ईस्ट बंगाल, मोहन बागान का हिस्सा होने का क्या मतलब था, सुनील छेत्री ने बताया
Sunil Chhetri बताते हैं की जब उन्हें अकादमी से बुलावा आया था तो वो भागते हुए गए थे. उस समय मोहन बागान जैसे टॉप फुटबॉल क्लब खिलाड़ियों के लिए मक्का-मदीना के समान थे.
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