ग्रीन पार्क में मैच हो रहा था. देखने का मौका नहीं मिला. टिकट था नहीं. जुगाड़ सेघुसाते थे पुलिस वाले. पिता जी ने बात की. बोला आ जाओ 11 बजे. फिर उसे कुछ काम आगया. तो चला गया. मैं गेट पर खड़ा था. अंदर चौके छक्के पड़ रहे थे. फिर लौटते मेंपिता जी ने चाय समोसा खिला खुश किया. फिर क्या यहां देखें. बता रहे हैं राजीवशुक्ला.