिछले साल नवंबर में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस हेल्पलाइन सर्विस की क्षमता को बढ़ाने के लिए अपने हाथ में ले लिया. इस हेल्पलाइन पर कॉल करके लोग अपने साथ हुए पैसों की ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकते हैं और अपने पैसों को वापस पा सकते हैं. क्या खास है इस नंबर में? इस नंबर का असल मकसद ये है कि पुलिस तक इस तरह के फ्रॉड के मामले जल्द से जल्द पहुंच सकें. इस काम के लिए इन्होंने इस हेल्पलाइन नंबर में 10 नई लाइन जोड़ी हैं. पुलिस का कहना है कि इन्हें इसके फायदे भी दिखे. इसके ज़रिए 23 फ्रॉड विक्टिम को पूरी रकम या उसका कुछ हिस्सा वापस मिला है. पुलिस के मुताबिक ये रकम 8.11 लाख रुपए है, जिनमें से सबसे बड़ा फ्रॉड अमाउन्ट 98,000 रुपए का था. फ्रॉड के केस को जल्दी सुलझाने के लिए पुलिस ने कई सारे बैंक, ऑनलाइन वॉलेट और पेमेंट कंपनियों को भी इस सिस्टम से जोड़ने के लिए संपर्क किया. इनमें से करीब 50 ने इस सिस्टम को जॉइन भी कर लिया है. कैसे काम करती है हेल्पलाइन? जिस शख्स के साथ ऑनलाइन फ्रॉड हुआ हो वो 24 घंटे के अंदर-अंदर इस हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं. इन्हें अपनी बैंक डीटेल या फिर ऑनलाइन वॉलेट जिसमें फ्रॉड हुआ हो, उसकी जानकारी देनी होगी. अगर इनके पास उस अकाउंट की भी जानकारी है जिसमें पैसा जोड़ा गया है, तो ये भी देना होगा.

155260 पर इस वक़्त दिल्ली और राजस्थान वाले लोग कॉल कर सकते हैं.
इसके बाद पुलिस संबंधित बैंक या वॉलेट कंपनी से संपर्क करती है. इनसे इन्हें इस फ्रॉड लेन-देन की जानकारी मिल जाती है. अगर फ्रॉड करने वाले ने इस पैसे को नहीं निकाला होता है या इस्तेमाल नहीं किया होता है, तो बैंक या वॉलेट कंपनी इसे पुलिस के कहने पर लॉक कर देती हैं. इसके बाद ये पैसा वापस विक्टिम के पास भेज दिया जाता है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आमतौर पर ऐसे फ्रॉड को रिपोर्ट करने और पुलिस तक पहुंचने में कई घंटे लग जाते हैं. इस हेल्पलाइन की मदद से फ्रॉड की जानकारी बहुत जल्दी मिल जाती है और पैसा वापसी की प्रक्रिया भी जल्दी हो जाती है. कौन-कौन कर सकता है कॉल? 155260 एक नेशनल प्लेटफॉर्म है. टेस्टिंग के बाद ये पूरी तरह से लॉन्च हो चुका है. राजस्थान ने इसे जॉइन कर लिया है और दिल्ली पुलिस का मानना है कि और भी राज्य जल्द ही इसे जॉइन करेंगे. मतलब कि इस वक़्त दिल्ली और राजस्थान वाले लोग इस पर कॉल कर सकते हैं.