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खून पीकर डराने वाला मुक्केबाज़, जिसने वैलेंटाइन डे पर गदर काट दिया था!

मोहम्मद अली इस बॉक्सर को अपना आदर्श मानते थे. वैलेंटाइन डे पर गदर काटने वाली इस फाइट में हुआ क्या था?

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Sugar Ray Robinson vs Jake Lamota fight 1951
शुगर रे रॉबिन्सन-जेक लमोता (फोटो - Getty Images)
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गरिमा भारद्वाज
19 अक्तूबर 2024 (Published: 06:44 IST)
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स्पोर्ट्स. दुनिया की सबसे कमाल की चीज़. और इस कमाल की चीज़ में होती हैं कई सारी राइवलरीज़, जो पूरी दुनिया को एंटरटेन करती है. आज के समय में हमको टेनिस में नोवाक जोकोविच बनाम रफाएल नडाल देखने को मिलता है. फुटबॉल में क्रिस्टियानो रोनाल्डो बनाम लियोनल मेसी है.

क्रिकेट में एक समय में सचिन तेंडुलकर बनाम शेन वॉर्न होता था. और बॉक्सिंग में मोहम्मद अली बनाम जो फ्रेज़ियर. इन बड़ी-बड़ी राइवलरीज़ के बीच और भी कई ऐसी भिड़ंत रही, जिन पर कम ही लोगों का ध्यान जाता है. जैसे शुगर रे रॉबिन्सन वर्सेज़ जेक लमोता.

इन दोनों के बीच वैलेंटाइन डे के दिन हुई लड़ाई इतनी फेमस है, कि उसका नाम ही Valentine Day Massacre रख दिया गया. और अगर अभी तक आप इनको हल्के में ले रहे हैं, तो सुनिए, रॉबिन्सन के लिए मोहम्मद अली ने एक इंटरव्यू में क्या कहा था,

‘मैं शुगर रे रॉबिन्सन को अपना आदर्श मानता हूं. वो एक पर्फेक्ट बॉक्सर थे. मैं बिल्कुल उनके जैसा बनाना चाहता था.’

बॉक्सिंग रिंग में शुगर रे रॉबिन्सन के इतने जलवे थे, कि कोई उनको नॉकआउट नहीं कर पाता था. लेकिन गार्डियन के मुताबिक,  एक दफ़ा यैंकी स्टेडियम में भरी धूप में जोये मैक्सिम से लड़ते हुए रॉबिन्सन गिर गए. और अगले राउंड के लिए घंटी की आवाज़ का जवाब नहीं दे पाए. इस हार के बाद अपनी मेडिकल टीम और अपने मैनेजर से रॉबिन्सन ने कहा,

‘उसने मुझे नॉकआउट नहीं किया? क्या उसने ऐसा कर दिया?’

जिसके बाद रॉबिन्सन के साथ खड़े लोगों ने उनको बताया कि वो गर्मी की वजह से गिरे, मैक्सिम की वजह से नहीं. और धीमे-धीमे जैसे रॉबिन्सन क्लियर बोलने लगे उन्होंने अपनी हार पर कहा,

‘गर्मी ने मुझे नहीं हराया. भगवान यही चाहते थे. ये भगवान थे. वो चाहते थे कि मैं हार जाऊं’.

# Valentine Day Fight

रॉबिन्सन के अपने समय में जलवे थे. लेकिन इन जलवों के बीच उनकी लमोता के साथ राइवलरी भी बहुत फेमस थी. तो अब हम वापस उस राइवलरी और उस फाइट पर आते हैं. इस राइवलरी पर लमोता का कहना था,

‘मैं शुगर रे से इतना लड़ा कि मुझे लगभग डायबिटीज हो गई.’

ये दोनों बंदे रिंग के अंदर जितनी दुश्मनी रखते थे, रिंग के बाहर एक-दूसरे की उतनी ही इज्जत भी करते थे. और रिंग में बेशक इन दोनों के बीच हुई छह फाइट के नतीज़े 5-1 से रॉबिन्सन के पक्ष में रहे, लेकिन ये मुकाबले हमेशा कड़े रहते थे. लमोता को तो बुल बुलाया जाता था. और उन्होंने जब रॉबिन्सन को हराया था, तो ये 40 प्रोफेशनल फाइट्स में रॉबिन्सन की पहली हार थी.

हालांकि 21 दिन के अंदर ही रॉबिन्सन ने इसका बदला ले ही लिया था. और उसके बाद साल 1946 में वेल्टरवेट चैम्पियन भी बने थे. इन दोनों के बीच की जंग चलती ही रहती थी. और इस जंग का अंत 14 फरवरी 1951 को हुआ. जब ये दोनों छठी और आखिरी बार एक-दूसरे के सामने आए.

और इस बार दांव पर था लमोता का वर्ल्ड मिडलवेट टाइटल. ESPN के अनुसार, जब दोनों ने फाइट के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किए थे उस समय रॉबिन्सन ने लमोता को डराने की कोशिश की थी. बीफ स्टीक से निकला खून का गिलास पीकर. लेकिन इससे लमोता को कुछ फर्क नहीं पड़ा.

हालांकि लमोता के साथ एक दिक्कत जरुर थी. वो फाइट से एक दिन पहले तक अपने लिमिट वजन से 13 किलोग्राम ज्यादा थे. ऐसे में रॉबिन्सन का प्लान क्लियर था. उनको शुरू में लमोता से काम करवाना था. और बाद में जब वो थक जाते तो उसका फायदा उठाना था. और इसी चक्कर में आठवें राउंड के बाद दो जज ने लमोता को फाइट में आगे बता दिया था.

लेकिन इसके बाद लमोता धीमे-धीमे थक गए और रॉबिन्सन ने अटैक करना शुरू कर दिया. 12वें, 13वें राउंड में रॉबिन्सन डॉमिनेट करते रहे. लेकिन, इस बीच पंच खाते हुए भी लमोता ने रॉबिन्सन से कहा,

‘आप मुझे नीचे नहीं गिरा सकते.’

जब 13वें राउंड में रेफरी ने रॉबिन्सन को विजेता घोषित किया, उस समय भी लमोता अपने पैरों पर थे. रॉबिन्सन ये फाइट जीत गए थे. और कई सालों बाद उन्होंने लमोता पर कहा था,

‘वो सबसे मुश्किल लड़का है जिससे मैंने लड़ाई की है. मैं उससे ज्यादा आक्रामक और रफ लड़के को नहीं जानता.’

फाइट के आखिरी राउंड में लमोता की बुरी तरह हुई पिटाई के बाद इस फाइट का नाम The St. Valentine's Day Massacre रख दिया गया. लमोता ने इस फाइट के तीन साल बाद रिटायरमेंट ले लिया. लेकिन रॉबिन्सन साल 1965 तक खेलते रहे.

वीडियो: मोहम्मद अली की बीवी द्वारा सुनाया गया वो क़िस्सा जब अली ने बताया था कि उन्होंने इस्लाम क्यों चुना?

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