रमेशबाबू . वो नाम, जिसे कुछ दिन पहले तक दुनिया में ही नहीं भारत में भी बहुत सेखेलप्रेमी नहीं पहचानते थे. लेकिन अब ये नाम खबरों में छाया हुआ है. इसकी वजह हैचेस की दुनिया में छह महीने के भीतर प्रग्ननंदा का वर्ल्ड चैम्पियन मैगनस कार्लसनको तीन बार हराना. महज़ 17 साल के प्रग्ननंदा ने सोमवार, 22 अगस्त को FTX क्रिप्टोकप के अंतिम दौर में ये कारनामा कर इतिहास रच दिया है. चेन्नई से आने वाले इस 17 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर के यहां तक पहुंचने की कहानीभी कमाल है. ब्रूट को दिए एक इंटरव्यू में प्रग्ननंदा की ज़िन्दगी से जुड़ी ढेरसारी बातें पता चलीं. घर में प्यार से प्रग्ननंदा को प्रग बुलाते हैं. तीन साल कीउम्र से ही प्रग के हाथ में चेस का बोर्ड था. यानि तीन साल की उम्र से ही उन्हेंचेसबोर्ड का एक्सेस मिल गया. हालांकि, तीन साल की उम्र में चेस खेलना सुनने में हीअजीब सा लगता है. था भी बिल्कुल ऐसा ही. दरअसल प्रग्ननंदा के घरवाले बड़ी बहनवैशाली को इस खेल में माहिर बनाना चाहते थे. लेकिन नन्हे प्रग्ननंदा, जब भी बहन कोचेसबोर्ड के साथ प्रेक्टिस करते देखते, तो वो उनके खेल को बिगाड़ देते. देखिएवीडियो.