1892 में रवींद्रनाथ टैगोर ने एक कहानी लिखी. काबुलीवाला. घर-घर घूमकर मेवा बेचनेवाले एक अफ़गानी शख्स की एक पांच साल की भारतीय बच्ची से आत्मीयता की कहानी. इसीकहानी को विस्तार देते हुए डायरेक्टर देब मेधेकर एक उम्दा फिल्म लेकर आए हैं. नामहै ‘बायोस्कोपवाला’. इसमें मुख्य किरदार में हैं डैनी.