अगर ये घटना न हुई होती, तो शायद ओशो और बड़े होते. और लंबा जीते. अमेरिका में उनकीवैसी बेइज्जती न हुई होती. और शायद उन्हें अमेरिका से लौटकर भारत नहीं आनापड़ता.नस्लीय भाईचारे और बराबरी जैसी अच्छी बातें करने वाला एक शख्स इंसानों कोदिमाग पर इतना हावी हो गया कि वो लोग उसकी बात मानकर आत्महत्या करने को राजी हो गए.एक-दो नहीं, बल्कि 918 लोग.