बिन पानी सब सून और बिन WhatsApp भी सब सून. पानी के केस में तो कहावत सही है, लेकिन वॉट्सऐप के केस में शायद अतिश्योक्ति लग सकती है. लेकिन हकीकत ये भी है कि हमारी ज़िंदगी इसके आसपास घूमती है. बिन वॉट्सऐप बहुत सारे काम लंबे समय के लिए ठप पड़ जाते हैं. वॉट्सऐप अब नॉर्मल बातचीत से कहीं आगे का ऐप हो गया है. सब बढ़िया है, बस एक दिक्कत है. वॉट्सऐप पर मैसेज करने से पहले सामने वाले का नंबर सेव करना पड़ता है.